हानिकारक गतिविधियों से तीन विश्व विरासत स्थलों को खतरा
कोच्चि। विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के एक नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार भारत की तीन प्रमुख प्राकृतिक विश्व विरासत स्थलों- पश्चिमी घाट, सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान और मानस वन्य जीव अभयारण्य को खनन जैसी हानिकारक औद्योगिक गतिविधियों के कारण खतरे का सामना करना पड़ रहा है। सर्वेक्षण में बताया गया है कि खनन, अवैध लकड़ी कटाई, तेल एवं गैस की खोज के कारण 229 प्राकृतिक विश्व विरासत स्थलों में से 114 पर खतरा मंडरा रहा है, इसमें सुंदरवन, पश्चिमी घाट और असम के मानस वन्य जीव अभयारण्य भी शामिल हैं।
सुंदरवन रॉयल बंगाल टाइगर के लिए जाना जाता है जबकि पश्चिमी घाट विश्व के प्रमुख जैवविविधता हॉटस्पॉट में शामिल है और मानस अभयारण्य भारतीय गैंडा समेत कई विलुप्तप्राय प्रजातियों का आवास है। पश्चिमी घाट छह राज्यों- महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में फैला है और इसे खनन तथा तेल एवं गैस की खोज के कारण खतरों का सामना करना पड़ रहा है। मानस वन्यजीव अभयारण्य को बांधों और पानी के बेतरतीब इस्तेमाल से खतरा बताया गया है। सर्वेक्षण का शीर्षक है ‘प्रकृति के माध्यम से लोगों की रक्षा।’ सर्वेक्षण के अनुसार, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में फैले सुंदरवन को पानी के अंधाधुंध इस्तेमाल, बांधों, लकड़ी कटाई, अधिक मछली पकड़ने और नौवहन मार्ग जैसे विभिन्न गतिविधियों से खतरा है।
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