Sadbhavna Diwas 2025: पूर्व PM राजीव गांधी के सम्मान में मनाया जाता है सद्भावना दिवस, जानिए उद्देश्य

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सम्मान में हर साल 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाया जाता है। बता दें कि राजीव गांधी की मृत्यु के एक साल बाद साल 1992 में कांग्रेस ने राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार की स्थापना की थी।
भारत विविधताओं से भरा देश है, यहां पर अलग-अलग धर्म, भाषा, जाति और संस्कृति के साथ लोग रहते हैं। हालांकि इस विविधता को एकता में बदलना आसान नहीं होता है। जब समाज में सहिष्णुता, आपसी भाईचारा और सद्भाव कायम रहे, तो यही विविधता ताकत बन जाती है। इस सोच को मजबूत करने के लिए हर साल 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के मौके पर पूरे देश में मनाया जाता है।
सद्भावना दिवस
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सम्मान में हर साल 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाया जाता है। बता दें कि राजीव गांधी की मृत्यु के एक साल बाद साल 1992 में कांग्रेस ने राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार की स्थापना की थी। क्योंकि राजीव गांधी का मानना था कि भारत की सबसे बड़े ताकत उसकी युवा पीढ़ी है। ऐसे में अगर इस पीढ़ी को सही दिशा दी जाए, तो देश में सामाजिक परिवर्तन लाया जा सकता है।
क्यों मनाया जाता है यह दिन
बता दें कि देश के छठे प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने कार्यकाल में शिक्षा और तकनीकी के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव किए थे। वह हमेशा इस बात पर जोर देते थे कि भारत जैसे बहुधर्मी और विशाल देश में आपसी भाईचारा बनाए रखना सबसे जरूरी है। राजीव गांधी की सोच थी कि भेदभाव, हिंसा और नफरत से कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता है। इसलिए राजीव गांधी की जयंती को सद्भावना दिवस मनाया जाता है। जिससे कि उनकी विचारधारा आज की पीढ़ी तक पहुंच सके।
कैसे मनाते हैं सद्भावना दिवस
इस दिन शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी कार्यालयों और सामाजिक संगठनों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सद्भावना दिवस के मौके पर लोग शपथ लेते हैं कि वह समाज में भाईचारा और सद्भाव बनाए रखेंगे। इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में भाषण, निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिससे युवा पीढ़ी को इस दिन का महत्व समझाया जा सके।
महत्व
वर्तमान समय में जब समाज कई बार छोटी-छोटी बातों पर बंट जाता है, ऐसे में सद्भावना दिवस का महत्व अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि यह दिन हमें याद दिलाता है कि भारत की असली ताकत उसकी एकता में हैं। देश में अलग-अलग धर्म और संस्कृतियों के लोग साथ मिलकर रहते हैं। ऐसे में हमारा देश वैश्विक स्तर पर मजबूत पहचान बना पाता है। ऐसे में यह दिन हमें याद दिलाता है कि किसी भी तरह के भेदभाव को पीछे छोड़कर हम सभी को एकजुट रहना चाहिए।
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