पदक नहीं मिला, लेकिन सर्वश्रेष्ठ था एशियाई खेलों का प्रदर्शन: मनु भाकर

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ओलंपिक के पदक विजेताओं के लिए आईओए द्वारा रखे गये सम्मान समारोह में उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता है मैंने कभी उससे बेहतर प्रदर्शन किया है। हां, मैं पदक जीतने से जरूर चूक गयी लेकिन यह मेरे लिए बेंचमार्क की तरह होगा।

नयी दिल्ली। एशियाई खेलों से खाली हाथ लौटने के बाद युवा ओलंपिक में स्वर्ण सहित दो पदक जीतने वाली निशानेबाज मनु भाकर ने कहा कि पालेम्बांग में उन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। मनु एशियाई खेलों में 25 मीटर के क्वालीफाइंग स्पर्धा में 593 अंक बनाने के बाद भी पदक जीतने में सफल नहीं रहीं थी। भारत की सबसे प्रतिभाशाली युवा निशानेबाज के तौर पर पहचान बना चुकी मनु ने हाल ही में ब्यूनस आयर्स में संपन्न हुये युवा एशियाई खेलों में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में व्यक्तिगत और मिश्रित युगल में क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक हासिल किया। इस जीत से वह एशियाई खेलों की निराशा को पीछे छोड़ने में सफल रही।

एशियाई खेलों से खाली हाथ लौटने के बाद युवा ओलंपिक के लिये जाना कितना मुश्किल था, यह पूछने पर मनु ने कहा, ‘‘एशियाई खेलों में मेरा प्रदर्शन हौसला बढ़ने वाला था। मैंने वहां पिस्टल स्पर्धा में 593 अंक (क्वालीफाइंग में) बनाये जो मेरा अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। 593 जैसा स्कोर हमेशा नहीं बनाया जा सकता है।’’ 

ओलंपिक के पदक विजेताओं के लिए आईओए द्वारा रखे गये सम्मान समारोह में उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता है मैंने कभी उससे बेहतर प्रदर्शन किया है। हां, मैं पदक जीतने से जरूर चूक गयी लेकिन यह मेरे लिए बेंचमार्क की तरह होगा। जब भी मुझे प्रेरणा की जरूरत होगी तो यह मेरा हौसला बढ़ायेगा।’’ राष्ट्रमंडल खेलों की मौजूदा चैम्पियन ने कहा, ‘‘भारत के लिए पदक जीतना अच्छा लगता है। तिरंगे को ऊंचा उठता देखने फख्र की बात है। हर टूर्नामेंट ने मुझे बेहतर निशानेबाज बनाया है। 

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