Manipur के विस्थापित लोगों को मतदान की सुविधा देने की याचिका पर सुनवाई से शीर्ष अदालत का इनकार

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प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि इस अदालत के हस्तक्षेप से, वो भी इस स्तर पर, मणिपुर में लोकसभा चुनाव कराने में अवरोध उत्पन्न होंगे।

उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर में जातीय संघर्ष के कारण आंतरिक रूप से विस्थापित लगभग 18,000 लोगों के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान की सुविधा की मांग करते हुए दायर याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया।

मणिपुर में लोकसभा की दो सीट के लिए मतदान दो चरणों में 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को होगा। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि इस अदालत के हस्तक्षेप से, वो भी इस स्तर पर, मणिपुर में लोकसभा चुनाव कराने में अवरोध उत्पन्न होंगे।

पीठ ने कहा, ‘‘आप बहुत देरी से आए हैं। इस स्तर पर क्या हो सकता है? हम इस स्तर पर हस्तक्षेप नहीं कर सकते।’’ शीर्ष अदालत मणिपुर निवासी नौलक खामसुआनथांग और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने अनुरोध किया था कि भारत निर्वाचन आयोग को मणिपुर के बाहर बसे आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लोकसभा चुनाव में मतदान के लिए व्यवस्था की जाए और उन राज्यों में विशेष मतदान केंद्र बनाए जाएं जहां वे रह रहे हैं।

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