जब अमिताभ के चलते फिल्म से बाहर किये गए थे कादर खान!

kader amitabh

कादर खान का कहना था कि जबसे अमिताभ बच्चन ने राजनीति में अपना कदम रखा तब से मेरा उनसे रिश्ता लगभग खत्म ही हो गया। उन्होंने कहा कि जब वे एमपी बनकर दिल्ली गए तो मैं खुश नहीं था, क्योंकि सियासत की दुनिया इंसान को बदल कर वापस भेजती है।

सोशल मीडिया से कुछ भी नहीं छुप सकता। अचानक से कौन सा वीडियो किन कारणों से वायरल होने लगे और उसकी कड़ी कहाँ-कहाँ जुड़ने लगे ये कोई नहीं बता सकता। लेकिन आजकल सोशल मीडिया पर सब से ज्यादा बॉलीवुड में चल रहे पक्षपाती व्यव्हार और नेपोटिज्म को लेकर हड़कंप मचा हुआ है।

बीते दिन बॉलीवुड ने एक उम्दा कलाकार खो दिया और अगर लोगों और ख़बरों की मानें तो यह सब सिर्फ नेपोटिस्म के चलते ही हुआ है। जब से सुशांत की मृत्यु हुयी है तब से आम जनता काफी नाराज़ हो चुकी है। इस हादसे ने सभी का बॉलीवुड फिल्मों के प्रति नजरिया ही बदल दिया है. जो लोग वरुण, आलिया जैसे एक्टर्स की तारीफ करते नहीं थकते थे उन लोगों ने रातों रात इनका बहिष्कार करना शरूर कर दिया है। मानो एक मुहिम सी छिड़ गयी है इन सभी के खिलाफ। इंस्टाग्राम और ट्विटर पर इन सभी एक्टर्स के फॉलोवर्स भी घट गए हैं।

इन घटनाओं के चलते अब हर किसी की कहानियाँ बाहर आ रही हैं। पुराने कई वीडियो एकाएक/ यकायक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। और इन वीडियोस को देख ऐसा लग रहा जैसे धीरे धीरे पूरा बॉलीवुड ही लपेटे में आ रहा है। हाल ही में सोशल मीडिया पर मरहूम अभिनेता कादर खान साहब का भी एक पुराना वीडियो वायरल होने लगा, जिसमें उन्होंने अमिताभ बच्चन को लेकर कई ऐसी बातें कहीं जिसे सुन कर उनके फैन्स को शायद ज्यादा अच्छा न लगे।

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वीडियो में कादर खान बता रहे हैं कि कैसे अमिताभ बच्चन के सांसद बनने के बाद लोग उन्हें सर जी कहने लग गए थे। और कैसे कादर खान को अमिताभ को सर जी न कहने पर फिल्म से बाहर कर दिया गया था।

कादर खान कहते हैं कि एक साउथ इंडियन निर्माता ने उन्हें अमिताभ बच्चन को सर जी कहने कि सलाह दी थी। लेकिन वे इस बात के लिए तैयार नहीं हुए, क्योंकि वे हमेशा उन्हें प्यार से अमित कहकर बुलाया करते थे। जब उन्होंने यह सलाह नहीं मानी तो उन्हें उस फिल्म से बाहर कर दिया गया। इसी कारण उन्हें 'खुदा गवाह' फिल्म में भी जगह नहीं मिल पायी और इसी के चलते उनके अमिताभ से थोड़े रिश्ते भी ख़राब हो गए थे।

कादर खान का कहना था कि जबसे अमिताभ बच्चन ने राजनीति में अपना कदम रखा तब से मेरा उनसे रिश्ता लगभग खत्म ही हो गया। उन्होंने कहा कि जब वे एमपी बनकर दिल्ली गए तो मैं खुश नहीं था, क्योंकि सियासत की दुनिया इंसान को बदल कर वापस भेजती है। और वो जब वापस आये तो वो मेरे अमिताभ बच्चन नहीं थे। मुझे इस बात का बहुत दुःख हुआ।

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बता दें कि कादर खान का निधन पिछले वर्ष हुआ था और उनके बेटे सरफ़राज़ का कहना था कि वे मरने से पहले सबसे ज्यादा अमिताभ बच्चन को ही याद किया करते थे।

-श्वेता उपाध्याय

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