सीमाशुल्क विभाग आयातित वस्तुओं के लिए 5 सितंबर से एक समान जांच प्रणाली शुरू करेगा

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सीमाशुल्क विभाग आयातित वस्तुओं के लिए पांच सितंबर से एक समान जांच प्रणाली शुरू करेगा।जोखिम आधारित यह जांच बीओई के लिए दूसरी जांच होगी। इसमें माल को भौतिक जांच के लिए भेजा जाना अनिवार्य नहीं होगा बल्कि सीमा शुल्क अधिकारी आयातित सामान का आकलन अधिकारियों के समक्ष जमा किए गए दस्तावेजों के आधार पर करेंगे।

नयी दिल्ली। सीमा शुल्क विभाग आयातित वस्तुओं को मंजूरी देने के लिए देश में मानकीकृत जोखिम आधारित ऐसी प्रणाली शुरू करेगा जिसमें आमना-सामना हुए बिना मूल्यांकन (फेसलेस मूल्यांकन प्रणाली) किया जाता है। इसकी चरणबद्ध शुरुआत पांच सितंबर से धातु की आयातित वस्तुओं के साथ की जाएगी। इससे सीमा शुल्क जांच में एकरूपता आएगी, माल की खेप को मंजूरी मिलने में लगने वाला समय कम होगा और कारोबारी सुगमता बढ़ेगी। अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने अधिकारियों के लिए जारी परिपत्र में कहा है कि नेशनल कस्टम्स टारगेटिंग सेंटर (एनसीटीसी) ने विभिन्न मानकों के आधार पर बिल ऑफ एंट्री (बीओई) के लिए प्रणाली जनित केंद्रीकृत जांच आदेश विकसित किया है और इसे चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा।

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जोखिम आधारित यह जांच बीओई के लिए दूसरी जांच होगी। इसमें माल को भौतिक जांच के लिए भेजा जाना अनिवार्य नहीं होगा बल्कि सीमा शुल्क अधिकारी आयातित सामान का आकलन अधिकारियों के समक्ष जमा किए गए दस्तावेजों के आधार पर करेंगे। बीओई को आयातक या उनके एजेंट आयातित सामान के आने से पहले सीमा शुल्क विभाग में जमा करते हैं। सीबीआईसी ने कहा, ‘‘यह निर्णय हुआ है कि मानकीकृत सीमा शुल्क जांच प्रक्रिया की शुरुआत धातु की वस्तुओं के निरीक्षण के साथ पांच सितंबर 2022 से शुरू की जाएगी।’’ इसमें कहा गया कि इससे जांच में एकरूपता आने, इसमें लगने वाला समय और लागत कम होने का अनुमान है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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