Uttarakhand Cloudbursts | उत्तराखंड में आफत का 'ट्रिपल अटैक', चमोली-टिहरी-रुद्रप्रयाग में भारी नुकसान, 8 लोग लापता, पुल बहे, गांवों में भरा पानी...

उत्तराखंड में भारी मानसूनी बारिश के चलते चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी में गंभीर स्थिति बनी हुई है, जहां भूस्खलन और बादल फटने से व्यापक क्षति हुई है। आपदा में कई परिवार विस्थापित हुए हैं, महत्वपूर्ण पुल बह गए हैं और कृषि भूमि को भी नुकसान पहुंचा है, जिसे देखते हुए स्थानीय प्रशासन और एसडीआरएफ टीमें युद्धस्तर पर राहत कार्यों में जुटी हैं।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में बादल फटने की घटना हुई, जिसमें कई परिवार मलबे में दब गए और कई घायल हो गए। देवल के मोपाटा इलाके में, तारा सिंह और उनकी पत्नी नामक दो लोग लापता हो गए, जबकि विक्रम सिंह और उनकी पत्नी घायल हो गए। इस घटना में उनका गौशाला भी ढह गया, जिससे लगभग 15 से 20 जानवर दब गए। कई जगहों पर बादल फटने का असर गंभीर रहा है। रुद्रप्रयाग जिले में, छह लोग लापता हो गए। अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के संगम पर जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। केदारनाथ घाटी के लावारा गाँव में, मोटर मार्ग पर बना एक पुल तेज़ धाराओं में बह गया। चेनगाड़ में भी स्थिति गंभीर हो गई है।
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नदी का पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया है, जिससे प्रशासन को प्रभावित घरों को खाली कराना पड़ा है। रुद्रप्रयाग में हनुमान मंदिर जलमग्न हो गया है।
उत्तराखंड के अनेक हिस्सों में हो रही मूसलाधार बारिश के बीच चमोली जिले में भूस्खलन की चपेट में आकर एक परिवार के दो सदस्य लापता हो गए, जबकि टिहरी के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में बादल फटने से भारी नुकसान की सूचना है अधिकारियों ने बताया कि चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी जिलों में कई स्थानों पर देर रात से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। उन्होंने बताया कि चमोली जिले की थराली तहसील के देवाल विकास खंड के मोपाटा गांव में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन की चपेट में कुछ मकान आ गए।
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चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि मोपाटा में एक मकान और गोशाला के भूस्खलन की चपेट में आने से उसमें रह रहा एक दंपति मलबे में दब गया। उन्होंने बताया कि घटना में एक अन्य दंपति को भी मलबे से बाहर निकाला गया और उन्हें चोटें आयी हैं। गोशाला में बंधे 15-20 मवेशियों के भी मलबे में दबे होने की सूचना है। लापता दंपति की पहचान तारा सिंह और उसकी पत्नी के रूप में हुई है। विक्रम सिंह और उसकी पत्नी घायल हुए हैं।
गौरतलब है कि 23 अगस्त को भी थराली तहसील के थराली विकास खंड में आपदा का कहर देखने को मिला था जहां अतिवृष्टि से टूनरी गाड़ बरसाती नाले में बाढ़ के साथ आए मलबे में एक युवती की मृत्यु हो गयी थी और एक अन्य व्यक्ति लापता हो गया था। मलबा कई मकानों, दुकानों सहित तहसील कार्यालय में भी भर गया जबकि उपजिलाधिकारी का आवास भी क्षतिग्रस्त हो गया था। लगातार बारिश से अलकनंदा और उसकी सहायक नदियों और मंदाकिनी नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है।
पुलिस द्वारा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को मुनादी कर सतर्क किया जा रहा है। चमोली से गुजरने वाले बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों- नंदप्रयाग, कमेड़ा, भनेरपानी, पागलनाला, जिलासू, गुलाबकोटी और चटवापीपल में मलबा आने से अवरूद्ध है। रुद्रप्रयाग जिले में भी बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सिरोबगड़ में बंद है जबकि केदारनाथ राजमार्ग बांसवाड़ा (स्यालसौड़) व कुंड से चोपता के चार अलग-अलग स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है।
प्रशासन के अनुसार, मार्ग खोलने हेतु संबंधित टीमें मौके पर कार्यरत हैं। यात्रियों से सड़क की जानकारी लेने के बाद ही यात्रा पर निकलने तथा पुलिस और प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी नवीनतम सूचनाओं पर ध्यान देने का अनुरोध किया गया है। दूसरी ओर, टिहरी जिले में बृहस्पतिवार देर रात भारी बारिश और बादल फटने से बूढ़ा केदार क्षेत्र के गेंवाली गांव में भारी तबाही की सूचना है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि घनसाली के बूढ़ा केदार क्षेत्र के गेंवाली गांव में एक शौचालय और घर का आंगन आपदा की भेंट चढ़ गया। सिंचाई विभाग द्वारा पिछले वर्ष आपदा के बाद बनाई गई सुरक्षा दीवार भी मलबे और तेज बारिश की चपेट में आकर बह गई। लगातार हो रही बारिश के कारण बालगंगा, धर्मगंगा और भिलंगना नदियां उफान पर हैं जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। गेंवाली के पूर्व ग्राम प्रधान कीर्ति सिंह राणा ने बताया कि भारी बारिश और बादल फटने से आए मलबे की चपेट में कई मंदिर दब गए।
उन्होंने बताया कि कई मवेशियों के भी बहने की आशंका है। आलू के कई खेत भी मलबे से पूरी तरह से नष्ट गए हैं। घनसाली के भिलंगना क्षेत्र के ठेला गांव में भी तेज बारिश के कारण मयाल गाड़ बरसाती नाले में मलबा आने से इलाके में पुलिया, गूलों (छोटी नहरें) और फसलों को नुकसान की सूचना है। हांलांकि, इसमें किसी जनहानि की सूचना नहीं है। घनसाली के उपजिलाधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम को मौके पर भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर एक पोस्ट में इस घटना पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "रुद्रप्रयाग जिले की बसुकेदार तहसील के बड़ेथ डूंगर टोक और चमोली जिले के देवाल क्षेत्र में बादल फटने और मलबे के बहाव के कारण कुछ परिवारों के फंसने का दुखद समाचार मिला है।"धामी ने आश्वासन दिया कि स्थिति से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाए जा रहे हैं। धामी ने आगे कहा, "स्थानीय प्रशासन द्वारा युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है। मैं इस मामले में अधिकारियों के लगातार संपर्क में हूँ और आपदा सचिव तथा ज़िला मजिस्ट्रेट से बात करके बचाव कार्यों के प्रभावी संचालन के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं।"
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