ऐसे भी कोई जाता है भला...!!

Sushant Singh Rajput

शूटिंग के दौरान कई मीडिया कर्मियों के फिल्म कंपनी के लोगों से बदसलूकी का शिकार होने से मैने प्रबल इच्छा के बावजूद शूटिंग देखने का इरादा त्याग दिया। शुरूआती दौर में एक रोज डी आर एम आफिस परिसर में शूटिंग होने से कवरेज हमारी मजबूरी हो गई।

उस रात शहर में अच्छी बारिश हुई थी। इसलिए सुबह हर तरफ इसका असर नजर आ रहा था। गोलबाजार ओवर ब्रिज से बंगला साइड की तरफ बढ़ते ही डी आर एम आफिस के बगल वाले मैदान में भारी भीड़ जमा थी। बारिश के पानी से मैदान का मोरम फैल कर लाल हो चुका था। मैदान के किनारे लाल रंग की एक शानदार वैन खड़ी थी, जिसे मैने जीवन में पहली बार देखा था। वैन को घेर कर कुछ लोग खड़े थे। कौतूहलवश मैने पास खड़ी एक घरेलू सी महिला से इसकी वजह पूछी। उसने चहकते हुए कहा... फिल्म की शूटिंग चल रही है... इसी लाल वैन में सुशांत सिंह राजपूत है... !  

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एक छोटे शहर के बड़ी तादाद में लोगों को भरोसा था कि शूटिंग के दौरान कभी न कभी तो बॉलीवुड सितारा वैन से बाहर निकलेगा, जो उनकी ग्लैमर की दुनिया में जगमगाने वाले स्टार की एक झलक पाने की  हसरत पूरी कर देगा। मैं ख्यालों में डूबा आगे बढ़ गया। यह सोचते हुए कि हमारे देश में क्रिकेट और बालीवुड  के प्रति लोगों में कितनी दीवानगी है। जिसके वशीभूत होकर घर की चारदीवारी में कैद रहने वाली एक घरेलू महिला भी एक अभिनेता की झलक पाने को घर की लच्छमण रेखा लांघ कर भीड़ का हिस्सा बनने से गुरेज नहीं करती। 2001 से 2004 तक मेरे शहर खड़गपुर में रह कर संघर्ष करने वाले प्रख्यात क्रिकेट खिलाड़ी महेन्द्र सिंह धौनी पर बन रही फिल्म की शूटिंग तो शहर में कई दिन पहले शुरू हो गई थी। मीडिया कर्मी होने से हमें उम्मीद थी कि शूटिंग शुरू होने पर हमें अवश्य औपचारिक न्यौता मिलेगा। लेकिन हुआ बिल्कुल उलटा।

शूटिंग के दौरान कई मीडिया कर्मियों के फिल्म कंपनी के लोगों से बदसलूकी का शिकार होने से मैने प्रबल इच्छा के बावजूद शूटिंग देखने का इरादा त्याग दिया। शुरूआती दौर में एक रोज डी आर एम आफिस परिसर में शूटिंग होने से कवरेज हमारी मजबूरी हो गई। अनिच्छा से हम शूटिंग स्थल पर पहुंचे ही थे कि निर्माता कंपनी के मार्शल्स हमसे रू ब रू हुए। खुद को मीडिया कर्मी बताने पर मार्शल्स ने कहा कि शूटिंग के दौरान तस्वीर खींचने या कवरेज की मनाही है। वैसे शूटिंग पूरी होने के बाद हम प्रेस कांफ्रेंस करेंगे, वहां आपके हर सवाल का जवाब दिया जाएगा और जो भी तस्वीरें आप चाहेंगे, उपलब्ध करा दी जाएगी। हालांकि न ऐसा होना था और न हुआ। बहरहाल शूटिंग पूरी होकर फिल्म रिलीज भी हो गई। सुना फिल्म ने बंपर कमाई भी की, लेकिन इतने दिनों बाद अतीत का हिस्सा बन चुकी इस घटना का फिर से स्मरण अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की अचानक हुई मौत से हुआ।

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बेहद खुशहाल दिखने वाले एक अभिनेता की इस तरह असामयिक मौत ने सचमुच हिला कर रख दिया मौत को गले लगाने की वजह क्या रही होगी, यह तो पूरी जांच के बाद ही पता लग पाएगा। लेकिन इस घटना ने ग्लैमर की चकाचौंध भरी दुनिया के काले सच को भी लोगों के सामने रख दिया। शायद वो दुनिया वाकई ऐसी न हो जो बाहर से नजर आती है। वर्ना एक युवा अभिनेता यूं ही नहीं चला जाता, यूं अचानक,  अनायास और चुपचाप....!!

- तारकेश कुमार ओझा

(लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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