स्टाम्प शुल्क अधिनियम के संशोधन अब एक जुलाई से होंगे लागू

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स्टाम्प शुल्क अधिनियम के संशोधन एक जुलाई से लागू होंगे।राजस्व विभाग ने सोमवार को जारी अधिसूचना में कहा है कि संशोधित प्रावधान अब एक जुलाई 2020 से प्रभावी होंगे।इन संशोधनों के जरिये यह प्रावधान किया गया है कि महाराष्ट्र में लागू की जारी रही स्टाम्प शुल्क दरों को एक मानक के तौर पर लिया जायेगा।

नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि स्टाम्प शुल्क कानून में किये गये संशोधन अब एक अप्रैल के बजाय एक जुलाई 2020 से लागू होंगे। वित्त मंत्रालय ने देर शाम जारी वक्तव्य में कहा कि सरकार ने कर चोरी को रोकने और स्टाम्प शुल्क लगाने की प्रणाली को तर्कसंगत और सुचारू बनाने के लिये वित्त विधेयक 2019 के जरिये भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 में संशोधन किया है। इसमें किये गये बदलावों को एक अप्रैल 2020 से लागू होना था। राजस्व विभाग ने सोमवार को जारी अधिसूचना में कहा है कि संशोधित प्रावधान अब एक जुलाई 2020 से प्रभावी होंगे।

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इन संशोधनों के जरिये यह प्रावधान किया गया है कि महाराष्ट्र में लागू की जारी रही स्टाम्प शुल्क दरों को एक मानक के तौर पर लिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि देश में स्टाम्प शुल्क से होने वाले कुल संग्रह में 70 प्रतिशत हिस्सा अकेले महाराष्ट्र का होता है। इसमें यह भी संशोधन किया गया है कि वित्तीय प्रतिभूतियों की खरीद फरोख्त पर देय स्टाम्प शुल्क खरीदार या विक्रेता में से किसी एक से ही वसूला जाये। जबकि मौजूदा व्यवस्था में दोनों पर ही यह शुल्क लगाया जाता है। इस संशोधन के जरिये शेयर बाजारों में होने वाली प्रतिभूति लेनदेन में स्टाम्प शुल्क लगाने की बेहतर व्यवस्था की गई है। इस बदलाव को पहले एक अप्रैल 2020 से लागू होना था लेकिन मौजूदा परिस्थिति को देखते हुये इसे एक जुलाई 2020 से लागू करने का फैसला किया गया है। सरकार ने इस साल जनवरी में इसकी लागू होने की प्रभावी तिथि को 9 जनवरी से बदलकर एक अप्रैल 2020 कर दिया था। जिसे अब और बढ़ाकर एक जुलाई कर दिया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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