तोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में पीवी सिंधू की एंट्री, गोल्ड मेडल जीतने से एक कदम दूर

Sindhu enters semifinals at Tokyo Olympics

सिंधू ने नेट के करीब विनर लगाकर पहला गेम 23 मिनट में अपने नाम कर लिया। सिंधू ने दूसरे गेम में पूरा नियंत्रण बनाते हुए दो शानदार स्मैश से 2-0 से बढ़त ले ली। उन्होंने अपनी सहज गलतियों को न्यूनतम रखा जबकि यामागुची सर्विस गलती कर बैठीं।

तोक्यो। मौजूदा विश्व चैम्पियन पीवी सिंधू शुक्रवार को जापान की दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी अकाने यामागुची को सीधे गेम में पराजित कर यहां तोक्यो ओलंपिक की महिला एकल स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंच गयी जिससे उन्होंने बैडमिंटन में भारत की पहले ओलंपिक स्वर्ण पदक की उम्मीद जीवंत रखी। रियो ओलंपिक 2016 की रजत पदक विजेता ने शानदार रक्षण किया और अपने आक्रामक आल राउंड खेल की बदौलत क्वार्टरफाइनल में चौथी वरीय यामागुची को 56 मिनट तक चले मुकाबले में 21-13 22-20 से शिकस्त दी। अब उनका सामना थाईलैंड की रतचानोक इंतानोन और चीनी ताइपे की ताई जु यिंग के बीच होने वाले दूसरे क्वार्टरफाइनल के विजेता से होगा।

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मैच से पहले सिंधू का जापानी खिलाड़ी के खिलाफ जीत का रिकार्ड 11 - 7 था जिसे उन्होंने इस साल मार्च में आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में हराया था। यामागुची ने भी आक्रामक खेल दिखाने का प्रयास किया लेकिन सिंधू ने अपने आक्रामक स्मैश और ‘हाफ स्मैश’ से विपक्षी पर दबाव बनाया। शुरूआती गेम में सिंधू 2-4 से पिछड़ रही थीं लेकिन उन्होंने तेजी से वापसी करते हुए इसे 6-6 से बराबर कर दिया। यामागुची ने लगातार तीन सहज गलतियां कर दीं और भारतीय खिलाड़ी को बढ़त बनाने का अवसर मिल गया। ब्रेक तक वह क्रास कोर्ट स्मैश से 11-7 से आगे हो गयीं। उन्होंने अपने ‘फोर कोर्ट’ का बखूबी इस्तेमाल किया और नेट पर भी अच्छी रहीं। दोनों ने कुछ अच्छी और तेज रैलियां खेलीं लेकिन यामागुची के पास विपक्षी के शॉट का कोई जवाब नहीं था। वह इससे थोडी खिन्न भी दिख रही थी।

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सिंधू ने नेट के करीब विनर लगाकर पहला गेम 23 मिनट में अपने नाम कर लिया। सिंधू ने दूसरे गेम में पूरा नियंत्रण बनाते हुए दो शानदार स्मैश से 2-0 से बढ़त ले ली। उन्होंने अपनी सहज गलतियों को न्यूनतम रखा जबकि यामागुची सर्विस गलती कर बैठीं। सिंधू ने शानदार ‘नेट ड्रिबल’ और ‘क्रास कोर्ट’ स्मैश से ब्रेक तक पांच अंक की बढ़त बना ली। यामागुची ने हालांकि 8-13 से पिछड़ने के बाद वापसी की और अगले नौ मे से आठ अंक हथिया लिये जिससे उन्होंने 16-15 की बढ़त ले ली। यामागुची ने हालांकि 15-13 के स्कोर पर ही सिंधू को थकाने वाली रैली में उलझाया। जापानी खिलाड़ी अच्छा रक्षण कर रही थी जिससे सिंधू को करीब खेलने के लिये बाध्य कर दिया। इस दौरान उन्होंने गलती भी की और यामागुची ने 18-16 से बढ़त बना ली। शानदार नेट शॉट से यामागुची ने दो और गेम प्वाइंट हासिल किये जिससे उनकी वापसी करने की उम्मीद लग रही थी। लेकिन सिंधू ने फिर दो स्मैश लगाकर स्कोर 20-20 कर दिया। फिर एक और हाफ स्मैश ने वह मैच प्वाइंट तक पहुंचकर गेम जीत गयीं। वह खुशी से चिल्लाने लगी। सिंधू ने प्री क्वार्टरफाइनल में डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट को सीधे गेम में हराया था। वह बैडमिंटन में एकमात्र भारतीय खिलाड़ी बची हैं। पुरूष एकल खिलाड़ी बी साई प्रणीत तथा चिराग शेट्टी और सात्विकसाइराज रंकीरेड्डी की पुरुष युगल जोड़ी नाकआउट चरण के लिये क्वालीफाई नहीं कर सकी थी।

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