Coronavirus ने दिया निवेशकों को ''अटैक'', बेहाल हुआ घरेलू शेयर बाजार

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निधि अविनाश । Feb 28 2020 11:52AM

बता दें कि सेंसेक्स की तेजी गिरावट से निवेशकों का साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये डूब गया है। भारत के अलावा इसका असर अमेरिकी बाजार में भी देखने को मिला। बता दें कि अमेरिकी शेयर मार्केट के मुताबिक डाउ जोंस में भी एक हजार अंकों की गिरावट दर्ज की गई है।

नई दिल्ली। कोरोना वायरस का प्रकोप न सिर्फ लोगों की जान ले रहा बल्कि दुनिया भर के इकोनॉमी को भी काफी नुकसान पहुंचा रहा है। बता दें कि शुक्रवार को कई देशों के शेयर बाजारों में लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट देखी गई। इसका असर चीन में तो देखने को मिल ही रहा है लेकिन अब इसका असर भारत के शेयर बाजारों में भी देखने को मिला।

हफ्ते के आखिरी दिन भारत के बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 1000 से ज्यादा अंक टूट गया जिसकी वजह से निवेशकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। बता दें कि सेंसेक्स की तेजी गिरावट से निवेशकों का साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये डूब गया है। भारत के अलावा इसका असर अमेरिकी बाजार में भी देखने को मिला। बता दें कि अमेरिकी शेयर मार्केट के मुताबिक डाउ जोंस में भी एक हजार अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। शेयर बाजार में नवंबर 2016 के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।  

किस-किस कपंनी को हुआ नुकसान?

कोरोना वायरस की महामारी की वजह से शेयर बाजार में बहुत तेजी से गिरावट आई जिसकी वजह से जिन कंपनियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है वह फार्मा, रियल्टी, मेटल इंडेक्स, बैंक है। इन कंपनियों के शेयर मार्केट काफी तेजी से नीचे गए है। 

बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1163 अंक यानी 2.93 प्रतिशत गिरकर 38,582.66 अंक पर चल रहा था। एनएसई का निफ्टी भी 350.35 यानी 3.01 प्रतिशत गिरकर 11,282.95 अंक पर चल रहा था।

सेंसेक्स की सभी 30 कंपनियों के शेयर गिरावट में चल रहे थे। टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, एचसीएल टेक और रिलायंस इंडस्ट्रीज में आठ प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली।

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बृहस्पतिवार को सेंसेक्स 143.30 अंक यानी 0.36 प्रतिशत गिरकर 39,745.66 अंक पर और निफ्टी 45.20 अंक यानी 0.39 प्रतिशत टूटकर 11,633.30 अंक पर बंद हुआ था। विश्लेषकों के अनुसार, निवेशकों का पिछले सप्ताह तक मानना था कि यदि चीन ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू पा लिया तो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इस आपदा का मामूली असर पड़ेगा। लेकिन संक्रमित लोगों के नये मामले सामने आते जाने से निवेशकों की धारणा बदली है और वे आर्थिक नरमी को लेकर चिंतित हो उठे हैं।

इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली जारी रहने से भी बाजार पर दबाव है। प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार, बृहस्पतिवार को एफपीआई ने 3,127.36 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की। एशियाई बाजारों में चीन के शंघाई कंपोजिट, हांगकांग के हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया के कोस्पी और जापान के निक्की में चार प्रतिशत तक की गिरावट चल रही थी।

अमेरिका का डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज बृहस्पतिवार को 1,190.95 अंक गिरकर बंद हुआ था। यह डाउ जोन्स के इतिहास में सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है। 

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