TMC नेता का बीजेपी को बताया उग्रवादी धार्मिक पार्टी, 2024 चुनाव में पीएम मोदी को लेकर कही ये बात
टीएमसी नेता जयप्रकाश मजूमदार ने साफ तौर पर कहा कि 2024 के चुनाव में बंगाल का नतीजा तय करेगा कि नरेंद्र मोदी पीएम बनेंगे या नहीं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नेताजी ने आरएसएस को कभी पसंद नहीं किया और यहां तक कि आरएसएस ने भी नेताजी को पसंद नहीं किया।
2024 चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से 2024 के चुनाव की तैयारी को लेकर काम करने को भी कह दिया है। इन सबके बीच विपक्ष भी अपने समीकरण को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के नेता जयप्रकाश मजूमदार ने भाजपा पर जबरदस्त तरीके से निशाना साधा है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी बता दिया है कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं बनेंगे, यह पश्चिम बंगाल से तय होगा। अपने बयान में मजूमदार ने कहा कि भाजपा सेक्युलर पार्टी नहीं है, यह एक उग्रवादी धार्मिक पार्टी है। बंगाल अब न तो भाजपा के साथ है और न ही आरएसएस के साथ।
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टीएमसी नेता जयप्रकाश मजूमदार ने साफ तौर पर कहा कि 2024 के चुनाव में बंगाल का नतीजा तय करेगा कि नरेंद्र मोदी पीएम बनेंगे या नहीं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नेताजी ने आरएसएस को कभी पसंद नहीं किया और यहां तक कि आरएसएस ने भी नेताजी को पसंद नहीं किया। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके नेता बंगाल आते हैं और नेताजी के बारे में केवल दिखावा करते हैं। आपको बता दें कि नेताजी की बेटी अनीता बोस फाफ ने हाल में ही कहा था कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस आरएसएस की विचारधारा के आलोचक थे। दरअसल, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तरफ से 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाने की तैयारी की जा रही है। इसी के सदर्भ में उनका यह बयान आया था।
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आरएसएस नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती कोलकाता के शहीद मीनार में मनाएगा, जिसमें मोहन भागवत मुख्य वक्ता होंगे। अनीता बोस फाफ ने हा कि मेरे पिता एक ऐसे व्यक्ति थे जो एक कट्टर हिंदू थे लेकिन सभी धर्मों के प्रति सम्मान रखते थे और मानते थे कि हर कोई एक साथ रह सकता है। मुझे नहीं लगता कि आरएसएस इसमें विश्वास करता है। उन्होंने कहा, 'अगर आरएसएस ने नेताजी की विचारधारा को अपनाना शुरू कर दिया है, तो यह भारत के लिए अच्छा होगा। नेताजी धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते थे और मुझे यकीन नहीं है कि आरएसएस उस पर कायम है।
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