दिलीप कुमार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई

Dilip Kumar

दिलीप कुमार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। सांताक्रूज के जुहू कब्रिस्तान में कुमार को रस्मी गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इससे पहले बानो ने अनुभवी अभिनेता को राजकीय सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का आभार जताया।

मुंबई। भारतीय सिनेमा के सबसे चहेते अभिनेताओं में शुमार दिलीप कुमार को बुधवार को यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्दे खाक कर दिया गया और इस तरह भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत हो गया। दिलीप कुमार का लंबी बीमारी के बाद बुधवार सुबह निधन हो गया। 98 वर्षीय कुमार को उनकी पत्नी सायरा बानो और अन्य परिजनों की मौजूदगी में अपराह्न 4:45 बजे सुपुर्दे खाक किया गया। सांताक्रूज के जुहू कब्रिस्तान में कुमार को रस्मी गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इससे पहले बानो ने अनुभवी अभिनेता को राजकीय सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का आभार जताया। बानो ने कुमार के आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट किया, ‘‘दिलीप साहब को राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक करने के लिए शुक्रिया प्रधानमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय महाराष्ट्र।’’ दिलीप कुमार के पारिवारिक मित्र फैसल फारूकी के अनुसार कुमार के भतीजे अयूब खान और सायरा बानो के भतीजे समेत अंतिम संस्कार के दौरान परिवार के लोग उपस्थित थे। 

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कब्रिस्तान के अंदर 25-30 से अधिक लोगों को आने की अनुमति नहीं थी, लेकिन वहां मीडियाकर्मियों और दिलीप कुमार के चाहने वालों का तांता लगा था। पुलिस को करीब 100 लोगों की भीड़ को संभालना पड़ा। अनेक लोग अपने चहेते अभिनेता की एक झलक पाने के लिए छतों पर जमा हुए। दिलीप कुमार के अंतिम संस्कार के बाद अभिनेता अमिताभ बच्चन और उनके पुत्र अभिषेक बच्चन ने जुहू कब्रिस्तान जाकर कुमार को श्रद्धांजलि दी। राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के प्रोटोकॉल के अनुसार कुमार की पार्थिव देह को उनके पाली हिल स्थित आवास पर तिरंगे में लपेटा गया और फिर उनका जनाजा कब्रिस्तान लाया गया। उनके आवास पर 60 से अधिक पुलिस वाले थे। कुमार के घर जाने वाली सड़क पर लोगों को आने से रोकने के लिए पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त किये थे। देश के विभाजन से पूर्व पेशावर (अब पाकिस्तान में) में 11 दिसंबर, 1922 को यूसुफ खान के रूप में जन्मे कुमार को उनके भावप्रवण अभिनय की बदौलत फिल्मों में ‘ट्रैजेडी किंग’ की पहचान मिली। दिलीप कुमार की ‘सौदागर’ और ‘करमा’ जैसी फिल्मों के निर्देशक सुभाष घई भी अंतिम संस्कार स्थल पर पहुंचे लेकिन कोविड प्रोटोकॉल की वजह से अंदर नहीं जा सके। इससे पहले दिलीप कुमार के दोस्तों, सहकर्मी और प्रशंसकों ने उनके घर पर जाकर उनके अंतिम दर्शन किये। इनमें धर्मेंद्र, शाहरुख खान, शबाना आजमी, विद्या बालन और निर्माता सिद्धार्थ रॉय कपूर, रणबीर कपूर आदि शामिल थे।

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