राष्ट्रपति उम्मीदवार जिताने की स्थिति में है राजग

राष्ट्रपति चुनाव का गहन विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि भाजपा नीत एनडीए मजबूत स्थिति में है और अगले साल होने वाले चुनाव में अपना उम्मीदवार जिताने की स्थिति में है।

भारत में राष्ट्रपति चुनाव अगले साल यानि जुलाई 2017 में सम्पन्न होंगे। मगर सियासी हलकों में चुनावी सरगर्मी अभी से देखने को मिल रही है। देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा। राष्ट्रपति का ताज किसके सिर पर होगा। इसके लिए राजनीतिक दलों ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं मगर अन्दर खाने चर्चा चल रही है। शतरंज के शह और मात की भांति गोटियाँ बिठायी जाने लगी हैं। अभी राजनीतिक धुंधलका छाया हुआ है और आसमान के साफ होने का इन्तजार किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मतदाताओं की इस चुनाव में महती भूमिका है इसी के मद्देनजर आगामी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दल अपने दम खम का प्रदर्शन करने लगे हैं।

भारत के राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत पद्धति से होता है। राष्ट्रपति को भारत की संसद के दोनों सदनों लोकसभा एवं राज्य सभा के साथ राज्य विधायिकाओं के निर्वाचित सदस्य पांच वर्ष के लिए निर्वाचित करते हैं। वोट आवंटित करने के लिए एक विधिमान्य फार्मूला तय किया गया है। ताकि हर राज्य की जन संख्या और उस राज्य से विधान सभा के सदस्यों द्वारा मत डालने की संख्या के मध्य एक अनुपात रहे और राज्य विधान सभाओं के सदस्यों और सांसदों के बीच एक समानुपात की स्थिति बनी रहे। अगर किसी उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिले तो एक स्थापित पद्धति है जिससे हारने वाले उम्मीदवारों को प्रतियोगिता से हटाकर उसके मत अन्य उम्मीदवारों को हस्तान्तरित किये जाते हैं। देश में अब तक 13 राष्ट्रपति चुनाव हुए हैं। इनमें पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी चुने गये।

वर्तमान में लोकसभा सदस्यों की संख्या 543 एवं राज्य सभा सदस्यों की संख्या 245 है। इनमें भारतीय जनता पार्टी के पास क्रमशः 282 और 53 सदस्य हैं। वहीं कांग्रेस के पास 44 और 60 सदस्य हैं। भाजपा के पास 1200 और कांग्रेस के पास 900 विधायक हैं। लोकसभा में एनडीए के पास 336 एवं यूपीए के पास 59 सदस्यों की ताकत है। अन्य के पास 145 सांसद हैं। देश के 29 राज्यों में से भाजपा 8 पर काबिज है। वहीं कांग्रेस के पास 9 राज्य हैं। इस भांति एनडीए को मिलाकर 12 राज्य होते हैं। इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखण्ड, असम, गोवा, गुजरात, आंध्र प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र और जम्मू कश्मीर शामिल हैं। कांग्रेस के पास हिमाचल, कर्नाटक, उत्तराखण्ड, मणिपुर, मेघालय, अरूणाचल, नागालैंड, सिक्किम जैसे छोटे राज्य हैं। तमिलनाडू में अन्ना द्रमुक, पं. बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, बिहार में जनता दल यूनाईटेड और आर.जे.डी., उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, उड़ीसा में बीजू जनता दल का शासन है। मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी केरल और त्रिपुरा में काबिज है। केंद्र शासित दिल्ली में आम आदमी पार्टी और अन्य में कांग्रेस है। देखा जाये तो बड़े राज्यों पर भाजपा और छोटे राज्यों पर कांग्रेस का शासन है। इस भांति भाजपा के मतों का मूल्य अधिक है। वर्तमान स्थिति का आकलन किया जाये तो भाजपा आगे है।

राष्ट्रपति चुनाव का गहन विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि भाजपा नीत एनडीए मजबूत स्थिति में है और अगले साल होने वाले चुनाव में अपना उम्मीदवार जिताने की स्थिति में है। भाजपा के पास लालकृष्ण अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, सुमित्रा महाजन जैसे भारी कद वाले नेता मौजूद हैं। इनमें लालकृष्ण अडवाणी सबसे आगे हैं और उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी समर्थन हासिल है। कांग्रेस वर्तमान राष्ट्रपति को रिपीट करना चाहती है मगर चुनाव होने की दिशा में शायद ही प्रणब मुखर्जी आगे आयें।

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