Chai Par Sameeksha: राहुल गांधी की हरकत बचकानी या कुछ और है कहानी, Indian States से लड़ाई क्यों लड़ रहे?

Rahul Gandhi
ANI
अंकित सिंह । Jan 20 2025 6:14PM

प्रभासाक्षी के संपादक नीरज दुबे ने कहा कि जब भी राहुल गांधी विदेश यात्रा पर जाते हैं तो उनकी मुलाकात ऐसे लोगों से होती है जो भारत के विरोध में अभियान चलाते रहते हैं। ऐसे में राहुल गांधी से क्या उम्मीद की जा सकती है। सवाल तो यही उठता है कि क्या राहुल गांधी ऐसे लोगों से सलाह लेते हैं।

प्रभासाक्षी के साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह हमने राहुल गांधी के बयान और दिल्ली चुनाव को लेकर चर्चा की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। हमने नीरज दुबे से राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान पर ही सबसे पहला सवाल पूछा। हमने पूछा कि राहुल गांधी जब कह रहे हैं कि उनकी लड़ाई इंडियन स्टेट्स के खिलाफ भी है तो इसका मतलब क्या हुआ? इसके जवाब में नीरज दुबे ने कहा कि ऐसा लगता है कि राहुल गांधी एक विवाद की राजनीति कर रहे हैं। इससे साफ तौर पर पता चलता है कि राहुल गांधी सिर्फ अपने बयान से विवाद खड़ा करना चाहते हैं और बाद में चुप हो जाते हैं। 

इसके बाद नीरज दुबे ने यह भी कहा की हद तो तब हो जाती है जब उनके बयान को उनकी पार्टी की ओर से पूरी तरह जायज ठहराया जाता है। बयान को लेकर सफाई देने की बजाए पूरी पार्टी उनके समर्थन में खड़ी रहती है। यह कांग्रेस के लिए नकारात्मक राजनीति प्रतीक हो सकते हैं। नीरज दुबे ने कहा कि आज के समय में जो मूल मुद्दा है उसे पर राहुल गांधी कुछ नहीं बोलते वह जातिगत जनगणना के बारे में बोलते हैं। राहुल गांधी बार-बार कहते हैं कि हम जाति का जनगणना कराएंगे। पहले राहुल गांधी को बताना चाहिए कि कर्नाटक में आखिर जनगणना के बाद रिपोर्ट उनकी सरकार क्यों नहीं ला रही है?

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उन्होंने कहा कि आप बिहार के जातिगत जनगणना को लेकर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन जब यह जनगणना हुई थी तब आप सरकार में साझेदार थे। उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं एक विभाजन की राजनीति राहुल गांधी की ओर से की जा रही है। जब आप विपक्ष में होते हो तब आप कुछ और कहते हो, जब सत्ता में आते हो तो कुछ और कहते हो। राहुल गांधी को यह बताना होगा कि आखिर कर्नाटक की सरकार जातिगत जनगणना के आंकड़े को क्यों नहीं सामने ला रही है?

नीरज दुबे ने कहा कि जब भी राहुल गांधी विदेश यात्रा पर जाते हैं तो उनकी मुलाकात ऐसे लोगों से होती है जो भारत के विरोध में अभियान चलाते रहते हैं। ऐसे में राहुल गांधी से क्या उम्मीद की जा सकती है। सवाल तो यही उठता है कि क्या राहुल गांधी ऐसे लोगों से सलाह लेते हैं। राहुल गांधी अपनी पार्टी को मजबूत करने की बजाय कहीं ना कहीं बंटवारे की राजनीति की ओर भागते दिख रहे हैं। इसके साथ ही नीरज दुबे ने कांग्रेस के नए मुख्यालय का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह भव्य है। लेकिन कार्यालय को ना तो अपने कार्यकर्ता के लिए और ना ही मीडिया के लिए खोला गया। 

दिल्ली चुनाव को नीरज दुबे ने कहा कि यह लगातार रोमांचक होता दिखाई दे रहा है। अरविंद केजरीवाल अब सबसे ज्यादा फोकस अपनी नई दिल्ली सीट पर कर रहे हैं। यही कारण है कि हर प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल नई दिल्ली को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। केजरीवाल को पता है कि अगर वह नई दिल्ली सीट से हार जाते हैं या यह संकेत चला जाता है कि केजरीवाल अपनी सीट पर टफ फाइट कर रहे हैं तो कहीं ना कहीं इसका असर उनकी पार्टी के प्रदर्शन पर पड़ सकता है। केजरीवाल बाकी के विधानसभा क्षेत्र की बात नहीं कर रहे हैं। इससे साफ तौर पर पता चलता है कि उनकी नींद उड़ी हुई है। नई दिल्ली सीट से केजरीवाल को भाजपा और कांग्रेस दोनों से टक्कर मिल रही है।

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