Danapur Assembly Seat: दानापुर सीट पर यादव VS यादव, जानिए किसके सिर सजेगा जीत का सेहरा

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार दानापुर विधानसभा सीट से रामकृपाल यादव को उम्मीदवार बनाया है। पहले वह पाटिलपुत्र से सांसद भी चुने गए थे। लेकिन साल 2024 के चुनाव में रामकृपाल यादव को मीसा भारती के सामने हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट की राजनीति की दिलचस्प बात यह है कि यहां पर यादव मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हुए हैं। हालांकि अब चुनाव में काफी कम वक्त बचा है। ऐसे में बिहार की हॉट सीटों को लेकर जनता के बीच में काफी दिलचस्पी देखने को मिल रही है। इन्हीं में एक हॉट सीट बिहार की दानापुर विधानसभा सीट है। बता दें कि इस बार दानापुर विधानसभा सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। यहां से भाजपा के राम कृपाल यादव और आरजेडी से रीतलाल यादव के बीच कांटे की टक्कर है। ऐसे में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि वोटिंग के बाद जनता किस प्रत्याशी के सिर पर जीत का सेहरा बांधती है।
बिहार विधानसभा चुनाव
बता दें कि इस बार राज्य में विधानसभा चुनाव 2 चरणों में पूरा होना है। पहले चरण के लिए वोटिंग 06 नवंबर और दूसरे चरण के लिए वोटिंग 11 नवंबर को होनी है। वहीं चुनाव के नतीजे 14 नवंबर 2025 को आएंगे। यहां पर मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है। इसके अलावा चुनावी मैदान में नई पार्टी जन सुराज भी है। इस पार्टी के संस्थापक चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर हैं।
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बीजेपी उम्मीदवार
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार दानापुर विधानसभा सीट से रामकृपाल यादव को उम्मीदवार बनाया है। पहले वह पाटिलपुत्र से सांसद भी चुने गए थे। लेकिन साल 2024 के चुनाव में रामकृपाल यादव को मीसा भारती के सामने हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट की राजनीति की दिलचस्प बात यह है कि यहां पर यादव मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इस सीट से भाजपा ने रामकृपाल जैसे अनुभवी नेता को उतारकर यह संदेश दिया है कि वह इस सीट पर अपना मजबूत कब्जा चाहती है। साल 1985 में रामकृपाल ने पटना पटना नगर निगम के उप-महापौर के रूप में सियासत में कदम रखा था। फिर वह बिहार विधान परिषद के सदस्य बने। इसके बाद साल 1993 में वह उपचुनाव में जीत हासिलकर पहली बार 10वीं लोकसभा भी पहुंचे।
आरजेडी उम्मीदवार
आरजेडी ने दानापुर सीट से रीतलाल यादव पर भरोसा जताया है। साल 2020 में यहां पर रीतलाल यादव ने जीत हासिल की थी। वह तब से लेकर अब तक दानापुर सीट का नेतृत्व कर रहे हैं। साल 2020 में रीतलाल यादव ने भाजपा उम्मीदवार को करारी शिकस्त दी थी। उनकी जीत में यादव और मुस्लिम वोटरों की अहम भूमिका रही थी। हालांकि पिछले 5 सालों में रीतलाल यादव पर कई आरोप लगे हैं। ऐसे में एक बार फिर इस सीट को लेकर भाजपा और आरजेडी दोनों आमने सामने हैं।
दानापुर की सियासी गणित
बिहार की राजनीति में दानापुर सीट अहम भूमिका अदा करती है। यहां पर करीब 3.5 लाख से ज्यादा मतदाता हैं। यहां पर यादव वोटरों की संख्या ज्यादा है और फिर इसके बाद एससी और मुस्लिम वोटर हैं। वहीं दोनों पार्टियों के उम्मीदवार यादव जाति के हैं, जिनके बीच कांटे की टक्कर है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि फिलहाल मौजूदा विधायक और आरजेडी उम्मीदवार रीतलाल यादव रंगदारी के मामले में जेल में बंद हैं।
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