प्रवासी कामगारों को वापस लाने का काम दो-तीन दिन में समाप्त हो जाएगा: उत्तर प्रदेश सरकार

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अवस्थी ने बताया कि अब प्रदेश में महाराष्ट्र और कुछ दक्षिणी राज्यों से ट्रेनें आनी हैं। राज्य में सबसे ज्यादा 490 ट्रेनें गुजरात से आयी हैं, जबकि महाराष्ट्र से 327, पंजाब से 228, दिल्ली से 94, कर्नाटक से 53 और राजस्थान से 33 ट्रेनें आयी हैं।

लखनऊ। लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों मे फंसे उत्तर प्रदेश के कामगारों को वापस लाने का काम अगले दो-तीन दिन में पूरा हो जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने इस आशय की जानकारी देते हुए बृहस्पतिवार को बताया कि अन्य राज्यों ने सूचित किया है कि वापसी के इच्छुक प्रवासी उनके यहां नहीं हैं या बहुत कम संख्या में हैं। अपर मुख्य सचिव, गृह और सूचना अवनीश अवस्थी ने बताया, ‘‘ट्रेनों और बसों से प्रवासी कामगारों को वापस लाने का पूरा अभियान अगले दो-तीन दिन में समाप्त हो जाएगा। अभी तक करीब 26 से 27 लाख प्रवासी लौटे हैं।’’ उन्होंने बताया कि गुजरात, दिल्ली, पंजाब, तेलंगाना, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा आदि राज्यों से ज्यादातर प्रवासी श्रमिक वापस आ चुके हैं और इन राज्यों से वापस आने वाले श्रमिकों की संख्या अब नगण्य है। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रवासी श्रमिकों को लेकर राज्य में 1,411 ट्रेनें आयी हैं और अगले कुछ दिन में इनकी संख्या 1,551 हो जाएगी। 

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अवस्थी ने बताया कि अब प्रदेश में महाराष्ट्र और कुछ दक्षिणी राज्यों से ट्रेनें आनी हैं। राज्य में सबसे ज्यादा 490 ट्रेनें गुजरात से आयी हैं, जबकि महाराष्ट्र से 327, पंजाब से 228, दिल्ली से 94, कर्नाटक से 53 और राजस्थान से 33 ट्रेनें आयी हैं। अवस्थी ने बताया कि दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सभी जनपदों के जिलाधिकारी ट्रेनों से लौट रहे कामगारों को जांच के बाद उनके घर जाने की व्यवस्था कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 234 ट्रेन से 2,99,861 कामगार एवं श्रमिक गोरखपुर लौटे हैं जबकि लखनऊ में 94 ट्रेन से 1,22,179 लोग आए हैं। उन्होंने बताया कि 100 ट्रेनें वाराणसी आयी हैं, वहीं आगरा में 10, कानपुर में 17, जौनपुर में 110, बरेली में 12, बलिया में 66, प्रयागराज में 61, रायबरेली में 21, प्रतापगढ़ में 68, अमेठी में 16, मऊ में 46, अयोध्या में 35, गोण्डा में 66, उन्नाव में 27, बस्ती में 70, आजमगढ़ में 35, कन्नौज में तीन, गाजीपुर में 31, बांदा में 16, सुल्तानपुर में 23, बाराबंकी में 12, सोनभद्र में 03, आम्बेडकरनगर में 23, हरदोई में 19, सीतापुर में 10, फतेहपुर में आठ, फर्रूखाबाद में दो, कासगंज में नौ, चंदौली में 13, इटावा में एक, मानिकपुर (चित्रकूट) में एक, एटा में एक, जालौन में दो, रामपुर में दो, शाहजहांपुर में दो, अलीगढ़ में छह, भदोही में दो, मिर्जापुर में 10, देवरिया में 93, सहारनपुर में चार, चित्रकूट में तीन, बलरामपुर में 19, मुजफ्फरनगर में एक, झांसी में पांच, पीलीभीत में एक ट्रेन आयी है। 

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ट्रेनें कौशांबी, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, संत कबीर नगर, कुशीनगर, हमीरपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी भी पहुंच रही हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में गुजरात से 490 ट्रेन से 7,12,678 लोग, महाराष्ट्र से 327 ट्रेन से 4,55,005 लोग, पंजाब से 228 ट्रेन से 2,67,383 कामगारों/श्रमिकों को लेकर प्रदेश में आ चुकी हैं। इसके साथ ही तेलंगाना से 23, कर्नाटक से 53, केरल से 11, आन्ध्र प्रदेश से 10, तमिलनाडु से 30, मध्य प्रदेश से दो, राजस्थान से 35, गोवा से 18, दिल्ली से 94, छत्तीसगढ़ से एक, पश्चिम बंगाल से एक, उड़ीसा से एक, असम से दो, त्रिपुरा से एक, हिमाचल प्रदेश से तीन, उत्तराखण्ड से एक तथा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से 81 ट्रेनों के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कामगारों/श्रमिकों को पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कहीं भी, किसी भी जनपद में कोई पैदल यात्रा ना करे। कामगार/श्रमिक स्वयं तथा अपने परिवार को जोखिम में डालकर पैदल अथवा अवैध व असुरक्षित वाहन से घर के लिए यात्रा ना करें। सरकार समस्त श्रमिकों/कामगारों के लिए सुरक्षित यात्रा हेतु पर्याप्त निःशुल्क बस एवं ट्रेन की व्यवस्था कर रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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