सीएम योगी समेत जानिए उन राजनेताओं के बारे में, जिन्होंने नहीं की शादी
उत्तर प्रदेश भाजपा के फायर ब्रांड नेता और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच बार गोरखपुर से सांसद रह चुके हैं। वह पहली बार 1998 में 26 वर्ष की उम्र में लोकसभा पहुंच गए थे। यहां से उनका सियासी सफर शुरू हुआ और उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
हिंदी फिल्मों के अभिनेता,अभिनेत्रियों के शादी ना करने की चर्चा तो खूब होती है। लेकिन हिंदी फिल्मों के अलावा भी कई क्षेत्र के लोगों ने अविवाहित रहने का फैसला किया है। राजनीति एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कई सारे राजनेता अविवाहित हैं। आज हम आपको ऐसे ही राजनेताओं की कहानी से रूबरू कराएंगे जिन्होंने शादी ना करने का फैसला लिया है।
ममता बनर्जी
आज के वक्त में राजनीति का वह चेहरा जिसने प्रधानमंत्री मोदी को हराया है, बल्कि उनसे सीधे टकराने की हिम्मत भी दिखाई है। ममता तीन बार बंगाल के मुख्यमंत्री तख्त जीत चुकी हैं। ममता का सियासी सफर 21 साल की उम्र में साल 1976 में महिला कांग्रेस महासचिव पद से शुरू हुआ था। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में ममता पहली बार मैदान में उतरी और माकपा के दिग्गज नेता सोमनाथ चटर्जी को मटके नहीं देने के साथ ही अपनी संसदीय पारी की शुरुआत की थी। ममता का सियासी सफरलगातार आगे बढ़ता गया।लेकिन उन्होंने शादी नहीं की है।
मनोहर लाल खट्टर
हरियाणा के गैर जाट नेता और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर लगातार दूसरी बार हरियाणा के सीएम बने। मनोहर लाल खट्टर ने संघ और राजनीति में एक लंबा सफर तय किया है। साल 1977 में आर एस एस ज्वाइन करने वाले खट्टर आगे चलकर आर एस एस के फुल टाइम प्रचारक बन गए। मनोहर लाल खट्टर 1994 में बीजेपी के सदस्य बने मनोहर लाल खट्टर को 2000 में गाना का महासचिव बनाया गया खट्टर 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान हरियाणा इलेक्शन कमेटी के चेयरमैन भी रहे। मनोहर लाल खट्टर संघ प्रचारक बनने के बाद अविवाहित ही रहे।
मायावती
एलएलबी की पढ़ाई कर चुके मायावती सिविल सर्विसेज में जाना चाहती थी। लेकिन शायद उनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। कांशीराम से मिलने के बाद मायावती के जीवन की दिशा ही बदल गई। आगे चलकर मायावती उत्तर प्रदेश के एक दिग्गज नेता कहलाने वाली थी। 1989 मैं मायावती पहली बार सांसद बनी थी। उनका यह सफर 1995 में महिला मुख्यमंत्री के रूप में परवान चढ़ा। मायावती अब तक चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। मायावती ने भी शादी नहीं की है।
नवीन पटनायक
उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पिता बीजू पटनायक के निधन के बाद पार्टी को फिर से मजबूती देने की इच्छा से राजनीति में आए। नवीन पटनायक का राजनीतिक करियर आर्मी लोकसभा में जनता दल के टिकट पर अस्का लोकसभा सीट से उपचुनाव जीतने के बाद शुरू हुआ। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उड़ीसा के मुख्यमंत्री बने। नवीन पटनायक भी अविवाहित हैं।
योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश भाजपा के फायर ब्रांड नेता और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच बार गोरखपुर से सांसद रह चुके हैं। वह पहली बार 1998 में 26 वर्ष की उम्र में लोकसभा पहुंच गए थे। यहां से उनका सियासी सफर शुरू हुआ और उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के महंत भी हैं। वह एक सन्यासी है और उन्होंने भी आज तक शादी नहीं की है।
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