राजस्थान को लेकर कांग्रेस के मन में क्या चल रहा ? क्या पायलट के साथ फिर होगी सोनिया की मुलाकात ?

Sachin Pilot
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सचिन पायलट के कार्यालय ने बताया कि कांग्रेस पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी और सचिन पायलट के बीच कोई बैठक निर्धारित नहीं है। कांग्रेस हाल ही के पंजाब विधानसभा चुनाव में मिली शर्मनाक हार से सीख लेते हुए राजस्थान में कई अहम बदलाव करने की योजना बना रही है। क्योंकि साल 2023 के अंत में चुनाव होंगे।

नयी दिल्ली। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट इन दिनों सुर्खियों में छाए हुए हैं। माना जा रहा है कि राजस्थान कांग्रेस में जल्द ही अहम बदलाव हो सकते हैं। सचिन पायलट ने इसी हफ्ते कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात भी की थी। इसके बाद एक बार फिर से सचिन पायलट की सोनिया गांधी के साथ मुलाकात होने की अटकलें लगाई जाने लगीं। हालांकि सचिन पायलट के कार्यालय ने इसका खंडन किया है। 

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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सचिन पायलट के कार्यालय ने बताया कि कांग्रेस पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी और सचिन पायलट के बीच कोई बैठक निर्धारित नहीं है।

राजस्थान में साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में कांग्रेस हाल ही के पंजाब विधानसभा चुनाव में मिली शर्मनाक हार से सीख लेते हुए राजस्थान में कई अहम बदलाव करने की योजना बना रही है। राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता विरोधी लहर से तो निपटना ही है, साथ ही साथ लगातार दूसरी बार सत्ता में आकर कई मिथकों को तोड़ने की कोशिश भी करनी है।

क्या मुख्यमंत्री को बदला जाएगा ?

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस शीर्ष स्तर पर कोई बदलाव नहीं करना चाहेगी। क्योंकि पार्टी ने पंजाब में ऐसा करके न सिर्फ मतदाताओं का भरोसा गंवाया बल्कि सत्ता भी हाथ से गंवा दी। हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि उनका इस्तीफा परमानेंट रूप से पार्टी अध्यक्षा के पास है। इसके साथ ही उन्होंने बिना किसी राज्य का नाम लिए कहा कि जब मुख्यमंत्री बदलना होगा तो किसी को कानों कान खबर नहीं होगी। 

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विशेषज्ञों का मानना है कि विधानसभा चुनाव में अभी करीब 20 महीने का समय है। ऐसे में कांग्रेस चाहे तो मुख्यमंत्री को बदल सकती है और नए मुख्यमंत्री को प्रदेशवासियों को आत्मविश्वास में लेने के लिए पर्याप्त समय भी होगा।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है। माना जा रहा है कि अगर परिवर्तन का निर्णय लिया जाना है तो फिर यही सही समय है क्योंकि नेताओं को बेहतर प्रदर्शन करने का समय मिल जाएगा। सचिन पायलट की सोनिया गांधी के साथ हुई मुलाकातों के बाद नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को और भी ज्यादा हवा मिली है।

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