ओलंपिक में मेडल जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोडूंगा: अमित पंघाल
पंघाल ने रूस से भारत लौटने के बाद सोमवार को कहा कि पदक जीतना अच्छा रहा। मैंने जैसी तैयारी की थी उसके हिसाब से पदक जीतने को लेकर आश्वस्त था। इससे पहले किसी भी भारतीय खिलाड़ी ने कांस्य से बड़ा पदक नहीं जीता था, इसलिए मैं कुछ अलग करना चाहता था, पदक के रंग को बदलना चाहता था।
नयी दिल्ली। विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले मुक्केबाज अमित पंघाल ने कहा कि अगले साल होने वाले एशियाई क्वालीफायर्स से ओलंपिक में जगह पक्की करना काफी मुश्किल चुनौती होगी लेकिन वह इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। एशियाई खेलों और एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पंघाल ने शनिवार को रूस के एकातेरिनबर्ग में हुए विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतकर इतिहास रचा था। वह इस प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी है। सेना में नायब सूबेदार के पद पर तैनात 23 साल के इस खिलाड़ी ने कहा कि वह इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पदक जीतने को लेकर आश्वस्त थे।
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पंघाल ने रूस से भारत लौटने के बाद सोमवार को कहा कि पदक जीतना अच्छा रहा। मैंने जैसी तैयारी की थी उसके हिसाब से पदक जीतने को लेकर आश्वस्त था। इससे पहले किसी भी भारतीय खिलाड़ी ने कांस्य से बड़ा पदक नहीं जीता था, इसलिए मैं कुछ अलग करना चाहता था, पदक के रंग को बदलना चाहता था।’’रूस में हुई विश्व चैम्पियनशिप ओलंपिक क्वालीफायर नहीं था। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) में लंबे समय से चली आ रही प्रशासनिक अनियमितताओं के कारण इससे ओलंपिक क्वालीफायर का दर्जा छीन लिया था।
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पंघाल ने कहा कि विश्व चैम्पियनशिप अगर ओलंपिक क्वालीफायर होता तो कम से कम 3-4 मुक्केबाजों ने कोटा हासिल किया होता। यह और भी बड़ी जीत होती। अब हमारे लिए अगली बड़ी चुनौती एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर है। अब पूरा ध्यान उसी पर है। पंघाल ने अंतरराष्ट्रीय करियर 49 किग्रा भारवर्ग में शुरू करने के बाद शानदार प्रदर्शन किया लेकिन इसके ओलंपिक कार्यक्रम से हटने के बाद उन्होंने 52 किग्रा में खेलने का फैसला किया। बुल्गारिया में प्रतिष्ठित स्ट्रांदजा मेमोरियल में लगातार दो बार स्वर्ण पदक हासिल करने वाले रोहतक के इस मुक्केबाज ने कहा कि मुझे अपना दमखम बढ़ाने पर काम करना होगा। हम जैसे-जैसे क्वालीफायर की तरफ बढ़ेंगे इसमें सुधार होगा। इसके लिए हमें पूरी तरह लय में रहना होगा। ओलंपिक तक हमें कोई भी कोताही नहीं बरतनी होगी।
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ओलंपिक क्वालीफायर्स का आयोजन अगले साल फरवरी में एशिया/ ओशियाना क्षेत्र के क्वालीफायर्स से शुरू होगा जिसका आयोजन फरवरी में होगा। उन्होंने कहा कि कम वजन वर्ग वाले स्वर्धा में एशियाई क्वालीफायर्स में प्रतियोगिता का स्तर विश्व क्वालीफायर्स की तरह ही होगा। ज्यादातर एशियाई मुक्केबाजों में ओलंपिक या विश्व चैम्पियनशिप में पदक हासिल किये हैं। यह मुश्किल होगा। पंघाल के अगामी प्रतियोगिताओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं अगले महीने विश्व सैन्य खेलों में भाग लूंगा। मै। इंडियन बाक्सिग लीग में भी खेलूंगा।
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