चाय की चुस्की और नारियल की मिठास के बीच चुनाव प्रचार में नेता दिखा रहे तीखे तेवर

amit mamata
अंकित सिंह । Mar 27 2021 2:23PM

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा निर्वाचन आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप कर रही है। राज्य की मुख्यमंत्री बनर्जी ने गत दिनों निर्वाचन आयोग द्वारा बड़े पैमाने पर राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले किए जाने पर भी कड़ी आपत्ति जताई।

एक केंद्र शासित प्रदेश सहित पांच राज्यों में चुनावी सरगर्मियां अपने चरम पर है। नेता एक दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ रहा है, चुनावी माहौल में कटुता भी हावी होती जा रही है। नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते हुए व्यक्तिगत हमलों से भी परहेज नहीं कर रहे। पहले असम, बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के चुनाव पर जितनी चर्चा नहीं होती थी, इस बार वह सबसे ज्यादा चर्चा का विषय है। इन राज्यों में भाजपा के उभरते अस्तित्व ने हिंदीभाषी क्षेत्रों में भी इन राज्यों के चुनाव को लेकर दिलचस्पी बढ़ा दी है। प्रभासाक्षी ने भी अपने साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इन्हीं राज्यों को लेकर विश्लेषण किया। हमने प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे से यह जानने की कोशिश की कि इन चुनावों में कहां, किस पार्टी की कैसी स्थिति है। नीरज दुबे ने भी माना कि असम में भाजपा गठबंधन और कांग्रेस गठबंधन के बीच अच्छी टक्कर है। जबकि बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिल रहा है। नीरज कुमार दुबे ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन फिलहाल मुकाबले से बाहर नजर आ रहा है। तमिलनाडु के परिदृश्य में उन्होंने कहा कि डीएमके को वहां बढ़त हासिल है। केरल के लिए उन्होंने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ के बीच जबर्दस्त मुकाबला देखने को मिल सकता है। हालांकि वर्तमान परिस्थिति में देखें तो बढ़त एलडीएफ के पास है। पुडुचेरी में एनडीए के लिए इस बार स्थिति अच्छी है।

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सीएए पर भाजपा का दोहरा मापदंड उजागर हुआ, असम में मुद्दा उठाने से डर रही पार्टी: बघेल

भाजपा पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने कहा कि भगवा दल के शीर्ष नेता पश्चिम बंगाल में तो इस विवादास्पद कानून को लागू करने की बात कर रहे हैं लेकिन असम में इस मुद्दे को उठाने से डर रहे हैं। गुवाहाटी में प्रेसवार्ता के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल ने आरोप लगाया कि भाजपा बेरोजगारी, महंगाई, बाढ़ के बुरे हालात, हाशिए पर खड़े चाय बागान श्रमिकों और तस्करों के गिरोह से जुड़े सवालों के जवाब देने से बच रही है। बघेल ने कहा, भाजपा नेता असम में सीएए के मुद्दे पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी चुप हैं।

जन कल्याण की योजनाएं चाहते हैं तो भाजपा को वोट दें: शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में ऑटोमोबाइल उद्योग नहीं लगने दिया और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में विफल रहीं। शाह ने कहा कि अगर लोग जनकल्याण की योजनाएं चाहते हैं तो भाजपा को वोट दें और यदि वे घोटाले चाहते हैं तो तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में मतदान करें। राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पुरुलिया की कुर्मी जाति के लोगों को संबोधित करते हुए शाह ने हर परिवार को रोजगार देने और उनकी में शिक्षा देने का वादा किया। उन्होंने जंगलमहल क्षेत्र में एम्स का निर्माण करने का भी वादा किया। शाह ने कहा, ‘‘शुरुआत में वाम दलों ने राज्य से निवेशकों को खदेड़ा। इसके बाद दीदी ने बंगाल से ऑटोमोबाइल उद्योग को निकाल दिया। वह रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में विफल रही हैं।’’ शाह ने कहा, “यदि आपको योजनाएं चाहिए तो मोदी जी को वोट दें और अगर आपको घोटाले चाहिए तो अक्षम तृणमूल कांग्रेस को वोट दें। इसका निर्णय आपको ही करना है।” तृणमूल कांग्रेस पर “भ्रष्ट सरकार” चलाने का आरोप लगाते हुए शाह ने कहा कि भाजपा बंगाल में “कट मनी” की संस्कृति समाप्त कर देगी। शाह ने कहा कि तृणमूल सरकार ने आदिवासी और कुर्मी जाति के मतदाताओं को नजरअंदाज किया है और सत्ता में आने पर हर कुर्मी और आदिवासी परिवार को रोजगार दिया जाएगा। 

दस वर्षों में कोई विकास नहीं हुआ, ममता बंगाल को 19वीं सदी में ले गईं: राजनाथ

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ‘‘बंगाल को 19वीं सदी में ले जाने और पिछले दस वर्षों में विकास का कोई काम नहीं करने’’ के आरोप लगाते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि टीएमसी सरकार ने अपने पूर्ववर्ती वाम मोर्चा की तरह राज्य के लोगों के साथ गलत किया है। पुरुलिया जिले में एक सभा के दौरान सिंह ने टीएमसी के ‘खेला होबे’ नारा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब बंगाल में केवल काम और विकास होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी सुप्रीमो हिंसा और उग्रता को बढ़ाने वाले भाषण देती हैं। केंद्रीय मंत्री ने आश्चर्य जताया कि क्या मुख्यमंत्री दूसरे राज्यों से आए लोगों को बाहरी बताकर ‘‘देश को बांटना’’ चाहती हैं। उन्होंने कहा कि क्या बंगाल के लोगों के लोगों के साथ दूसरे स्थानों पर बाहरी के तौर पर व्यवहार किया जाता है। सिंह ने कहा कि भारतीय जनसंघ की स्थापना बंगाल के बेटे श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी जो बाद में भाजपा बनी। उन्होंने कहा, ‘‘क्या इस राज्य के किसी भाई को उत्तर प्रदेश में बाहरी माना जाएगा? भारत की धरती पर जन्मे सभी लोग एक-दूसरे के भाई हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि टीएमसी सरकार ने बंगाल के लोगों के लिए कुछ नहीं किया है।

भाजपा की सत्ता बरकरार रही तो मोदी, शाह के फैसले का पालन करूंगा: हिमंत

असम में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हिमंत बिस्वा सरमा ने बृहस्पतिवार को कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पास ‘लॉबिंग’ करने से कुछ नहीं मिलने वाला है तथा वह इस बारे में पार्टी के इन दोनों शीर्ष नेताओं के किसी भी फैसले का पालन करेंगे। हिमंत ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी के सत्ता में बने रहने पर मौजूदा मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, वह या किसी तीसरे व्यक्ति को राज्य की बागडोर थमाने के बारे में फैसला मोदी या शाह लेंगे। मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा द्वारा अपना उम्मीदवार घोषित नहीं करने पर हिमंत को इस पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। उन्होंने भगवा पार्टी नीत गठगंधन और कांग्रेस-एआईयूडीएफ गठजोड़ के बीच चुनावी मुकाबले को राज्य में असमिया एवं मियां संस्कृतियों के बीच सभ्यताओं के टकराव का हिस्सा बताया। गौरतलब है कि असम में मियां बांग्ला भाषी मुसलमानों को कहा जाता है, जिनकी राज्य में विधानसभा की 30 से 40 विधानसभा क्षेत्रों में अच्छी खासी उपस्थिति हैं। हिमंत ने कहा कि शुरूआत में कांग्रेस और तत्कालीन ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन तथा असम गण परिषद ने इस अस्मिता की रक्षा करने के लिए लड़ाई लड़ी थी और भाजपा असम की स्थानीय संस्कृति की रक्षा करने के लिए लड़ाई लड़ रही है। 

नंदीग्राम: राजनीतिक दलों ने पहचान की राजनीति, औद्योगीकरण के वायदों में झोंकी ताकत

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सबसे चर्चित निर्वाचन क्षेत्र बने नंदीग्राम में राजनीतिक दलों ने पहचान की राजनीति और औद्योगीकरण के वायदों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है जहां राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके पूर्व डिप्टी एवं भाजपा उम्मीदवार शुवेन्दु अधिकारी के बीच सीधा मुकाबला है। इस निर्वाचन क्षेत्र में 30 प्रतिशत अल्पसंख्यक वोट चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। वहीं, भाजपा और तृणमूल कांग्रेस बहुसंख्यकों के वोट जुटाने के लिए हिन्दुत्व की प्रतिस्पर्धा में भी लगी हैं। वर्ष 2007 में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के जरिए इस क्षेत्र ने शक्तिशाली वाम मोर्चा शासन की नींव हिला दी थी और बाद में 2011 में इसने तृणमूल कांग्रेस को सत्तारूढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस समय के आंदोलन के दो प्रमुख चेहरे बनर्जी और अधिकारी अब एक-दूसरे के आमने-सामने खड़े हैं। नंदीग्राम सीट पर राज्य में आठ चरण में होने जा रहे चुनाव के दूसरे चरण में एक अप्रैल को मतदान होगा। माकपा यहां अपनी युवा उम्मीदवार मीनाक्षी मुखर्जी के साथ भाजपा के हाथों छिने अपने जनाधार को फिर से पाने का प्रयास कर रही है। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के साथ ही राज्य में ‘बाहरी और भीतरी’ की चर्चा भी जोर से चल रही है, लेकिन भाजपा को बाहरी लोगों की पार्टी कहती रहीं बनर्जी को यहां पलटवार का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारी यहां खुद को ‘भूमिपुत्र’ के रूप में पेश कर रहे हैं और बनर्जी को कोलकाता से आईं बाहरी उम्मीदवार करार दे रहे हैं।

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भाजपा निर्वाचन आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप कर रही: ममता बनर्जी

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा निर्वाचन आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप कर रही है। राज्य की मुख्यमंत्री बनर्जी ने गत दिनों निर्वाचन आयोग द्वारा बड़े पैमाने पर राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले किए जाने पर भी कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने दांतन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जिस तरह से भाजपा निर्वाचन आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप कर रही है,ऐसा लगता है कि यह भाजपा आयोग है। ममता बनर्जी ने कहा कि सागर द्वीप से दांतन हेलीकॉप्टर से आने के दौरान तबादलों की उन्हें जानकारी मिली। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं कह रही हूंए भले आप (निर्वाचन आयोग) सभी (अधिकारियों) का तबादला कर दें। इससे हमारी जीत प्रभावित नहीं होगी क्योंकि जनता हमारे साथ है।’’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘ उनके मन में निर्वाचन आयोग के लिए अगाध सम्मान है।’’ तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं निर्वाचन आयोग से सवाल करना चाहती हूं कि आखिर क्यों लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों के दौरान पुलिस बलों का नियंत्रण केंद्र के हाथों में होता है? क्यों नहीं ये निर्वाचन आयोग के अधीन होते हैं?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग उनकी सरकार के प्रति सौतेला व्यवहार कर रहा है और चुनौती दी कि आयोग उन्हें नोटिस भेजे।

ममता बनर्जी को बंगाल के विकास में कोई रुचि नहीं है: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल की अपनी समकक्ष ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्हें राज्य के विकास में कोई रुचि नहीं है और वह केवल गुंडों और उगाही करने वालों को बढ़ावा देना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल शासन की समाप्ति की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और भाजपा विकास एवं प्रगति के नए युग की शुरुआत के लिए 35 दिन बाद राज्य में सरकार का गठन करेगी। दक्षिण 24 परगना जिले में सागर विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए योगी ने कहा, ‘‘ एक समय पर पश्चिम बंगाल आधुनिक और प्रगतिशील राज्य था, लेकिन कांग्रेस, वाम दल और फिर तृणमूल कांग्रेस ने राज्य के औद्योगिक विकास को अवरुद्ध किया और भ्रष्टाचार पनपने लगा।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल ने केन्द्र द्वारा चक्रवात ‘अम्फान’ से निपटने के लिए दी गई राहत राशि हड़प ली। उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चक्रवात ‘अम्फान’ से निपटने के लिए राज्य को एक हजार करोड़ रुपये दिए थे लेकिन पैसा जनता तक नहीं पहुंच पाया और तृणमूल के नेताओं ने इसे हड़प लिया।’’ उन्होंने कहा कि उनके राज्य के लोगों को अगर पीएम आवास योजना, उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत और किसान सम्मान निधि, जैसी योजनाओं का लाभ मिल सकता है, तो पश्चिम बंगाल के लोग इनके लाभ से वंचित क्यों हैं? 

तमिलनाडु चुनाव : कपड़े धोकर, नारियल तोड़ मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रहे प्रत्याशी

तमिलनाडु में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशी प्रचार के रोज नए-नए तरीक अपना रहे हैं। कोई कपड़े धो रहा है तो कोई नारियल तोड़कर मतदाता का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है। यहां की रोयापुरम सीट से अन्नाद्रमुक प्रत्याशी डी जयकुमार सड़क किनारे लगे हैंडपंप को चलाकर एक महिला के घड़े में पानी भरते नजर आए। मौजूदा राज्य सरकार में मत्स्यपालन मंत्री जयकुमार पार्टी संस्थापक एमजी रामचंद्रन की पहचान वाली टोपी पहनकर प्रचार कर रहे हैं एवं मतदाताओं तक साइकिल एवं रिक्शा से पहुंच रहे हैं। विरुगमबाक्कम से द्रमुक प्रत्याशी एवीएम प्रभाकर राजा चुनाव प्रचार के दौरान अपने पाककला का प्रदर्शन कर रहे हैं और छोटे से ठेले पर तुरंत गर्मा-गरम डोसा बनाते नजर आ रहे हैं। मक्कल निधी मयियम प्रत्याशी प्रियदर्शिनी एगमोर में सड़क किनारे की रेहड़ी पर मसालेदार मछली पकाकर मतदाताओं से उनके पक्ष में मतदान करने का अनुरोध कर रही हैं। कोयंबटूर जिले के थोंडामुथुर से निर्दलीय प्रत्याशी एवं लोकप्रिय अभिनेता मंसूर अली खान अकेले मोपेड पर प्रचार कर रहे हैं। खान प्रचार के दौरान नारियल पानी बेचने वाले के पास गए और खुद उसके दाव (चाकू) से नारियल तोड़कर पानी पीया और पैसे का भुगतान किया। हार्बर सीट पर बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय मतदाताओं के होने की वजह से द्रमुक प्रत्याशी पीके सेकर बाबू एवं लोकसभा सदस्य दयानिधि मारन लाल राजस्थानी पगड़ी पहनकर प्रचार करते नजर आ रहे हैं। पिछले चुनाव में भी द्रमुक द्वारा दीवार पर चिकपाए जाने वाले पोस्टर में हिंदी का प्रयोग असमान्य बात नहीं थी। नागपट्टनम से अन्नाद्रमुक प्रत्याथी थांगा काथीवरम एक और कदम आगे बढ़ते हुए नागोर में जब एक महिला को घर के बाहर कपड़े धोते देखा तो खुद न केवल कपड़े धोने की पेशकश की बल्कि कपड़े धोने के बाद निचोड़ कर सूखाने के लिए भी रस्सी पर डाला। 

केरल चुनाव: पलक्कड़ में भाजपा को ‘मेट्रोमैन’ श्रीधरन से करिश्मे की उम्मीद

केरल में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में पलक्कड़ सीट पर युवा बनाम बुजुर्ग की लड़ाई में भाजपा की तरफ से ‘मेट्रोमैन’ ई. श्रीधरन कांग्रेस के मौजूदा विधायक शफी परमबिल को चुनौती देंगे और प्रौद्योगिकीविद के अपने करिश्मे को वोटों में तब्दील करने की कोशिश करेंगे। इस बार पलक्कड़ में त्रिकोणीय चुनाव की उम्मीद है क्योंकि सत्तारूढ़ एलडीएफ ने भी भाजपा और कांग्रेस को चुनौती देते हुए पहली बार यहां से अपना उम्मीदवार उतारा है। यह सीट 2011 से यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के पास है। हाल के नगर निकाय चुनावों में पलक्कड़ में अपनी सफलता से उत्साहित भाजपा ने 38 वर्षीय परमबिल के मुकाबले 88 वर्षीय श्रीधरन को चुनावी मैदान में उतारा है। परमबिल तीसरी बार चुनाव जीतने की उम्मीद कर रहे हैं। प्रौद्योगिकीविद से नेता बने श्रीधरन लोगों से बात कर रहे हैं और उन्हें छह अप्रैल को वोट डालने की याद दिलाते हुए एक जगह से दूसरी जगह तेजी से प्रचार कर रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी के तौर पर श्रीधरन के अप्रत्याशित रूप से चुनावी मैदान में उतरने से खजूर के पेड़, धान के खेत और रथ दौड़ की भूमि पलक्कड़ पर देशभर के लोगों की निगाहें हैं। यूडीएफ ने एक बार फिर परमबिल पर भरोसा जताया है वहीं सत्तारूढ़ माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ हाल के नगर निकाय चुनावों में किए गए अपने अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित है। उसने इस सीट पर एक नये चेहरे सी पी प्रमोद को उतारा है।

एलडीएफ-यूडीएफ ने केरल को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाया: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी राज्य केरल के दौरे के दौरान सत्ताधारी माकपा के नेतृत्व वाले एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन यूडीएफ पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों मोर्चों ने राज्य को “भ्रष्टाचार का गढ़” बना दिया है। शाह ने कोट्टायम जिले के कंजिरापल्ली और कोल्लम जिले के परवूर में दो चुनावी रैलियों को संबोधित करने के अलावा कोच्चि के त्रिपुनिथुरा और पलक्कड के कांजीकोड में रोड शो में हिस्सा लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि एक के बाद एक राज्य में शासन करने वाले एलडीएफ और यूडीएफ ने राज्य को “भ्रष्टाचार का गढ़” बना दिया है। उन्होंने कहा, “जब यूडीएफ सत्ता में आती है तो हमें सौर घोटाले जैसे घपले देखने को मिलते हैं और जब एलडीएफ सत्ता में आता है तो डॉलर और सोना घोटाला होता है।” परवूर के पुत्तिंगल मंदिर के मैदान में एक जनसभा में उन्होंने सबरीमला मंदिर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अयप्पा के भक्तों पर एलडीएफ सरकार द्वारा की गई “ज्यादतियां” निंदनीय थीं और ऐसा देश के किसी और हिस्से में नहीं देखा गया। उन्होंने मंदिर के मैदान में कहा, “वामपंथी दल हमारी संस्कृति और परंपराओं को खत्म करने पर आमादा है…भाजपा सरकार का मानना है कि मंदिर से जुड़े मामलों में सरकार को दखल नहीं देना चाहिए और भक्तों को इन मुद्दों को सुलझाने देना चाहिए। ”

कांग्रेस-एआईयूडीएफ ‘महाजोत’ से सावधान क्योंकि यह ‘महाझूठ’ है: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के लोगों का आह्वान किया कि वे कांग्रेस-एआईयूडीएफ ‘महाजोत’ (महागठबंधन) से सावधान रहें क्योंकि यह ‘महाझूठ’ है। यहां एक चुनावी रैली में मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में विपक्षी दल के पास आदर्श या योग्य नेता नहीं हैं। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के पास न नेता है न नीति, सिर्फ महाझूठ है।” उन्होंने कहा कि वह सिर्फ घुसपैठ, लूट, ‘सत्र’ (वैष्णवों के मठ) और वन्यजीव अभ्यारण्यों की जमीनों पर कब्जा, शिकार और भ्रष्टाचार की गारंटी दे सकती है। उन्होंने कहा कि यह महाझूठ का आधार है। मोदी ने कहा, “मैं आप लोगों को इस तथ्य के बारे में जागरुक करने आया हूं कि कांग्रेस का हाथ उन लोगों के साथ है जो राज्य की पहचान और संस्कृति के लिए खतरा हैं।” विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के लिये कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने उस दल के साथ कैसे गठजोड़ किया जो घुसपैठियों के बल पर पैदा हुआ और पनपा है।” कांग्रेस पर लोगों को बांटने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “वे कुछ भी कर सकते हैं, वोट के लिये किसी को भी धोखा दे सकते हैं।” प्रधानमंत्री ने दावा किया कि राजग सरकार ने बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ रोकने के लिये कदम उठाए हैं और सीमा सुरक्षा को मजबूत किया है। उन्होंने कहा, “राज्य की सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं की सुरक्षा करने वाली भाजपा सरकार पर लोगों के बढ़ते भरोसे के बीच क्या आप असम को उन लोगों के हाथों में सौंप सकते हैं जो राज्य की पहचान को नष्ट करने के लिये अवैध आव्रजकों को प्रवेश की मंजूरी देंगे?”

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घमंड एवं भ्रष्टाचार विजयन सरकार की पहचान: ए के एंटनी

केरल की वाममोर्चा सरकार को निशाना बनाते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी ने आरोप लगाया कि घमंड, अहंकार और भ्रष्टाचार, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के पांच साल के शासन का प्रतीक है तथा राज्य के लोग उसे एक और कार्यकाल नहीं देंगे। पूर्व रक्षा मंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि वाम नेता और मंत्री छह अप्रैल के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर आज कल दम्भी रवैये एवं अपनी कार्यशैली को बदलने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने अपने बयान के पक्ष में सबरीमला महिला प्रवेश मुद्दे पर विजयन एवं देवस्वओम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन के रूख में कथित बदलाव का हवाला भी दिया। उन्होंने कहा, ‘‘एक बार फिर (हम) राज्य की पिनराई विजयन सरकार पर नजर दौड़ाएं। (हम पाते हैं कि) इस पांच साल के शासन का प्रतीक अहंकार, घमंड, फिजूलखर्ची और सभी क्षेत्रों में संपूर्ण भ्रष्टाचार है।’’ एंटनी ने कहा कि राज्य के श्रद्धालु विजयन को सबरीमला मुद्दे पर माफ नहीं करेंगे, क्योंकि इस धर्मस्थल में युवतियों का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए वाममोर्चा सरकार द्वारा अपनाये गये हठी रूख से चीजें और जटिल हो गयीं। 

बंगाल में कोई भारतीय बाहरी नहीं, जीतने पर भाजपा का मुख्यमंत्री इसी धरती का बेटा होगा: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बंगाल ने पूरे भारत को ‘वन्दे मातरम’ की भावना में बांधा है और उसी बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोगों को ‘‘बोहिरागोतो’’ (बाहरी) बता रही हैं। उन्होंने एलान किया कि अगर भाजपा सत्ता में आयी तो राज्य का मुख्यमंत्री बंगाल की धरती के बेटे को ही बनाया जाएगा। पूर्व मेदिनीपुर जिले के कांठी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि बंगाल बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय, रबींद्रनाथ टैगोर और सुभाष चंद्र बोस जैसे नायकों की भूमि है और इस धरती पर कोई भारतीय बाहरी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल ने पूरे भारत को ‘वन्दे मातरम’ की भावना में बांधा है और उस बंगाल में ममता दीदी ‘‘बोहिरागोतो’’ (बाहरी होने) की बात कर रहीहैं। कोई भारतीय यहां बाहरी नहीं है, वे भारत माता के बच्चे हैं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘हमें ‘पर्यटक’ कहा जा रहा है, हमारा मजाक उड़ाया जा रहा है, हमारा अपमान किया जा रहा है। दीदी, रबींद्रनाथ के बंगाल के लोग किसी को भी बाहरी नहीं मानते।’’ उन्होंने रैली में कहा कि जब बंगाल में भाजपा सरकार बनाएगी तो मुख्यमंत्री इसी धरती का कोई बेटा होगा। दरअसल, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाजपा और प्रधानमंत्री का जिक्र करते हुए अक्सर अपने भाषणों में कहती हैं कि वह दिल्ली या गुजरात से आए ‘‘बाहरी’’ लोगों को बंगाल में शासन करने नहीं देंगी। उनके इस बयान पर छिड़ी ‘‘स्थानीय बनाम बाहरी’’ की बहस के बीच मोदी की ये टिप्पणियां आई हैं। तृणमूल कांग्रेस ने ‘बंगाल को अपनी बेटी चाहिए’ अभियान भी शुरू किया है जिसमें पार्टी के नेता राज्य आ रहे भाजपा पदाधिकारियों को ‘‘चुनावी पर्यटक’’ कह रहे हैं।

- अंकित सिंह

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