Bhupinder Singh Birth Anniversary: भूपिंदर सिंह ने महज 9 साल की उम्र में संभाली थी पटियाला की सत्ता, अय्याशी की बने थे मिशाल

आज ही के दिन यानी की 12 अक्तूबर को महाराजा भूपिंदर सिंह का जन्म हुआ था। महाराजा भूपिंदर सिंह अपनी भव्य और अनूठी लाइफस्टाइल के लिए जाने जाते थे। वह फुलकियान राजवंश के जाट सिख थे, जोकि महज 9 साल की उम्र में राजा बने थे।
देश की आजादी से पहले राजा-महाराजाओं का राज था। उस दौर में पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह सभी राजघरानों में सबसे ज्यादा शाहखर्च माने जाते थे। आज ही के दिन यानी की 12 अक्तूबर को महाराजा भूपिंदर सिंह का जन्म हुआ था। महाराजा भूपिंदर सिंह अपनी भव्य और अनूठी लाइफस्टाइल के लिए जाने जाते थे। वह फुलकियान राजवंश के जाट सिख थे, जोकि महज 9 साल की उम्र में राजा बने थे। इन रियासतों को प्रिंसली स्टेट कहा जाता था और राजा अपनी रियासतें खुद संभालते थे। लेकिन महाराजा पटियाला के मुकाबले कोई नहीं था। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
पटियाला के मोती बाग पैलेस में 12 अक्तूबर 1888 को महाराजा भूपिंदर सिंह का जन्म हुआ था। उन्होंने लाहौर पाकिस्तान के एचिसन कॉलेज पढ़ाई पूरी की। उनके पिता महाराजा राजिंदर सिंह के निधन के बाद 9 साल की उम्र में भूपिंदर सिंह ने पटियाला का राज संभाला था। वहीं 01 अक्तूबर 1909 को भूपिंदर सिंह के 18 साल के होने के बाद 3 नवंबर 1910 को तत्कालीन वायसराय ने उनको मान्यता दी थी। वह पहले ऐसे भारतीय थे, जिनके पास हवाई जहाज था और वह कारों के भी काफी शौकीन थे। महाराजा भूपिंदर सिंह के पास 20 रॉल्स रॉयस गाड़ियों का एक काफिला था।
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भूपिंदर सिंह की थीं 365 रानियां
भूपिंदर सिंह 6 फीट और 4 इंच लंबे थे। उनकी 365 रानियां थीं और उन्होंने हर रानी को अलग-अलग रुतबे से नवाजा था। महाराजा भूपिंदर सिंह की 365 रानियों में से 10 रानियां प्रमुख थीं। जिनको महारानी का दर्जा मिला था। इसके बाद कुछ खास रानियां थीं और बाकी महिलाएं रानी नहीं थीं, लेकिन उनको सुख-सुविधाएं रानियों जैसी मिलती थी। वहीं कुछ रानियां महाराजा के लिए सिर्फ शारीरिक संबंध बनाने के लिए थीं। महाराजा भूपिंदर सिंह अपनी सभी रानियों से अथाह प्रेम करते थे।
फेमस थी भूपिंदर सिंह की नाइट पार्टी
अक्सर महाराजा भूपिंदर सिंह का महल आलीशान दावतों का भी गवाह बनता था। रानी-महारानी और राजकुमारों के जन्मदिन पर भव्य जलसा होता था। छोटी दावतों में 300 खास मेहमान शामिल थे। मेहमानों के लिए सबसे अच्छा भोजन और शराब परोसी जाती थी। वहीं भारतीय वेटर्स के साथ इटालियन और अंग्रेज वेटर्स खाना परोसते थे। महाराजा भूपिंदर सिंह के मेहमानों के लिए दुनिया की सबसे महंगी शराब परोसी जाती थी।
हालांकि भले ही नाइट पार्टीज का कल्चर अब अधिक पॉपुलर हुआ, लेकिन उस जमाने में महाराजा भूपिंदर सिंह की यह पार्टियां शाम से शुरू होकर अगली सुबह तक चलती थी। जब तक हर कोई शराब के नशे में चूर होकर सो नहीं जाता था।
शराब पीने का प्रोटोकॉल
बता दें कि महाराजा भूपिंदर सिंह शराब पीने के बड़े शौकीन थे। उनके पास जो शराब का कलेक्शन था, वह उस दौर का देश का सबसे बड़ा और शानदार कलेक्शन हुआ करता था। हालांकि वह व्हिस्की से ज्यादा वाइन पसंद करते थे। महाराजा भूपिंदर सिंह ने व्हिस्की पीने का भी प्रोटोकॉल सेट किया था, साथ ही पटियाला पेग का भी उन्होंने ईजाद किया था।
मृत्यु
वहीं 23 मार्च 1938 को 47 साल की उम्र में महाराजा भूपिंदर सिंह की मौत हो गई थी।
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