पूरी तरह होश में हैं वरवर राव: महाराष्ट्र सरकार ने उच्च न्यायालय को दी जानकारी

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जेल में बंद कवि-कार्यकर्ता वरवर राव की वकील इंदिरा जयसिंह ने दलील दी कि रिपोर्ट में राव की तंत्रिका तंत्र संबंधी हालत और तलोजा जेल में रहने के दौरान उनकी मूत्र नलिका में संक्रमण होने की शिकायत पर कोई प्रकाश नहीं डाला गया है।

मुंबई। एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी और जेल में बंद कवि-कार्यकर्ता वरवर राव पूरी तरह होश में हैं और उन्हें चीजों का बोध है, यह बात महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय में जमा की गयी एक मेडिकल रिपोर्ट में कही है। हालांकि, राव की वकील इंदिरा जयसिंह ने दलील दी कि रिपोर्ट में राव की तंत्रिका तंत्र संबंधी हालत और तलोजा जेल में रहने के दौरान उनकी मूत्र नलिका में संक्रमण होने की शिकायत पर कोई प्रकाश नहीं डाला गया है। इस पर उच्च न्यायालय ने सरकार को पूरी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंस से की गयी मेडिकल जांच और अन्य चीजों का ब्योरा हो। राव (81) इस समय विचाराधीन कैदी के तौर पर नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं। 

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राव ने जमानत अर्जी दाखिल की थी और रिट याचिका दाखिल कर अनुरोध किया था कि उन्हें बिगड़ती तंत्रिका संबंधी और शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी स्थिति को देखते हुए तत्काल मुंबई के नानावती अस्पताल में भर्ती कराया जाए। उच्च न्यायालय बुधवार को राव की दोनों याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। इंदिरा जयसिंह ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति माधव जामदार की पीठ से कहा कि राज्य सरकार की रिपोर्ट ‘छलावा’ है क्योंकि इसमें ‘राव की स्मृतिक्षय संबंधी समस्या पर कुछ नहीं कहा गया’।

उन्होंने पीठ को बताया कि नानावती अस्पताल के डॉक्टरों ने 12 नवंबर को वीडियो लिंक से राव की जांच की थी और सुझाया था कि उनकी संपूर्ण रक्त जांच और पेट की सोनोग्राफी समेत और जांच कराई जाए। जयसिंह ने कहा, ‘‘राज्य ने अभी जांच नहीं कराई है। इसके अलावा डॉक्टरों ने केवल 15 मिनट के लिए वीडियो लिंक से राव की जांच की थी। विशेषज्ञों से उनकी जांच कराने की जरूरत है।’’ 

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उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा आधार पर जमानत की राव की अर्जी के आलोक में राज्य सरकार को उच्च न्यायालय को पूरी चिकित्सा स्थिति के बारे में अवगत कराना चाहिए। इसके बाद अदालत ने राज्य सरकार को संपूर्ण रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कराई गयी मेडिकल जांच का विवरण देने को कहा गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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