Prabhasakshi Exclusive: सरकार रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की बात कर रही है, फिर हम दुनिया में सबसे बड़े हथियार खरीददार क्यों हैं?

rajnath singh
ANI

ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डीएस त्रिपाठी ने कहा कि जहां तक हालिया रिपोर्ट की बात है तो उसके मुताबिक भारत दुनिया का शीर्ष हथियार आयातक बना हुआ है, हालांकि वर्ष 2013-17 और 2018-22 के बीच इसके आयात में 11 प्रतिशत की गिरावट आई है।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डीएस त्रिपाठी से पूछा कि हम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ने का दावा कर रहे हैं लेकिन एक हालिया रिपोर्ट दर्शाती है कि भारत हथियार आयात के मामले में दुनिया में शीर्ष पर बरकरार है। ऐसा क्यों? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के कदम हालिया वर्षों में उठाये गये हैं और उनके परिणाम आने में समय लगेगा। यदि इस दिशा में आजादी के बाद से ही प्रयास शुरू किये गये होते तो आज स्थिति कुछ और होती। लेकिन उस समय डील करने पर ज्यादा जोर दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि जहां तक हालिया रिपोर्ट की बात है तो उसके मुताबिक भारत दुनिया का शीर्ष हथियार आयातक बना हुआ है, हालांकि वर्ष 2013-17 और 2018-22 के बीच इसके आयात में 11 प्रतिशत की गिरावट आई है। स्टॉकहोम स्थित थिंक टैंक ‘सिपरी’ द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया कि रूसी हमले के बाद अमेरिका और यूरोप से मिली सैन्य सहायता के बाद यूक्रेन पिछले साल दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक बन गया।

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उन्होंने बताया कि ‘सिपरी’ से जुड़े वरिष्ठ अध्ययनकर्ता पीटर वेजेमेन ने कहा है कि एक तरफ जहां पिछले साल हथियारों के आयात में गिरावट दर्ज की गई, वहीं रूस से बढ़ते तनाव के चलते यूरोपीय देशों में हथियार खरीद में तेजी देखी गई। रिपोर्ट में कहा गया, भारत के हथियार आयात में गिरावट का संबंध जटिल खरीद प्रक्रिया, शस्त्र आपूर्तिकर्ताओं में विविधता लाना और आयात के स्थान पर घरेलू डिजाइन को तरजीह देने से है। 

ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डीएस त्रिपाठी ने बताया कि ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (सिपरी) ने कहा कि वर्ष 2018-22 के दौरान दुनिया के पांच सबसे बड़े हथियार आयातक भारत, सऊदी अरब, कतर, ऑस्ट्रेलिया और चीन थे। रिपोर्ट के मुताबिक, पांच सबसे बड़े हथियार निर्यातकों में अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और जर्मनी शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018-22 के दौरान दुनिया के आठवें सबसे बड़े हथियार आयातक पाकिस्तान द्वारा आयात में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें चीन इसका मुख्य आपूर्तिकर्ता रहा।

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