भारत के इन गाँवों में नहीं दिखता है सूरज, कड़ी धूप के बावजूद भी रहता है शाम जैसा नजारा

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भारत में 12 ऐसे गांव हैं जो धरातल से 3000 किलोमीटर नीचे बसे हुए हैं। इस जगह को लेकर कई कथाएं भी प्रचलित है। माना जाता है कि यह वही जगह है जहां माता सीता धरती में समा गई थीं।

पौराणिक कथाओं में आपने स्वर्ग लोक और पाताल लोक का वर्णन जरूर सुना होगा। माना जाता है कि स्वर्ग लोक में देवता निवास करते हैं और पाताल लोक में राक्षस। और हम मनुष्य धरती लोक पर रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसी जगह है जिसे पाताल लोक कहा गया है। जी हां, इस जगह पर भी मनुष्य रहते हैं और जीवन जीते हैं। आई जानते हैं इस अनोखी जहग के बारे में-

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भारत में 12 ऐसे गांव हैं जो धरातल से 3000 किलोमीटर नीचे बसे हुए हैं। इस जगह को लेकर कई कथाएं भी प्रचलित है। माना जाता है कि यह वही जगह है जहां माता सीता धरती में समा गई थीं। वहीं कुछ लोगों का यह भी मानना है कि जब भगवान श्री राम और उनके भाई लक्ष्मण को जब अहिरावण पाताल ले गया था तब हनुमान जी उनके प्राण बचाने के लिए इसी रास्ते से पाताल गए थे।

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से करीब 78 किलोमीटर दूर स्थित स्थान को पातालकोट के नाम से जाना जाता है। यहां 12 गांवों का समूह है जो सतपुड़ा की पहाड़ियों में है। पातालकोट में औषधियों का खजाना है। यहां भूरिया जनजाति के लोग रहते हैं। इतना ही नहीं यहां पर 3 गांव तो ऐसे हैं जहां सूर्य की किरणें भी नहीं पहुंच पाती हैं। ऐसे में यहां कड़ी धूप के बावजूद शाम जैसा लगता है क्योंकि ये गांव धरातल से लगभग 3000 फुट नीचे बसे हुए हैं। कहा जाता है कि इन गांवों में पहुंचना आसान नहीं है।

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आपको बता दें कि पातालकोट के इन 12 गांवों में रहने वाले लोग बाहरी दुनिया से बिलकुल कटे हुए हैं। कहा जाता है कि यहां के लोग खाने-पीने की चीजें आस-पास ही उगा लेते हैं और केवल नमक ही बाहर से खरीद कर लाते हैं। हालांकि हाल ही में पातालकोट के कुछ गांवों को सड़क से जोड़ने का काम पूरा हुआ है।

- प्रिया मिश्रा

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