एयरटेल की रिफंड की याचिका पर केंद्र से जवाब तलब

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दूरसंचार कंपनी एयरटेल की याचिका पर आज केंद्र सरकार से जवाब तलब किया। एयरटेल ने केंद्र से 2,500 करोड़ रुपये के रिफंड की मांग की है जिसमें 399.92 करोड़ रुपये का विवादास्पद लाइसेंस शुल्क भी शामिल है जिसे कंपनी ने 1996-98 के लिए अपने पंजाब सर्किल हेतु चुकाया था। मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी व न्यायाधीश संगीता ढींगरा सहगल ने दूरसंचार विभाग को नोटिस जारी कर 29 सितंबर तक जवाब मांगा है।
एयरटेल ने एकल पीठ के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें कहा गया था कि एयरटेल रिफंड की पात्र नहीं है। अदालत ने नोटिस जारी करते हुये कहा, ‘सीमित सवाल यह है कि आप रिफंड के पात्र हैं या नहीं।’ एयरटेल ने अपनी याचिका में कहा है वह अप्रैल 1996 से मार्च 1998 के दौरान पंजाब दूरसंचार सर्किल के लिये लाइसेंस शुल्क चुकाने की उत्तरदायी नहीं है, क्योंकि सरकार ने अपनी तरफ से ही अवैध ढंग से और बिना किसी आधार के इस दौरान वास्तव में लाइसेंस को निलंबित कर दिया था। कंपनी ने कहा है कि पंच निर्णय में जाने से पहले 2001 में उसने इस आशय के साथ ही दूरसंचार विभाग में राशि जमा करा दी थी कि यदि कंपनी मामला जीत जाती है तो राशि उसे वापस कर दी जायेगी।
एयरटेल ने 399.92 करोड़ रुपये जो कि 2001 में जमा कराये थे उसका रिफंड किये जाने और तब से इस राशि पर 2012 तक 2095.95 करोड़ रुपये का ब्याज देने सहित कुल 2495.87 करोड़ रुपये का रिफंड करने की मांग की है।
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