प्रेमिका के पति की लाश के ऊपर सोता था प्रेमी, दोनों ने मिलकर ऐसे दिया था घटना को अंजाम

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रितिका कमठान । Nov 15 2022 11:03AM

गाजियाबाद जिले में हैरान करने वाला मामला सामने आया है जिसमें पत्नी ने पति की हत्या कर दी, हालांकि मामला हत्या के चार साल बाद खुला है। इस घटना से उजागर होने के बाद हर कोई हैरान है। इस घटना का खुलासा हत्या के काफी समय बाद बेहद नाटकीय तौर पर हुआ है।

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित नंदग्राम में बड़ा चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ये हत्या हाल में नहीं बल्कि पूरे चार वर्षों पहले मृतक की पत्नी ने अपनी प्रेमी के साथ मिलकर की थी। इस हत्या का खुलासा तब हुआ जब चार साल पहले एक व्यक्ति की गुमशुदगी के एक मामले में पुलिस ने फिर से तफ्तीश शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने लापता शख्स का कंकाल उसकी पत्नी के प्रेमी के घर में स्थित छह फुट गहरे गड्ढे से बरामद किया। पुलिस ने मृतक की पत्नी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस अधीक्षक (अपराध) दीक्षा शर्मा ने सोमवार को बताया कि 28 सितंबर 2018 को सिहानी गेट थाना क्षेत्र के सिकरोड गांव का निवासी चंद्रवीर उर्फ पप्पू लापता हो गया था। इस मामले में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी। उसका कुछ पता नहीं लगने पर मामले को बंद कर दिया गया था। 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी. द्वारा अनसुलझे मामलों की फिर से पड़ताल करने के आदेश पर इस मामले की दोबार जांच शुरू की गयी। इस दौरान एक खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने उसकी पत्नी सविता और उसके प्रेमी अरुण उर्फ अनिल कुमार को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि पूछताछ में मिले तथ्यों के आधार पर अरुण के घर के अंदर पुलिस ने फर्श की खोदाई करके छह फुट गहरे गड्ढे से पप्पू का कंकाल बरामद किया। अरुण ने पप्पू की हत्या करके उसका शव अपने ही घर में दफन कर दिया था। 

पकड़े गये दोनों अभियुक्तों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि उन दोनों का प्रेम प्रसंग वर्ष 2017 से चल रहा था। परिजन ने कई बार दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देखा था। इसी बात को लेकर सविता का पप्पू से कई बार झगड़ा भी हुआ था। इस दौरान उसने कई बार उसकी पिटाई भी की थी। इस पर सविता और अरुण ने पप्पू की हत्या की योजना बनायी। पप्पू की हत्या करने से पहले ही अरुण ने अपने घर के बरामदे में छह फुट का गड्ढा खोदा था। 

ऐसे दिया हत्या को अंजाम

पुलिस अधीक्षक (अपराध) दीक्षा शर्मा ने बताया कि 28 सितंबर 2018 की रात पप्पू जब नशे की हालत में घर आकर सोया था, तभी योजना के मुताबिक सविता ने अरुण को बुलाया, जिसने देसी पिस्तौल से पप्पू के सिर में गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। देर रात में सविता और उसके प्रेमी ने पप्पू का शव गड्ढे में डालकर उसे कंक्रीट से ढंक दिया। बदबू से बचने के लिए गहरा गड्ढा खोदा गया था और कुछ दिन बाद वहां प्लास्टर करवा दिया। शर्मा ने बताया कि पप्पू अपने हाथ में एक कड़ा पहनता था। आरोपियों ने उसे निकालने की कोशिश की, मगर नाकाम रहने पर उसका हाथ काट दिया और उसे एक रसायन फैक्ट्री के पास दफन कर दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस बरामद कंकाल को उसके माता-पिता और बच्चों के डीएनए से मिलान के लिये भेजेगी। वारदात में इस्तेमाल की गयी पिस्तौल, कुल्हाड़ी और बाल्टी बरामद कर ली गयी है।

चार साल बाद खुला मामला

जानकारी के मुताबिक चंद्रवीर वर्ष 2018 में लापता हुआ था। लापता होने के बाद उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी लिखी गई थी। मगर चार वर्षों तक इस मामले में कोई सुराग नहीं मिला और जांच धीमी पड़ती गई। वहीं पुलिस और परिजन लगातार चंद्रवीर की तलाश में जुटे रहे। इसके बाद मामला क्राइम ब्रांच को सौंपा गया, जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ है।

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