Rajiv Gandhi Birth Anniversary: राजीव गांधी की उपलब्धियों पर देश आज भी करता है गर्व, 21वीं सदी के थे भारत निर्माता

Rajiv Gandhi
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देश के सबसे बड़े सियासी घराने ताल्लुक रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का 20 अगस्त को जन्म हुआ था। वह इस देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। राजीव ने अपने कार्यों से देश की जनता पर अपनी अमिट छाप छोड़ने का काम किया था।

आज यानी की 20 अगस्त को देश के सबसे बड़े सियासी घराने ताल्लुक रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्मदिन है। राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। हालांकि वह कभी भी राजनीति में नहीं आना चाहते थे। लेकिन साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वह प्रधानमंत्री बने। राजीव ने अपने कार्यों से देश की जनता पर अपनी अमिट छाप छोड़ने का काम किया था। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐसे सराहनीय काम किए थे। जिसके लिए उन्हें आज भी देशवासी याद करते हैं। आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर राजीव गांधी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...

जन्म और शिक्षा

मुंबई में 20 अगस्त 1944 को राजीव गांधी का जन्म हुआ था। जब देश को अंग्रेजों से आजादी मिली, तो उस दौरान राजीव गांधी की उम्र तीन साल थी। देश के आजाद होने के बाद राजीव के नाना यानी की पं. नेहरु पहले प्रधानमंत्री बने। तीन मूर्ति भवन में राजीव गांधी का बचपन बीता। पहले वह पढ़ाई के लिए देहरादून के वेल्हम स्कूल गए। लेकिन जल्द ही उन्हें हिमालय की तलहटी में स्थित आवासीय दून स्कूल भेज दिया गया। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए। लेकिन जल्द ही उन्होंने उस कॉलेज को भी अलविदा कह दिया और लंदन के इम्पीरियल कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।

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सोनिया गांधी से मुलाकात

कैम्ब्रिज में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात सोनिया से हुई। सोनिया गांधी मूल रूप से इतावली की स्टूडेंट थी और कैम्ब्रिज में अंग्रेजी की पढ़ाई कर रही थीं। इसी दौरान दोनों की दोस्ती हो गई और जल्द ही दोस्ती प्यार में बदल गई। इसके बाद साल 1968 में राजीव और सोनिया ने शादी कर ली। दोनों के दो बच्चे प्रियंका और राहुल गांधी हैं।

राजनीति में नहीं थी रुचि

बता दें कि राजीव गांधी कभी भी राजनीति में नहीं आना चाहते थे। वह शुरूआत से पायलट बनना चाहते थे। लेकिन जब संजय गांधी की साल 1980 में विमान दुर्घटना में मृत्यु हुई तो अचानक से उनके लिए भी परिस्थियां बदल गई। उनको संजय गांधी की मृत्यु से खाली हुए उत्तर प्रदेश के अमेठी संसदीय क्षेत्र उपचुनाव में उतारा गया। इस सीट से राजीव गांधी ने जीत हासिल की और वह संसद पहुंचे। 

इसके बाद जब साल 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई। तब कुछ घंटो बाद ही राजीव को प्रधानमंत्री की शपथ दिलाई गई। इंदिरा गांधी की हत्या के महज 2 महीने बाद लोकसभा चुनाव हुए और इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने शानदार जीत हासिल की। इस दौरान राजीव गांधी ने कई सराहनीय काम किए। बता दें कि राजीव गांधी को 21वीं सदी का भारत निर्माता भी कहा जाता है।

मतदान की आयु सीमा घटाई

पहले भारत देश में मतदान की आयु सीमा 21 साल थी। लेकिन यह आयु सीमा देश के तत्कालीन युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की नजर में गलत थी। इसलिए उन्होंने युवाओं को 18 वर्ष की उम्र के मताधिकार देकर उन्हें देश के प्रति और जिम्मेदार व सशक्त बनाने की पहल की। इस तरह से करोड़ों युवा जो 18 वर्ष के थे, वह अपनी पसंद के सांसद, विधायक और अन्य निकाय चुनावों के लिए जनप्रतिनिधियों को चुन सकते थे। 

NPE और कंप्यूटर क्रांति

राजीव गांधी का सोचना था कि देश में विज्ञान और तकनीक की मदद के बिना उद्योगों का विकास संभव नहीं है। भारत में कंप्यूटर क्रांति लाने का श्रेय राजीव गांधी को दिया जाता है। उन्होंने न सिर्फ भारत के घरों पर कंप्यूटर पहुंचाने का काम किया, बल्कि देश में इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाई। उनके प्रयास से आम लोगों तक कंप्यूटर पहुंच गया। बता दें कि उस दौरान में कंप्यूटर लाना आसान काम नहीं था। इसके अलावा उन्होंने कंप्यूटर उपकरणों पर आयात शुल्क घटाने की भी पहल की। जिससे कि आम जन तक इसकी पहुंच आसान हो सके।

इसके अलावा साल 1986 में राजीव गांधी की सरकार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति यानी कि NPE की घोषणा की गई। इस योजना के तहत पूरे देश में उच्च शिक्षा व्यवस्था का आधुनिकीकरण और विस्तार किया गया। इस तरह से राजीव गांधी ने अन्य कई ऐसे लोकहित में कार्य किए, जिससे देश तरक्की के मार्ग पर चलने के लिए प्रशस्त हो सके।

ऐसे हुई मौत

साल 1984 से 1989 तक राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री रहे। वहीं चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए वह 21 मई 1991 की रात तमिलनाडु पहुंचे। तभी मंच की तरफ आती हुए एक महिला ने उन्हें माला पहनाने का प्रयास किया। जैसे ही उस आत्मघाती महिला ने राजीव गांधी को माला पहनाया और उनके पैर छूने के लिए झुकी तो उसने अपनी कमर में बंधे बम का बटन दबा दिया। इस तेज धमाके में उस महिला और राजीव गांधी की दर्दनाक मौत हो गई।

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