पीसा की झुकी मीनार पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र
विश्व की प्रसिद्ध और आश्चर्यजनक पीसा की झुकती मीनार को सुरक्षित बचाने के लिए बनाई गई परियोजना का उद्देश्य है कि मीनार के झुकाव को आधे अंश तक कम कर दिया जाए।
पीसा की झुकी हुई मीनार भले ही दुनिया के वास्तुकारों के लिए चुनौती हो और उसे सीधा करने के प्रयास तेजी पर हों लेकिन वह तबका जिसकी रोजी रोटी इसी से चलती है वह इसी प्रयास में है कि यह मीनार ऐसी ही बनी रहे। क्योंकि यदि यह मीनार सीधी हो गई तो पर्यटकों का आकर्षण कम हो जाएगा।
विश्व की प्रसिद्ध और आश्चर्यजनक पीसा की झुकती मीनार को सुरक्षित बचाने के लिए बनाई गई परियोजना का उद्देश्य है कि मीनार के झुकाव को आधे अंश तक कम कर दिया जाए। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा करने में भी बरसों लगेंगे और यदि ऐसा करना संभव हो भी गया तो मीनार को सदियों तक सुरक्षित बनाया जा सकेगा। पीसा की झुकी हुई मीनार को सीधा करने के लिए अब तक न जाने कितने पापड़ बेले गए, लेकिन सब बेकार ही साबित हुए। पीसा की झुकी हुई मीनार एक अमूल्य कृति है। यह अपने लंब से करीब 4 मीटर झुकी हुई है। इस मीनार का निर्माण वोनेत्रो पिसानो ने 1173 में शुरू करवाया था और 1350 में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ। पूरी सावधानी बरतने के बाद भी जब तीसरी मंजिल का निर्माण हो रहा था, तभी वह झुक गई और लाखों प्रयासों के बावजूद उसका झुकना रोका नहीं जा सका।
जैसे−जैसे और मंजिलें बनाई तो गईं पर मीनार और अधिक झुकती चली गई। इस मीनार के झुकने के प्रमुख रूप से दो कारण माने जाते हैं। पहला, बाहरी दीवारों पर बढ़ता दबाव तथा दूसरा इसके नीचे की मिट्टी में जल की मात्रा में परिवर्तन। यह रेत तथा चिकनी मिट्टी वाली जमीन पर बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि मीनार की नींव का बलुई जमीन पर होना तथा उसका एक भाग जमीन में धंस जाने की वजह से यह झुक गई है। पीसा की मीनार का झुका होना शुरू से ही कौतूहल का विषय रहा है। झुकी होने पर भी वह गिरती क्यों नहीं है? यही प्रश्न सबके मन में रहता है। वैसे इसके लगातार झुके रहने के बावजूद खड़े रहने का वैज्ञानिक कारण है− उसका गुरुत्व केंद्र। क्योंकि गुरुत्व केंद्र वस्तु का वह बिंदु होता है, जहां उसका समस्त द्रव्यमान केंद्रित होता है। विज्ञान का सिद्धांत है कि कोई वस्तु तब तक स्थिर रहती है जब तक कि उसके गुरुत्व केंद्र से खींची गई ऊर्ध्वाकार रेखा वस्तु के आधार से गुजरती है।
पीसा की इस बहुचर्चित मीनार में आठ मंजिलें हैं। इसकी ऊंचाई 55 मीटर है। आधार पर इसकी दीवारें करीब 4 फुट मोटी तथा ऊपर चढ़़ने के लिए 300 सीढि़यां हैं। मीनार के शिखर से देखने पर पीसा शहर और समुद्र का दृश्य बहुत ही मनोहारी दिखाई पड़ता है। फिलहाल तो इस मीनार को सीधा करने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। लेकिन इस बार का प्रयास भी पूर्व की तरह विफल होता है या वाकई में इस काम के लिए लगी टीम इस बार अपने उद्देश्य में सफल हो जाती है, इस पर विश्व भर के पर्यटकों की निगाहें तो लगी ही हुई हैं।
प्रीटी
अन्य न्यूज़