5 में से 4 राज्यों में सत्ता में वापसी के बाद भी, जानिए दुविधा में क्यों है बीजेपी

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इस राज में जनता दल (यू) और नागा पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) बीजेपी के साथ बीजेपी के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रहे हैं। जेडीयू को राज्य में थे और एनपीएस को 5 सीटें मिली हैं। दोनों के सहयोग से राज्य की 60 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी के पास 32 विधायक होंगे।

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में जीत दर्ज करने वाली बीजेपी के अंदर उत्तराखंड और मणिपुर को लेकर थोड़ी दुविधा है। क्योंकि उत्तराखंड में पार्टी की जीत के बाद भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट हार गए। वही मणिपुर में भी मौजूदा मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को अगला कार्यकाल दिया जाएगा या नहीं इस पर भी अटकलें जारी हैं। चुनावी नतीजों के बाद अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने इसी को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है।

उत्तर प्रदेश में जीत के बाद शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में पार्टी दफ्तर में कैबिनेट की अंतिम बैठक की। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। सूत्रों की मानें तो यूपी की नई कैबिनेट होली के बाद शपथ लेगी। अटकलें भी लगाई जा रही है कि अधिकांश मौजूदा मंत्रियों को नई सरकार में जगह नहीं मिलेगी। 

गोवा में एमजीपी देगी समर्थन

गोवा में तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा समर्थन का भरोसा मिलने के बाद बीजेपी को यकीन है कि वह बहुमत के आंकड़े तक पहुंच जाएगी। हालांकि पार्टी को महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी( एमजीपी) का समर्थन मिलने का पूरा भरोसा है। एमजीपी के 2 विधायकों के सहारे 40 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी के पास 25 विधायक हो  

उत्तराखंड में कौन होगा अगला मुख्यमंत्री

उत्तराखंड में बीजेपी की दुविधा यह भी है कि क्या पुष्कर सिंह धामी को उनकी हार के बावजूद 12 सीएम बनाया जाए या फिर किसी अन्य विधायक या सांसद को मुख्यमंत्री बनाया जाए। राज्य की 70 में से 47 सीटें जीतने के बाद, केंद्रीय नेतृत्व ने पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान को बीजेपी विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षक बनाया है। हालांकि यह बैठक कब होगी इसकी तारीख सामने नहीं आई है।

अखबार सूत्रों के हवाले से लिखता है कि समस्या यह है कि पुष्कर सिंह धामी ने बीते साल तीसरा मुख्यमंत्री बनने के बाद हारती हुई बीजेपी को जिताने के लिए बहुत कुछ किया है। लेकिन वो खुद चुनाव हार गए। हिमाचल प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल जी चुनाव हारे थे। उस वक्त जयराम ठाकुर के तौर पर नया सीएम नियुक्त किया गया था। इसलिए यह तय नहीं है कि पुष्कर सिंह धामी को सीएम नियुक्त करके 6 महीने के अंदर किसी जीते हुए विधायक की सीट खाली करवा के उन्हें चुनाव लड़ाया जाए।

मणिपुर में भी सीएम को लेकर पशोपेश में बीजेपी

मणिपुर में मौजूदा सीएम बीरेन सिंह को अगला कार्यकाल मिलेगा या नहीं इसको लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं। पीएम मोदी ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान लगातार परिवारवाद वाली सियासत पर निशाना साधा। अखबार के मुताबिक एक बीजेपी नेता ने राजकुमार इमो की ओर इशारा करते हुए कहा हमारे जीतने वाले विधायकों में से एक दो मुख्यमंत्री के दामाद हैं। इमो तीसरी बार लगातार सगोलबंद से चुनाव जीते हैं। चुनाव से पहले भी राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा थी लेकिन बीजेपी ने एन बीरेन सिंह के कार्यकाल को जारी रखा। फिलहाल बीजेपी नेतृत्व मणिपुर को लेकर चुप है। और यहां विधायकों की बैठक के लिए अभी तक कोई पर्यवेक्षक नियुक्त नहीं किया गया है।

इस राज में जनता दल (यू) और नागा पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) बीजेपी के साथ बीजेपी के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रहे हैं। जेडीयू को राज्य में थे और एनपीएस को 5 सीटें मिली हैं। दोनों के सहयोग से राज्य की 60 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी के पास 32 विधायक होंगे।

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