International Epilepsy Day 2025: फरवरी के दूसरे सोमवार को मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस, जानिए इतिहास और महत्व

हर साल फरवरी के दूसरे सोमवार को इंटरनेशनल एपिलेप्सी डे मनाया जाता है। मिर्गी एक ऐसी बीमारी है, जिसका यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।
हर साल फरवरी के दूसरे सोमवार को इंटरनेशनल एपिलेप्सी डे मनाया जाता है। मिर्गी एक ऐसी बीमारी है, जिसका यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। इस दिन इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक किया जाता है। वहीं इस साल 10 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन जागरूकता बढ़ाने और इससे पीड़ित लोगों को समर्थन देने के उद्देश्य से मनाया जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस दिन के इतिहास, महत्व और उद्देश्य के बारे में बताने जा रहे हैं।
इतिहास
इंटरनेशनल ब्यूरो फॉर एपिलेप्सी और इंटरनेशनल लीग अगेंस्ट एपिलेप्सी द्वारा अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस की शुरूआत की गई थी। साल 2015 में यह दिन पहली बार मनाया गया था। तब से लेकर हर साल 10 फरवरी को इंटरनेशनल एपिलेप्सी डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य इस बीमारी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना है। साथ ही सही इलाज और देखभाल के बारे में लोगों को शिक्षित करना है।
महत्व
इस दिन मिर्गी के लक्षणों, कारणों और इलाज के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है।
हमारे समाज में मिर्गी को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं, जिसे इस दिन दूर करने का प्रयास किया जाता है।
वहीं यह दिन मिर्गी से पीड़ित लोगों को सही इलाज और सहायता के लिए अहम दिन है।
इस दिन सेमिनार, वर्कशॉप और जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।
मिर्गी क्या है
दरअसल, मिर्गी एक तंत्रिका तंत्र से जुड़ी यानी की न्यूरोलॉजिकल बीमारी है। इसमें बार-बार दौरे पड़ते हैं और ऐसा मस्तिष्क की असामान्य गतिविधि की वजह से होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं।
अनुवांशिक कारण
सिर में चोट या संक्रमण
मस्तिष्क में असामान्य विद्युत गतिविधि
ऐसे मनाया जाता है यह दिन
बता दें कि इस दिन तमाम संस्थाएं मिर्गी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करती हैं।
वहीं सोशल मीडिया अभियान के माध्यम से लोग जानकारी साझा करते हैं।
स्कूलों, कॉलेजों और मेडिकल संस्थाओं में जानकारी सत्र और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं।
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