मध्यप्रदेश का मतदाता बहुत समझदार है, उपचुनाव में करेगा सही फैसला: कमलनाथ
सिंधिया के छह समर्थक मंत्रियों जो इस साल मार्च में 22 कांग्रेस के विधायकों के साथ इस्तीफा देने वालों में शामिल थे, के मुताबिक कमलनाथ का यह बयान कांग्रेस की सरकार के पतन में निर्णायक साबित हुआ।
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उपचुनाव में 28 में से कितनी सीटें कांग्रेस को मिलने की उम्मीद है कि सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं ये घोषणा नहीं करता। ये शिवराज जी घोषणा करते हैं।’’ उपचुनाव में प्रचार के दौरान मध्यप्रदेश की एक महिला मंत्री के लिये ‘‘आइटम’’ शब्द का इस्तेमाल करने पर कमलनाथ को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। चुनाव आयोग द्वारा शुक्रवार को आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन के लिये कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा रद्द कर दिया है। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘स्टार प्रचारक का कौन सा पद, कौन सा कद होता है। चुनाव आयोग ने मुझे कोई नोटिस नहीं दिया, मुझे पूछा नहीं, तो ये कौन कर रहा है, आखिरी दो दिनों में, वो जाने उनका काम जाने।’’ कमलनाथ ने हालांकि अपने द्वारा उपयोग किये गये ‘‘आइटम’’ शब्द का बचाव करते हुए कहा, ‘‘ मैं इतने साल लोकसभा में रहा। लोकसभा की शीट पर, एजेंडे में लिखा रहता है, आइटम नं 1, 2... मेरे दिमाग में वो रहा। मैंने किसी के प्रति दुर्भावना से या किसी को अपमानित करने के लिये नहीं बोला था। क्योंकि ये आइटम शब्द से मैं बहुत परिचित रहा हूं, लोकसभा और विधानसभा में। और मैंने ये कहा कि अगर कोई अपमानित महसूस करता है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।’’ कमलनाथ ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने महिलाओं के संदर्भ में उस शब्द को अस्वीकार किया था लेकिन राहुल उनके (कमलनाथ) खिलाफ नहीं थे। सत्तारुढ़ भाजपा के नेता उनसे इस टिप्पणी के लिये माफी मांगने की मांग कर रहे हैं, तब उन्होंने कहा, ‘‘यह देखिये कोई किसी की मांग नहीं है। अंत में (मैं) वही करता हूं जो सही एवं उचित है। क्योंकि यह (महिला मंत्री का अनादर करना) मेरी भावना नहीं थी।’’
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वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के मार्च माह में अपने 22 समर्थक विधायकों सहित कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाने से प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अल्पमत में आकर गिर गयी। इसके बाद शिवराज के नेतृतव में मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। कमलनाथ सरकार गिरने के कुछ दिन पहले टीकमगढ़ में एक सभा में सिंधिया ने चेतावनी दी थी कि यदि कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने कांग्रेस के घोषणा पत्र के वादे पूरे नहीं किये तो वह सड़क पर उतर जाएंगे। इस चेतावनी पर कमलनाथ ने कहा था, ‘‘तो उतर जायें सड़क पर।’’ सिंधिया को इस तरह का जवाब देने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि ऐसी स्थिति में वह और क्या कहते। उन्होंने कहा, ‘‘ अगर कोई कहे कि मैं सड़क पर उतर जाऊँगा और मेरे से प्रश्न पूछा जायेगा कि वो सड़क पर उतर जायेंगे तो कहना पड़ेगा कि वो उतर जायें और मैं क्या कहता।’ सिंधिया के छह समर्थक मंत्रियों जो इस साल मार्च में 22 कांग्रेस के विधायकों के साथ इस्तीफा देने वालों में शामिल थे, के मुताबिक कमलनाथ का यह बयान कांग्रेस की सरकार के पतन में निर्णायक साबित हुआ। क्या इसके बाद सिंधिया से बात होती थी, के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ उसके बाद भी बात तो मेरी उनसे हमेशा ही होती थी। खाने पर भी आते रहे। मेरे अच्छे संबंध थे। अब उन पुरानी बातों में जाने का मतलब नहीं।’’
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