कैसे रखें 'हैकर्स' से अपने स्मार्ट फोन को सुरक्षित?

Phone Hacking

ऐसा देखा गया है कि कई बार लुभावने ऑफर्स देखकर लोग डायरेक्ट किसी वेबसाइट के अनसिक्योर्ड लिंक से एप्लीकेशन डाउनलोड कर लेते हैं और इंस्टॉल करके अपनी जरूरी सूचनाएं उन्हें दे बैठते हैं। परिणामतः नुकसान सुनिश्चित होता है।

वर्तमान समय टेक्नोलॉजी के बिना रहने की कल्पना किसी के लिए भी नामुमकिन है, पर टेक्नोलॉजी के अपने खतरे भी हैं!

इस समय किसी भी व्यक्ति के स्मार्ट फोन में वह सभी इंफॉर्मेशन होती है, जिसे आप सामान्य कहिए, संवेदनशील कहिए या अतिसंवेदनशील कह लीजिये। कल्पना करना मुश्किल है कि अगर किसी व्यक्ति का स्मार्टफोन हैक हो जाता है तो उस व्यक्ति को कितना नुकसान हो सकता है? ऐसे में हर किसी को अपने स्मार्टफोन की सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना चाहिए।

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आइए जानते हैं कि स्मार्ट फोन को हैक होने से किस प्रकार बचाया जा सकता है-

वेरीफाइड सोर्सेज का करें इस्तेमाल

जी हां किसी भी अज्ञात, अप्रमाणित सोर्स से प्राप्त एप्लीकेशन को अपने स्मार्टफोन में इंस्टॉल ना करें। इसका खामियाजा आप को तब भुगतना पड़ सकता है, जब अचानक आपको पता चलेगा कि आपका मोबाइल हैक हो गया है।

ऐसा देखा गया है कि कई बार लुभावने ऑफर्स देखकर लोग डायरेक्ट किसी वेबसाइट के अनसिक्योर्ड लिंक से एप्लीकेशन डाउनलोड कर लेते हैं और इंस्टॉल करके अपनी जरूरी सूचनाएं उन्हें दे बैठते हैं। परिणामतः नुकसान सुनिश्चित होता है।

वेरीफाई यानी एंड्राइड के लिए प्ले स्टोर और आईओएस के लिए ऐप स्टोर का इस्तेमाल आपको सिक्योर रखने में बड़ी सहायता करेगा।

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परमिशन देते समय सावधानी बरतें

कई मोबाइल एप्लीकेशन जब आप इंस्टॉल करते हैं तो वह हर तरह की परमिशन आप से मांगने लगते हैं। ऐप इंस्टालेशन के समय आपके सामने स्क्रीन खुलती है तो एलाऊ और डिनाय का ऑप्शन आता है। अगर आप उस एप के लिए हर एक परमिशन एलाऊ करते चले जाते हैं, तो कहीं ना कहीं यह आपके लिए खतरा है। 

क्या पता कि वह एप्लीकेशन आपसे आपके पासवर्ड और पिन कोड तक की डिटेल ले ले?

और अनजाने में आप उसे परमिशन दे भी देते हैं। ध्यान रहे, अगर आप कोई भी नई एप्लीकेशन इनस्टॉल करें तो उसे दी जाने वाली परमिशन को सावधानी से चेक करें, बेशक वह एप्लीकेशन वेरीफाइड स्टोर से ही क्यों ना डाउनलोड की गई हो।

मोबाइल फोन अपडेट किया क्या?

कई बार लोग सोचते हैं कि स्मार्टफोन को अपडेट करना भला क्यों आवश्यक है? 

तो यह जान लें कि अपडेट का मतलब यह होता है कि आपके पुराने सिस्टम में जो भी एरर है, उन्हें दुरुस्त करके एक नया सिस्टम इनस्टॉल करना। इसमें अधिकतर चीजें तो वही रहती हैं, खासकर यूजर इंटरफ़ेस, लेकिन एरर्स दुरुस्त कर दिए जाते हैं। 

कमजोर कोड को मजबूत कोड में बदल दिया जाता है और आपके मोबाइल के हैक होने की संभावना और भी कम हो जाती है। इसलिए अपने मोबाइल को टाइम टू टाइम अपडेट करना ना भूलें।

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फ्री वाईफाई का लाभ ना उठाएं

कहते हैं लालच बुरी बला और अब तो तमाम डेटा कंपनीज आपको बहुत ही सस्ते में डेटा उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे में फ्री वाईफाई का इस्तेमाल आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। किसी हाल में आप फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल ना करें। 

इसी तरह से आपको किसी भी अवांछित ईमेल लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए। खासकर ब्राउज़र में लॉगिन करते समय आपको बेहद सजग रहने की जरूरत है। कई बार ऐसा होता है कि हूबहू जीमेल या फेसबुक की तरह या आपके बैंकिंग लॉग इन पेज की तरह दिखने वाले लिंक इन कंपनियों से संबंधित नहीं होते हैं। बल्कि वह किसी अन्य यूआरएल पर रीडायरेक्ट होते हैं। ऐसे में आपको इसका ध्यान रखकर लॉगइन करना चाहिए।

विश्वसनीय एंटी वायरस

अपने फोन को हैक होने से बचने के लिए आप किसी विश्वसनीय एंटी वायरस का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इससे आपके फोन में मेल वेयर आने के चांसेस कम हो जाते हैं और आपका फोन सुरक्षित रहता है।

तो यह थे वह टिप्स जिनसे आप अपने फोन को हैक होने से बचा सकते हैं।

- मिथिलेश कुमार सिंह

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