मोदी सरकार में सांस्कृतिक संवर्द्धन का बना कीर्तिमान

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केंद्र की भाजपा सरकार ने न सिर्फ अयोध्या, बल्कि राम वन पथ गमन परियोजना लाई। जो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसका उद्देश्य नौ राज्यों के उन 15 स्थानों का पुनर्निर्माण करना, जहां-जहां भगवान श्रीराम गए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार के कार्यकाल के नौ साल पूरे हो गए। इस नौ साल में आर्थिक और सामरिक विकास की दृष्टि से देश ने प्रगति के कई नयेआयामों को प्राप्त किया। लेकिन, नरेंद्र मोदी जी ने विकास और विज्ञान के बीचभारत की सांस्कृतिक विरासत को भी जो बुलंदी प्रदान की वह बेमिसाल है। भारत कीपहचान उसकी संस्कृति ही रही है। भारत की संस्कृति सनातन रही है। दुर्भाग्यवश, इसकी संस्कृति पर बारम्बार आघात होता रहा। लेकिन, इससे भी दुखद स्थिति यह रही कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी इसकी उपेक्षा होती रही। वोट बैंक की राजनीति के कारण इसके संरक्षण और संवर्धन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। लेकिन, नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की संस्कृति और धरोहरों के संरक्षण एवं संवर्धन का कीर्तिमान स्थापित किया गया। केन्द्र में सत्ता संभालने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सनातन धर्म, सभ्यता और सांस्कृतिक परंपरा को पूरी दुनिया में फिर से स्थापित करने का काम किया। पहले की केंद्र सरकारें पुनरुद्धार का काम तो दूर, चर्चा तक नहीं कर सकती थी। प्राचीन सांस्कृतिक धरोहरों, हमारी सभ्यता, संस्कृति के प्रतीक रहे स्थानों, मंदिरों एवं प्रतिमाओं के पुनर्निर्माण का काम उन्हें एक महान सुधारक और उद्धारक की श्रेणी में डाल रहा है। 

अयोध्या में भव्‍य श्री राम मंदिर का निर्माण:

सदियों से हर भारतीय का सपना था कि भगवान श्रीराम के जन्मस्थान अयोध्या में भव्य मंदिर बने। लेकिन, यह साकार तब हुआ जब 2019 में राम जन्मभूमि को लेकर  सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आया तो अब वहां भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है, जो जनवरी 2024 में पूर्ण हो जाएगा। प्रधानमंत्री स्वयं खुद आगे बढ़कर अगस्त 2020 में इसकी आधारशिला रखी। भाजपा सरकार अयोध्या को एक बड़े तीर्थस्थल के रुप में विकसित कर रही है, जो दुनिया भर में अपनी भव्यता के लिए जाना जाएगा।

श्रीराम वन पथ गमन परियोजना:

केंद्र की भाजपा सरकार ने न सिर्फ अयोध्या, बल्कि राम वन पथ गमन परियोजना लाई। जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसका उद्देश्य नौ राज्यों के उन 15 स्थानों का पुनर्निर्माण करना, जहां-जहां भगवान श्रीराम गए थे। इस परियोजना में इन स्थानों का धार्मिक और पर्यटन के लिहाज से विकसित करना है। इस योजना पर सभी संबंधित नौ  राज्यों की सरकार केन्द्र सरकार के साथ मिलकर काम कर रही हैं।

काशी विश्वनाथ कोरिडोर: 

भारतीय संस्कृति और इतिहास में काशी का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसकी न सिर्फ गरिमा लौटाई, बल्कि उसे वैश्विक पटल पर ला दिया। तमाम धरोहरों के बावजूद दुनिया का सबसे पुराना शहर वाराणसी अपनी तंग और गंदी गलियों के रुप में भी जाना जाता था। नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही काशी को उसके स्तर के मुताबिक बुनियादी ढांचा देने का ऐलान कर दिया। आठ मार्च 2019 को उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर और मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार का काम शुरु कर दिया। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा कॉरिडोर है। 1735 में इंदौर की महारानी देवी अहिल्याबाई के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया। प्रधानमंत्री मोदी जी ने 13 दिसंबर 2021 को इसका उद्घाटन किया था। 286 साल बाद काशी विश्वनाथ धाम को नयारुप मिला। 

       

श्री महाकाल लोक उज्जैन: 

सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं पौराणिक रूप से महत्वपूर्ण मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल कोरिडोर का निर्माण कर करोड़ों लोगों की भक्ति और आस्था का सम्मान प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया। इसकी भव्यता और सुन्दरता भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया में आकर्षण का केंद्र है। 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के नव विस्तारित क्षेत्र 'श्री महाकाल लोक' का लोकार्पण किया।

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केदारनाथ का पुनर्विकास: 

2013 की भीषण आपदा से बर्बाद हुए केदारनाथ धाम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी आहत हुए थे। उस समय वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। प्रधानमंत्री बनते ही उसके पुनर्विकास का बीड़ा मोदी जी ने उठाया तो इसकी भव्यता को फिर से निखारा गया। फिर से बने केदारनाथ मंदिर परिसर का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि केदारनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण उनके लिए एक व्यक्तिगत लक्ष्य तो था ही, लेकिन उन्हें  2013 और 2017 में उत्तराखंड की जनता को किया गया अपना वादा भी याद था। मोदी जी सरकार में केदारनाथ धाम में कई विकास कार्य पूरे हो चुके हैं। 05 नवंबर 2021 को उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में श्री आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण किया था। 

उत्तराखंड में चार धाम परियोजना:

उत्तराखंड में चारधाम परियोजना उन्होंने शुरू की, जिसके तहत एक आधुनिक, हर मौसम की मार झेल सकने वाली सड़कें जो चारों धामों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम को जोड़ेंगी। मोदी सरकार ने देवभूमि उत्तराखंड के लिए चार धाम परियोजना शुरू की है। इस योजना के तहत चारों धामों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम को जोड़ने वाली एक चार लेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है। जो हर मौसम की मार झेलने के लिए तैयार है। इसके अलावा ऋषिकेश को रेल मार्ग से कर्ण प्रयाग को जोड़ने का काम चल रहा है। ये रेलवे याइन 2025 से शुरू हो जाएगी। रेल यातायात से पूरी तीर्थयात्रा सुगम व सरल हो जाएगी।   

कश्मीर में मंदिरों का पुनर्निमाण: 

कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद मोदी सरकार ने श्रीनगर में कई पुराने मंदिरों का पुनर्निर्माण शुरु किया है। झेलम नदी के किनारे बने रघुनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया। सरकार के आंकलन के अनुसार कश्मीर घाटी में अभी 1842 धार्मिक स्थल हैं, जिनमें 952 मंदिर है। 740 जीर्ण शीर्ण हालत में है, जबकि मात्र 212 में पूजा होती है। धारा 370 हटने के बाद मोदी सरकार ने श्रीनगर में कई पुराने मंदिरों का पुनर्निर्माण किया है। खीर भवानी मंदिर, जो कश्मीरी पंडितों की आस्था का केंद्र है, उसका भी सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। इसी तरह तेईस सौ साल प्राचीन शारदा मंदिर का भी जीर्णोद्धार मोदी सरकार में किया जा रहा है। इसके लिए कोरिडोर का उद्घाटन गृहमंत्री अमित शाह जी ने किया था।  

सोमनाथ का पुनरुद्धार: 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार के लिए विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसमें सोमनाथ समुद्र दर्शन पथ, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र और पुराने (जूना) सोमनाथ का पुनर्निर्मित मंदिर परिसर शामिल हैं।

संत रामानुजाचार्य का सम्मान: 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच फरवरी 2022 को हैदराबाद में 11वीं सदी के हिंदू संत रामानुजाचार्य के सम्मान में बनी 216 फीट ऊंची स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी का उद्घाटन किया था। यह 45 एकड़ जमीन पर बना है। मंदिर परिसर में करीब 25 करोड़ की लागत से म्यूजिकल फाउंटेन का निर्माण कराया गया है।

    

करतारपुर कोरिडोर: 

सालों से बंद करतारपुर कोरिडोर पर किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया। मोदी सरकार ने 120 करोड़ रुपये देकर के कोरिडोर भी बनाया और वहां जाने के लिए रास्ता भी निकाला। वहां यात्रियों के ठहरने की भी व्यवस्था की।

सिख गुरुओं का सम्मान: 

मोदी सरकार ने गुरु गोविन्द सिंह जी का 350 वां प्रकाश पर्व और गुरु नानक देव जी का 550 वां प्रकाश पर्व मनाया। सिक्खों की इंटरनेशनल स्टडी रिसर्च सेंटर बनाया है। गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों के शहादत दिवस को वीर बाल दिवस घोषित कर मोदी सरकार ने देश के करोड़ों लोगों की भावना का सम्मान किया। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद मोदी जी के प्रयास से श्रीगुरुग्रंथ साहिब की तीन प्रतियों को पवित्रता बनाए रखकर सुरक्षित भारतीय वायुसेना के विमान से सुरक्षित भारत लाया गया।      

दुनिया में सनातन को सम्मान:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी मंदिरों को भव्य बनाने का काम किया है। 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने अबू धाबी में बनने वाले पहले हिंदू मंदिर की आधार शिला रखी थी। साल 2019 में मोदी सरकार ने मनामा (बहरीन की राजधानी) और अबू धाबी में भगवान श्रीकृष्ण श्री नाथजी के पुनर्निर्माण के लिए 4.2 मिलियन डॉलर देने का ऐलान किया।

तीर्थ यात्राओं को बनाया सुगम:

देश में सनातन धर्मावलंबियों के लिए अमरनाथ और कैलाश मानसरोवर की यात्रा काफी महत्वपूर्ण थी, लेकिन दुष्कर भी। नरेंद्र मोदी ने दोनों ही यात्राओं को सुगम बनाने का बीड़ा उठाया। अब लिपुलेख दर्रे की नई सड़क चीन की सीमा से चार किमी पहले रुकती है, जिससे तीन दिन की यात्रा कम हो गई है। इसी महीने इस मार्ग का उद्घाटन किया गया है। इसी तरह अमरनाथ यात्रा के मार्ग को सुगम बनाने के साथ ही उसे सुविधा और सुरक्षा युक्त बनाया गया है। 

संस्कार, संस्कृति और समृद्धि का समन्वय है नया संसद भवन: 

विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता, संस्कृति और समृद्धि के प्रतीक नवनिर्मित संसद राष्ट्र को समर्पित किया। नया संसद भवन योजनाओं को यथार्थ से, नीति को निर्माण से और इच्छा शक्ति को क्रिया शक्ति से तथा संकल्प को सिद्धि से जोड़ने वाली अहम् कड़ी साबित होगा। संसद के उद्घाटन से पूर्व तमिलनाडु के अधीनम संतों ने विधि-विधान से अनुष्ठान कराया। पहली बार संसद में धर्मिक अनुष्ठान के बाद संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेंगोल (धर्मदंड) सौंपा। नए संसद भवन के शुभरंभ अवसर पर यज्ञ, दीप प्रज्‍जवलन, वैदिक पाठ एवं वास्‍तु पूजा से 140 करोड़ भारतवासी गौरवान्वित होकर सांस्‍कृतिक राष्‍ट्रवाद को अंगीकार कर रहे हैं। यह परिवर्तन आने वाली पीढ़ियों के लिये मार्गदर्शक होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि धार्मिक और पावन स्थलों को उनकी पुरानी पहचान लौटाने से देश की पहचान भी मजबूत होगी। इस प्रकार मोदी सरकार के नौ साल में सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन का जो काम हुआ है, वह बेमिसाल है।    

- डॉ. राकेश मिश्र,

(पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष), अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद महाकौशल (मध्‍यप्रदेश)

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