Meta और Google को ED ने भेजा समन, ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप को लेकर पूछताछ के लिए बुलाया

ED summons Google and Meta
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Kusum । Jul 21 2025 5:58PM

ईडी ने दुनिया की दो सबसे बड़ी टेक कंपनियों गूगल और फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा को समन भेजा है। ये समन भारत में तेजी से फैल रहे अवैध ऑनलाइन सट्टा ऐप्स को प्रमोट और एडवर्टाइज करने के मामले में भेजा गया है।

प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने दुनिया की दो सबसे बड़ी टेक कंपनियों गूगल और फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा को समन भेजा है। ये समन भारत में तेजी से फैल रहे अवैध ऑनलाइन सट्टा ऐप्स को प्रमोट और एडवर्टाइज करने के मामले में भेजा गया है।

ED की मानें तो गूगल और मेटा ने ऐसे कई ऑनलाइन सट्टा प्लेटफॉर्म के विज्ञापन पब्लिश किए और एल्गोरिदम के जरिए उन्हें प्रमोट किया, जिससे उनका एडवर्टाइजमेंट और यूजेस दोनों तेजी से बढ़े। इस तरह के ऐप्स को बढ़ावा देना Prevention of money laundering Act (PMLA) के अंतर्गत एक गंभीर अपराध माना जा रहा है। जांच एजेंसी का मानना है कि इन कंपनियों ने सट्टा ऐप्स से एडवर्टाइजमेंट रेवन्यू भी जेनरेट किया है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधियों को बढ़ावा मिला।

गूगल और मेटा के सीनियर अधिकारियों को 21 जुलाई 2025 को दिल्ली स्थिति ED के मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। उनसे पूछताछ के दौरान ये जानने की कोशिश की जाएगी। क्या इन कंपनियों को अवैध सट्टा ऐप्स की गतिविधियों की जानकारी थी और क्या उन्होंने जूनबूझकर उनके साथ व्यावसायिक संबंध बनाए।

हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब ED ने सट्टा या ड्रग रैकेट्स से जुड़ी टेक्नोलॉजी या मीडिया फिगर्स पर शिंकजा कसा हो। इससे पहले प्रकाश राज, राणा दग्गुबाती और विजय देवरकोंडा जैसे फिल्म स्टार्स को भी इसी तरह की जांच के लिए बुलाया गया था। जब जांच का दायरा बढ़कर टेक कंपनियों तक पहुंच गया है। 

भारत सरकार की ओर से 2022 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया प्लेटफॉर्म को निर्देश जारी किया था कि वे सट्टा और जुए से जुड़े ऐप्स के विज्ञापन ना दिखाएं। इसके बावजूद इन प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे कई विज्ञापन लगातार देखने को मिले, जिनमें स्किल बेस्ड गेमिंग के नाम पर सट्टे से गतिविधियों को प्रमोट किया गया।

ED इन कंपनियों के विज्ञापन डाटा, पेमेंट ट्रांजैक्शन्स और एल्गोरिदमिक प्रिफरेंसेज की गहराई से जांच करेगी। अगर ये पाया गया कि इन कंपनियों ने सट्टा प्लेटफॉर्म्स से पैसा लेकर उन्हें प्रमोट किया, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। ये मामले ना सिर्फ भारत में बल्कि ग्लोबल मार्केट में भी टेक कंपनियों की जवाबदेही और जिम्मेदारियों को लेकर बहस शुरू कर सकता है।

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