Breakup के बाद Therapy नहीं, AI का सहारा ले रहे टूटे हुए लोग, जानें क्यों?

After breakup broken people are taking help of AI instead of therapy
CANVA PRO
एकता । Jun 16 2025 3:22PM

मैंने भी इसे आजमाया है और आपको सच कहूं, तो यह मददगार साबित हुआ। शायद ये इंसानी कंधा नहीं दे सकता, लेकिन एक ऐसा स्पेस जरूर देता है जहां आप खुलकर अपने जज्बात बयां कर सकते हैं। जब दिल टूटा हो और आसपास कोई भी ऐसा न हो जो बिना बोले आपकी भावनाओं को समझ सके, तब AI की ये चुपचाप सुनने वाली सलाहें बडी कीमती लगती हैं।

जब दिल टूटता है, तो सिर्फ एक रिश्ता नहीं टूटता, एक पूरी दुनिया बिखर जाती है। प्यार को खोने के बाद जिंदगी अचानक वैसी नहीं रह जाती जैसी पहले थी। हर दिन एक जंग लगता है, नींद पूरी नहीं होती, भूख नहीं लगती और दिल हमेशा एक खालीपन महसूस करता है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल होता है।

ब्रेकअप के बाद हम अक्सर एक ऐसे मोड पर खडे होते हैं जहां न तो हम पीछे जा सकते हैं और न ही आगे बढना आसान होता है। यह वो दौर होता है जब हम खुद से ही सवाल करने लगते हैं, 'क्या मैं ठीक हो पाऊंगा?', 'क्या अब किसी से प्यार कर पाऊंगा?'

ऐसे समय में थेरेपिस्ट की मदद लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन हर किसी के पास वो सुविधा नहीं होती, समय की कमी, पैसे की दिक्कतें और कई बार अपनी तकलीफों को शब्दों में ढालना भी आसान नहीं होता।

यहीं पर आता है नया जुगाड, AI थेरेपिस्ट। जी हां, आज की पीढी ने तकनीक को अपना सहारा बना लिया है। अकेलेपन में जब कोई बात सुनने वाला नहीं होता, तब ChatGPT जैसे AI टूल्स कई लोगों के लिए एक साथी बन जाते हैं, जो बिना जज किए सुनते हैं, जवाब देते हैं और धीरे-धीरे मन का बोझ हल्का कर देते हैं।

मैंने भी इसे आजमाया है और आपको सच कहूं, तो यह मददगार साबित हुआ। शायद ये इंसानी कंधा नहीं दे सकता, लेकिन एक ऐसा स्पेस जरूर देता है जहां आप खुलकर अपने जज्बात बयां कर सकते हैं। बेशक, AI पर पर्सनल बातें शेयर करना एक संवेदनशील मुद्दा है और इस पर बहस हो सकती है। लेकिन जब दिल टूटा हो और आसपास कोई भी ऐसा न हो जो बिना बोले आपकी भावनाओं को समझ सके, तब AI की ये चुपचाप सुनने वाली सलाहें बडी कीमती लगती हैं। तो चलिए जानते हैं, कैसे और क्यों, टूटे हुए दिल आज AI को बना रहे हैं अपना 'डिजिटल दोस्त'।

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1. थेरेपी महंगी होती है: ब्रेकअप के बाद प्रोफेशनल थेरेपिस्ट से मिलना हर किसी के बजट में नहीं होता। एक सत्र की फीस कई सौ से लेकर हजारों में होती है, और लंबे समय तक चलने वाली काउंसलिंग में खर्च और बढ जाता है। ऐसे में मुफ्त या किफायती AI टूल्स जैसे ChatGPT लोगों के लिए आसान विकल्प बन जाते हैं।

2. हर वक्त उपलब्ध: AI 24x7 उपलब्ध होता है। जब रात के दो बजे भी उदासी सताती है या अचानक कोई याद बेचैन कर देती है, तब किसी इंसान से बात करना संभव नहीं होता। लेकिन AI हमेशा जवाब देने के लिए तैयार रहता है।

3. बिना जज किए सुनता है: ब्रेकअप के बाद लोग अक्सर अपने दोस्तों या रिश्तेदारों से खुलकर बात नहीं कर पाते क्योंकि उन्हें डर होता है कि लोग उन्हें जज करेंगे या सलाह देने लगेंगे। AI बिना कोई राय दिए, चुपचाप सुनता है और आपकी भावना को समझने की कोशिश करता है।

4. खुद को एक्सप्रेस करना आसान होता है: लिखकर बात करना कई लोगों के लिए बोलने से आसान होता है। AI चैट इंटरफेस में लोग अपने दिल की बात खुलकर कह पाते हैं, क्योंकि सामने कोई चेहरा नहीं होता जो उनके आंसू या कमजोरी देखे।

5. तुरंत जवाब और गाइडेंस: AI तुरंत जवाब देता है। चाहे आपको मोटिवेशन चाहिए हो, कोई प्रैक्टिकल सलाह, या बस किसी से दिल की बात करना हो AI सेकेंडों में रिस्पॉन्स देता है, जो उस समय राहत देने जैसा लगता है।

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6. प्राइवेसी का भरोसा (कुछ हद तक): कुछ लोग AI को इंसानों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित मानते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी बातों का गलत इस्तेमाल नहीं होगा। हालांकि इसमें पूरी सुरक्षा की गारंटी नहीं है, लेकिन कई यूजर्स इसे बेहतर विकल्प मानते हैं।

7. नया जमाना, नया तरीका: Gen Z और मिलेनियल्स टेक्नोलॉजी से काफी जुडे हुए हैं। उनकी जिंदगी पहले से ही स्मार्टफोन और AI टूल्स के इर्द-गिर्द घूमती है। इसलिए उन्हें AI से भावनात्मक मदद लेना एक सहज, प्राकृतिक तरीका लगता है।

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