भारत में बनेगी ''ग्रीन वॉल'', प्रदूषण की चुनौतियों से निपटने में करेगी मदद

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अंकित सिंह । Oct 10 2019 3:38PM

इस योजना को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि भारत इस योजना को प्राथमिकता में रखकर आगे बढ़ना चाहता है। इस योजना के तहत दो करोड़ 60 लाख हेक्टेयर भूमि को प्रदूषण मुक्त करने का लक्ष्य है।

देश में पर्यावरण को सुरक्षित करने और हरित क्षेत्र को बढ़ाने के उद्देश्य से भारत सरकार 'ग्रीन वॉल' तैयार करने की कोशिश में है। इस 'ग्रीन वॉल' को गुजरात से लेकर दिल्ली-हरियाणा सीमा तक के बीच में तैयार की जाएगी जो 1400 किमी लंबी और 5 किमी चौड़ी होगी। इसे 'ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया' का नाम दिया गया है। ग्रीन वॉल का निर्माण अफ्रीका के सेनेगल से जिबूती तक बनी हरित पट्टी की तर्ज पर किया जाएगा। अफ्रीका में इसके निर्माण से पर्यावरणीय बदलावों और बढ़ते रेगिस्तान से निपटने में बहुत मदद मिली। हालांकि इस योजना को लेकर सरकार अभी शुरूआती दौर में ही सोच रही है लेकिन इस योजना को लेकर अधिकारियों में उत्साह है जोकि एक अच्छा संकेत है। 

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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पोरबंदर से पानीपत के बीच अगर इस 'ग्रीन वॉल' का निर्माण हो जाता है तो इससे गुजरात, हरियाणा और दिल्ली के अरावली पहाड़ियों से घटती हरियाली के संकट से निपटने के साथ-साथ उपजाऊ भूमि को बहाल करने में मदद करेगी। यह प्रोजेक्ट देश में बढ़ते प्रदूषण को रोकने में भी मदद कर सकता है। इसके निर्माण से पश्चिम की तरफ से आने वाली रेतिली हवाओं को भी रोकने में मदद मिलेगी। हालांकि अभी इसके मंजूरी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि भारत में घटते वन और बढ़ते रेगिस्तान को रोकने के लिए यह विचार हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन (सीओपी14) से आया है। 

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इस योजना को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि भारत इस योजना को प्राथमिकता में रखकर आगे बढ़ना चाहता है। इस योजना के तहत दो करोड़ 60 लाख हेक्टेयर भूमि को प्रदूषण मुक्त करने का लक्ष्य है। हालांकि अफ्रीका में इसके निर्माण में काफी लेटलतीफी देखने को मिली जिसकी वजह से इसका निर्माण कभी पूरा ही नहीं हो पाया। 2016 में ISRO की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि गुजरात, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों में 50% से अधिक भूमि ख़राब हो गई थी। 'ग्रीन वॉल' इस चुनौती से निपटने में मदद करेगी। 

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