एथनॉल कीमतों में संशोधन को मंत्रिमंडल की मंजूरी

[email protected] । Oct 13 2016 3:11PM

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज गन्ने पर आधारित एथनॉल के मूल्यों में संशोधन की नई व्यवस्था को मंजूरी दी इससे एथनॉल की कीमतें तीन रुपये प्रति लीटर घटकर 39 रुपये प्रति लीटर पर आ जाएंगी।

मुक्त बाजार ढांचे की ओर कदम बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज गन्ने पर आधारित एथनॉल के मूल्यों में संशोधन की नई व्यवस्था को मंजूरी दी इससे एथनॉल की कीमतें तीन रुपये प्रति लीटर घटकर 39 रुपये प्रति लीटर पर आ जाएंगी। एथनॉल का इस्तेमाल पेट्रोल में मिश्रण के किए किया जाता है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एथनॉल का मूल्य खुले बाजार में चीनी के उस समय के मूल्य तथा मांग-आपूर्ति की स्थिति के आधार पर निर्धारित होगा। उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी मूल्य व्यवस्था बाजार आधारित होना चाहिए। हम एथनॉल के मामले में भी उसी दिशा में बढ़ रहे हैं।’’

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने पेट्रोल में मिश्रण के लिए एथनॉल की खरीद का मूल्य 48.50 रुपये से 49.50 रुपये प्रति लीटर तय किया था। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों को कभी भी 48.50 रुपये का मूल्य नहीं दिया गया। उन्हें 42 रुपये दिए गए। 48.50 रुपये के मूल्य में उत्पाद शुल्क, वैट ओर अन्य शुल्क तथा परिवहन की लागत शामिल है। सरकार द्वारा तय नियम के मुताबिक पेट्रोलियम कंपनियों को पेट्रोल में अनिवार्य रूप से 10 प्रतिशत एथनॉल का मिश्रण करना होता है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने आज सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को आपूर्ति किए जाने वाले एथनॉल के मूल्यों में संशोधन की व्यवस्था को मंजूरी दे दी। इसके जरिये पेट्रोलियम कंपनियों को अपने एथनॉल मिश्रण वाले पेट्रोल कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

अब एक दिसंबर, 2016 से 30 नवंबर, 2017 तक एथनॉल की आपूर्ति का मूल्य 39 रुपये प्रति लीटर होगा। इसके अलावा एथनॉल आपूर्तिकर्ताओं को उत्पाद शुल्क और वैट-जीएसटी तथा परिवहन शुल्क के मामले में अतिरिक्त शुल्क का भुगतान किया जाएगा जिसका निर्णय पेट्रोलियम विपणन कंपनियां करेंगी। बयान में कहा गया है कि यदि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को पेट्रोल का खुदरा मूल्य घटाने-बढ़ाने की जरूरत होगी, तो एथनॉल के आपूर्ति वर्ष के दौरान इस वृद्धि-कटौती को एथनॉल की खरीद की निर्धारित लागत में उसी अनुपात में शामिल किया जाएगा। सरकार एथनॉल आपूर्ति की अवधि एक दिसंबर, 2016 से 30 नवंबर, 2017 के दौरान आर्थिक स्थिति और अन्य संबंधिक कारकों के आधार पर एथनॉल मूल्यों की समीक्षा और संशोधन करेगी।

आयात पर निर्भरता घटाने के मकसद से सरकार ने 2003 में पेट्रोल में पांच प्रतिशत एथनॉल का मिश्रण शुरू किया था। इसकी मात्रा को बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाना था। लेकिन 2006 से पेट्रोलियम विपणन कंपनियों को उनके द्वारा निकाली गई निविदा में निर्धारित मात्रा में एथनॉल के लिए पेशकशें नहीं मिल पाईं। इसके लिए राज्य संबंधित मुद्दों, आपूर्तिकर्ता संबंधित मुद्दे (एथनॉल के मूल्य का मुद्दा) शामिल हैं। एथनॉल की आपूर्ति बढ़ाने के लिए एथनॉल मूल्य के लिए एक नई व्यवस्था की जरूरत महसूस की जा रही थी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़