इक्वेस्ट्रियन गेम क्या है? जानें इसका इतिहास और नियम, 2024 पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम से मेडल की आस

Equestrian game
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Kusum । Dec 26 2023 8:14PM

घुड़सवारी घोड़ों की रेसिंग और वॉल्टिंग (घोड़े की पीठ पर जिमनास्टिक) से लेकर पोलो और रोडियो तक के कई प्रकार होते हैं। वहीं ओलंपिक खेलों में घुड़सवारी के तीन खेल शामिल हैं। जंपिंग (जिसे शो जंपिंग भी कहा जाता है), ड्रेसेज और इवेंटिंग।

इक्वेस्ट्रियन या घुड़सवारी एक खेल है, जिसमें घुड़सवार एक घुड़सवार एक घोड़े की पीठ पर सवार होकर हुनर का प्रदर्शन करता है। 

दरअसल, घुड़सवारी घोड़ों की रेसिंग और वॉल्टिंग (घोड़े की पीठ पर जिमनास्टिक) से लेकर पोलो और रोडियो तक के कई प्रकार होते हैं। 

ओलंपिक खेलों में घुड़सवारी के तीन खेल शामिल हैं। जंपिंग (जिसे शो जंपिंग भी कहा जाता है), ड्रेसेज और इवेंटिंग। 

बता दें कि, घुड़सवारी का आविष्कार लगभग 3500 ईसा पूर्व से ही मिलते हैं। रथों की दौड़ प्राचीन ग्रीस में लोकप्रिय थी और प्राचीन ओलंपिक खेलों के मुख्य आकर्षण में से एक थी। 

घुड़सवारी के नियम क्या हैं?

  • ड्रेसेज में कई टेस्ट होते हैं, जिसमें घोड़े और घुड़सवार को एक तय मूवमेंट वाले रूटीन का प्रदर्शन करने के लिए अंक दिए जाते हैं। जंपिंग में घोड़े और सवार कई बाधाओं को पार करने की कोशिश करते हैं जो एक तय मार्ग को फॉलो करते हुए आगे बढ़ते हैं। अगर दो या दो से ज्यादा जोड़े बेहतर तरीके से राउंड को पूरा करते हैं तो ऐसे में विजेता का निर्णय करने के लिए जंप- ऑफ समय के आधार पर किया जाता है। 
  • इवेंटिंग को मूल रूप से घुड़सवारी के घोड़ों को टेस्ट करने और उन्हें तैयार करने के लिए विकसित किया गया था। इसमें तीन अलग-अलग डिसिप्लिन शामिल हैं। ड्रेसेज टेस्ट और उसके बाद क्रॉस कंट्री जो लगभग 30 मुश्किल बाधाओं वाली 6 किमी लंबी घुड़सवारी होती है, और फिर जंपिंग। 
  • सभी डिसिप्लिन की प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेने से पहले घोड़ों को पशु चिकित्सा निरीक्षण पास करना होता है। जंपिंग और क्रॉस- कंट्री में, एक बाधा को पार करने या छोड़ देने या चूक जाने के लिए पेनल्टी दी जाती हैं। 

घुड़सवारी और ओलंपिक 

घुड़सवारी का खेल पहली बार पेरिस 1900 ओलंपिक खेलों में प्रदर्शित किया गया। जिसमें कई जंपिंग इवेंट्स और पोलो का आयोजन हुआ था। 

साल 1908 में केवल पोलो को शामिल करने के साथ ही घुड़सवारी को 1904 के खेलों से हटा दिया गया था। लेकिन स्टॉकहोम 1912 में पहली ड्रेसेज और इवेंटिंग प्रतियोगिताओं के साथ-साथ जंपिंग को भी शामिल किया गया था और उसके बाद से ही ये ओलंपिक प्रोग्राम में प्रतियोगिता के तौर पर शामिल हैं। 

पोलो को ओलंपिक खेलों में कुछ ही बार शामिल किया गया है। बर्लिन 1936 के बाद खेलों से हटाए जाने से पहले कुछ पांच बार ही पोलो ओलंपिक खेलों का हिस्सा रहा है। 

शुरुआत में केवल पुरुषों ने घुड़सवारी में प्रतिस्पर्धा की, जिसमें घुड़सवार या तो सैन्य अधिकारी या जेंटलमेन होना चाहिए था। ये प्रतिबंध 1951 में हटा लिया गया और महिलाओं ने हेलसिंकी 1952 में ड्रेसेज में पुरुषों के साथ प्रतिस्पर्धा की। महिलाओं को 1956 में जंपिंग और 1964 में इवेंटिंग में भी शामिल कर लिया गया। 

2024 पेरिस ओलंपिक में भारत को मेडल की आस

एशियन गेम्स 2023 में भारत के ह्रदय छेदा, अनुष अग्रवाल, दिव्यकृति सिंह और सुदीप्ति हजेला की ड्रेसेज टीम ने गोल्ड मेडल जीता। इस टीम ने ये कारनामा 41 साल बाद किया। जिसके बाद से भारत को पेरिस ओलंपिक 2024 में मेडल की आस है। 

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