पदयात्रा से सत्ता के शिखर पर कदमताल करने की कहानी पूरी फिल्मी है
2004 में पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी के सीएम बनने के बाद जगन रेड्डी के करियर को उड़ान मिली। उनका बिजनेस खनन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सीमेंट निर्माण और मीडिया तक में फैल गया। वे तेलुगू अखबार साक्षी और चैनल साक्षी टीवी के फाउंडर भी हैं।
आज जब पूरे देश में नई सरकार के शपथ को लेकर चर्चा-ए-आम है इन सब के बीच दिल्ली दरबार से 1800 किलोमीटर दूर एक राजनेता के राजनीतिक उदय की कहानी लिखी जा रही है। एक ऐसी कहानी जिसमें दुःख है, अपमान है, क्रोध है, संघर्ष है, बदला है और फिर हैप्पी इंडिंग भी है। आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद जगन मोहन रेड्डी ने राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री के रुप में आज शपथ ली। वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश विधानसभा की 175 सीटों में से 151 सीट जीतकर जनता का विश्वास हासिल करने के साथ ही लोकसभा की 25 में से 22 सीटों को भी अपने नाम किया। 'रावाली जगन, कवाली जगन' राजनीतिक अभियान के लिए बनाया गए इस गीत का अर्थ ‘जगन को आना चाहिए, हमें जगन चाहिए’ है। इस गाने को आंध्र प्रदेश की जनता ने बड़े गौर से सुना और इसके बोल को सच मानते हुए गाने की धुन में मगन होकर जगन मोहन पर जमकर प्यार बरसाया।
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Congratulations to Jagan Reddyji on being sworn in as the CM of Andhra Pradesh.
My best wishes to him, his new team of ministers and to all the people of the state.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 30, 2019
वाईएसआर रेड्डी की लोकप्रियता इतनी थी कि उनकी मौत की खबर सुनकर कई लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। जगन मोहन ने पिता की मृत्यु के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात सोची थी लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उसके विपरित रोसैय्या को मुख्यमंत्री बना दिया। पिता की मौत के बाद राज्य में श्रद्धांजलि यात्रा निकालने की अनुमति भी जगन मोहन को कांग्रेस पार्टी से नहीं मिली थी।