'मुझे कहा था घर जाओ, खाना बनाओ', BJP पर वार करते हुए सुप्रिया सुले बोलीं- ये है इनकी मानसिकता

Supriya Sule
ANI
अंकित सिंह । Sep 20 2023 5:26PM

महाराष्ट्र भाजपा के पूर्व प्रमुख का हवाला देते हुए सुले ने कहा, “उन्होंने कहा कि सुप्रिया सुले घर जाओ, खाना बनाओ, देश कोई और चला लेगा। हम लोग चलाएंगे। उन्होंने आगे कहा, "यह बीजेपी की मानसिकता है।"

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने बुधवार को लोकसभा में महिला प्रतिनिधित्व विधेयक पर बहस के दौरान बोलते हुए महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व प्रमुख की उन पर की गई भेदभावपूर्ण टिप्पणियों को याद किया। सदन के सदस्यों को संबोधित करते हुए, सुले ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की विपक्षी इंडिया गुट द्वारा उन लोगों का पक्ष लेने की टिप्पणियों का विरोध किया, जो महिलाओं को अपमानित करते थे और अपमानजनक बातें करते थे और कहा, “महाराष्ट्र में एक भाजपा प्रमुख थे, और उन्होंने मुझसे रिकॉर्ड पर कहा था कि मुझे घर जाकर खाना बनाना चाहिए।”

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महाराष्ट्र भाजपा के पूर्व प्रमुख का हवाला देते हुए सुले ने कहा, “उन्होंने कहा कि सुप्रिया सुले घर जाओ, खाना बनाओ, देश कोई और चला लेगा। हम लोग चलाएंगे। उन्होंने आगे कहा, "यह बीजेपी की मानसिकता है।" उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता महिला विधायकों पर निजी टिप्पणियां करते हैं, जिससे पता चलता है कि उनकी मानसिकता क्या है। मैं सिर्फ एक व्यक्तिगत अनुभव का हवाला दे रहा हूं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने कहा कि यह संदेश दिया जाना चाहिए कि सभी दल एससी, एसटी और ओबीसी के प्रति प्रतिबद्ध हैं, लेकिन अगर भाजपा का कोई अलग रुख है तो उसे बताना चाहिए। 

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द्रमुक सांसद कनिमोझी ने चर्चा में भाग लेते हुएकहा कि प्रतीकों की राजनीति (टोकनिज्म) बंद होनी चाहिए। कनिमोझी ने कहा कि सरकार ने इस प्रस्तावित कानून को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ कहा है, लेकिन महिलाओं को वंदन, पूजा की जरूरत नहीं है, उन्हें सम्मान की, समानता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि ने 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि 2017 में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और द्रमुक नेता स्टालिन ने भी मोदी को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया था। कनिमोझी ने कहा कि वह स्वयं भी इस विषय को कई बार संसद में उठा चुकी हैं।

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