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लगातार बिगड़ रही है दिल्ली की हवा, वायु प्रदूषण रोकने के लिए विशेष निगरानी दल गठित: जावड़ेकर
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- अक्टूबर 7, 2019 14:39
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जावड़ेकर ने कहा कि इन साझा प्रयासों का ही नतीजा है कि दिल्ली में बेहतर गुणवत्ता वाली हवा के दिनों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने वायु सूचकांक के आंकड़ों के हवाले से कहा कि 2016 में अच्छी हवा वाले दिनों की संख्या 108 से बढ़कर 2018 में 159 हो गयी।
नयी दिल्ली। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि दीपावली के मद्देनजर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण की समस्या के गंभीर होने से पहले ही सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुये हवा की गुणवत्ता बेहतर बनाये रखने के लिये विशेष निगरानी दल गठित कर छापेमारी की कार्रवाई शुरु कर दी है। जावड़ेकर ने हवा को साफ बनाने के लिये पिछले कुछ सालों से चल रहे प्रयासों और इनके प्रभाव की सोमवार को जानकारी देते हुये बताया कि विजयादशमी और दीपावली के पहले केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के 47 विशेष दल गठित किये गए हैं। ये दल दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण रोकने से जुड़े मानकों के पालन की निगरानी करते हुये औचक निरीक्षण करेंगे। जावड़ेकर ने बताया कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र से संबद्ध पांच राज्यों (दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड) के पर्यावरण मंत्रियों की अगले सप्ताह बैठक में केन्द्र और राज्य सरकारों के साझा उपायों की समीक्षा की जायेगी।
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हालांकि उन्होंने माना कि हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की समस्या अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुयी है। इस पर नियंत्रण के लिये केन्द्र सरकार ने 1120 करोड़ रुपये राज्यों को जारी किये। इसके तहत पराली निस्तारण के 18 हजार से अधिक यंत्रों का किसानों में वितरण सहित अन्य उपाय किये जा रहे हैं। विज्ञापन अभियान के जरिये दिल्ली का वायु प्रदूषण कम करने के केजरीवाल सरकार के दावों के सवाल पर जावड़ेकर ने कहा, ‘‘तथ्यों से साबित होता है कि किसने क्या किया है। हम, तू-तू मैं-मैं में नहीं पड़ना चाहते क्योंकि किसी की फितरत होती है ... काम करे कोई, टोपी पहने कोई। हम इसमें नहीं पड़ना चाहते। हम प्रदूषण से लड़ रहे हैं, मैं इसे आपस में लड़ने का विषय नहीं बनाना चाहता।’’
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उन्होंने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता में सुधार आने के पीछे पिछले पांच साले से किये जा रहे सतत उपायों को मुख्य वजह बताया। जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में वायु गुणवत्ता सूचकांक की शुरुआत कर इस पहल का आगाज किया था। इसके तहत दिल्ली में 113 वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्र कार्यरत हैं और 29 नये केन्द्र बनाये जा रहे हैं। वायु गुणवत्ता की सतत निगरानी के साथ बीएस छह मानक ईंधन पर चलने वाले वाहनों की शुरुआत की गयी, पेरीफेरल रोड बनने के बाद अन्य राज्यों को जाने वाले भारी वाहनों का दिल्ली से गुजरना बंद हुआ और संशोधित मोटर वाहन कानून लागू होने के कारण दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के लिये जिम्मेदार पार्टिकुलेट तत्वों की मात्रा में 80 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गयी है।
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जावड़ेकर ने कहा कि इन साझा प्रयासों का ही नतीजा है कि दिल्ली में बेहतर गुणवत्ता वाली हवा के दिनों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने वायु सूचकांक के आंकड़ों के हवाले से कहा कि 2016 में अच्छी हवा वाले दिनों की संख्या 108 से बढ़कर 2018 में 159 हो गयी। इस साल सितबंर तक 270 दिनों में अच्छी हवा वाले दिनों की संख्या 160 हो गयी है। इसी प्रकार हवा की गुणवत्ता के लिहाज से बुरे दिनों की संख्या 2016 में 246 से घटकर पिछले साल 206 पर आ गयी, जो कि इस साल सितंबर तक 108 रह गयी है। कचरा निस्तारण के उपायों का जिक्र करते हुये जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली में प्रतिदिन छह हजार टन कचरे से 50 मेगावाट बिजली बन रही है। उन्होंने दीपावली के त्यौहार में लोगों से पटाखों का उपयोग नहीं करने की अपील करते हुये कहा कि अगर प्रयोग करना ही पड़े तो लोग हरित पटाखे ही खरीदें। ये पटाखे सस्ती दर पर बिक्री के लिये बाजार में उपलब्ध हैं।
Union Min P Javadekar: Since 2006,air quality in Delhi has been deteriorating rapidly.But till 2014,neither it was talked about nor much work was done to improve it. In 2015,PM started Air Quality Index.113 AQI monitoring stations present in Delhi/NCR&29 more to be installed soon pic.twitter.com/pLONUMH6gD
— ANI (@ANI) October 7, 2019
राॅबर्ट वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है ED, राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका
- अभिनय आकाश
- जनवरी 18, 2021 13:39
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डी ने प्रार्थना पत्र पेश कर आरोपियों से हिरासत में लेकर पूछताछ को आवश्यक बताते हुए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी है। ईडी की अर्जी पर राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर खंडपीठ आज इस मामले पर सुनवाई करेगी।
चर्चित कोलायत जमीन घोटाला और धन शोधन मामले में प्रियंका गांधी वाड्रा के पति राॅबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राॅबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है। ईडी ने प्रार्थना पत्र पेश कर आरोपियों से हिरासत में लेकर पूछताछ को आवश्यक बताते हुए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी है। ईडी की अर्जी पर राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर खंडपीठ आज इस मामले पर सुनवाई करेगी।
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क्या है मामला
आरोप है कि राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों ने कई संदिग्ध नामों से भूमि आवंटित करा ली। साल 2010 में वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हाॅस्पिटैविटी प्राइवेच लिमिटेड ने 72 लाख रुपये में 69.55 हेक्टेयर की भूमि खरीद उसे दो साल बाद 5.15 करोड़ रुपये में दूसरी कंपनी एलीगेनी फिनलीज प्राइवेट लिमिटेड को बेच दी। ईडी मे मामले में सूचना रिपोर्ट दाखिल कर राॅबर्ट वाड्रा को पूछताछ के लिए बुलाया था। साल 2018 में कंपनी ने हाईकोर्ट का रुख कर लिया था।
किसान आंदोलन पर बोले कैलाश चौधरी, यूनियन से कम्युनिस्ट निकल जाएं तो समाधान हो जाएगा
- अंकित सिंह
- जनवरी 18, 2021 13:13
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कैलाश चौधरी ने यह भी कहा कि शुरू में जब पहली बैठक हुई थी, तब उनके जो मुद्दे थे उन पर सरकार ने अमल करके उसमें संशोधन कर लिया है। उसके लिए लिखित में आश्वासन देने की बात भी हो चुकी है। कल इस मानसिकता के साथ बैठें कि कोई न कोई समाधान निकालना है।
सरकार और किसानों के बीच में कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध जारी है। अब तक लगभग 9 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन निष्कर्ष कुछ नहीं निकल पाया है। विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। इस सब के बीच केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बड़ा बयान दिया है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक कैलाश चौधरी ने कहा कि किसान यूनियन के कुछ नेता चाहते हैं कि इसका समाधान हो। अगर यूनियन से कम्युनिस्ट निकल जाएं तो कल इसका समाधान हो जाएगा। कम्युनिस्ट, कांग्रेस और कुछ राजनीतिक दल कभी नहीं चाहते कि इसका समाधान हो।
इसके आगे कैलाश चौधरी ने यह भी कहा कि शुरू में जब पहली बैठक हुई थी, तब उनके जो मुद्दे थे उन पर सरकार ने अमल करके उसमें संशोधन कर लिया है। उसके लिए लिखित में आश्वासन देने की बात भी हो चुकी है। कल इस मानसिकता के साथ बैठें कि कोई न कोई समाधान निकालना है। आपको बता दें कि सरकार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों से तीन कृषि कानून के बारे में अपनी आपत्तियां और सुझाव रखने एवं ठोस प्रस्ताव तैयार करने के लिये एक अनौपचारिक समूह गठित करने को कहा जिस पर 19 जनवरी को अगले दौर की वार्ता में चर्चा हो सकेगी। तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ शुक्रवार को हुई नौवें दौर की वार्ता में प्रदर्शनकारी किसान तीन नये विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे जबकि सरकार ने किसान नेताओं से उनके रुख में लचीलापन दिखाने की अपील की एवं कानून में जरूरी संशोधन के संबंध अपनी इच्छा जतायी।शुरू में जब पहली बैठक हुई थी, तब उनके जो मुद्दे थे उन पर सरकार ने अमल करके उसमें संशोधन कर लिया है। उसके लिए लिखित में आश्वासन देने की बात भी हो चुकी है। कल इस मानसिकता के साथ बैठें कि कोई न कोई समाधान निकालना है: कैलाश चौधरी #FarmLaws https://t.co/LwqqIZUtDC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 18, 2021
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- अभिनय आकाश
- जनवरी 18, 2021 13:03
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पीएम मोदी के अलावा कई अन्य बड़े देशों के नेताओं के पोस्टर भी इस रैली में थे। प्रदर्शन करने वाले लोग अलग सिंधुदेश और पीएम मोदी के समर्थन में नारे लगा रहे थे। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी पीएम मोदी से सिंध को अलग गेश बनाने के लिए समर्थन भी मांग रहे थे।
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के तारे गर्दिश में हैं। पाकिस्तान में इमरान खान पर विपक्ष तो हमलावर था ही जैसा जनता का रुख है उसने भी इमरान खान की मुश्किलें बढ़ा दी है। रविवार को सिंध के सान कस्बे में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया। रैली में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बैनर और पोस्टर भी देखने को मिले। पीएम मोदी के अलावा कई अन्य बड़े देशों के नेताओं के पोस्टर भी इस रैली में थे। प्रदर्शन करने वाले लोग अलग सिंधुदेश और पीएम मोदी के समर्थन में नारे लगा रहे थे। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी पीएम मोदी से सिंध को अलग गेश बनाने के लिए समर्थन भी मांग रहे थे।
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गौरतलब है कि 1947 के भारत-पाक बंटवारे से लेकर अब तक पाकिस्तान के दोयम दर्जे की नीतियों और सेना की जूतों के तले रखने की आदतों का शिकार होना पड़ता है। जिस तरह बलूचिस्तान पश्चूनिस्तान की मांग पंजाबी वर्चस्व वाली पाकिस्तानी सरकार और सेना के लिए गले की हड्डी बनी हुई है, ठीक उसी तरह सिंध प्रांत की मांग भी लंबे अरसे की की जाती रही है। वहां की सड़कों पर रह-रहकर यह नारा जोर मारता है 'कल बना था बांग्लादेश, अब बनेगा सिंधुदेश'।
#WATCH: Placards of PM Narendra Modi & other world leaders raised at pro-freedom rally in Sann town of Sindh in Pakistan, on 17th Jan.
— ANI (@ANI) January 18, 2021
Participants of the rally raised pro-freedom slogans and placards, seeking the intervention of world leaders in people's demand for Sindhudesh. pic.twitter.com/FJIz3PmRVD

