खाद्य तेल संगठन का सरकार से रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्क बढ़ाने का अनुरोध

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खाद्य तेल उद्योग संगठन एसईए ने सरकार से रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का अनुरोध किया है। यह वर्तमान में 12.5 प्रतिशत है।

खाद्य तेल उद्योग संगठन एसईए ने सरकार से रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का अनुरोध किया है। यह वर्तमान में 12.5 प्रतिशत है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने घरेलू रिफाइनरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को इस संबंध में पत्र लिखा है। एसईए ने बताया कि कच्चा पामतेल (सीपीओ) और रिफाइंड पाम ऑयल (पामोलीन) के बीच शुल्क का अंतर केवल 7.5 प्रतिशत है।

इसके कारण रिफाइंड पाम ऑयल (पामोलीन) का अधिक आयात होता है और घरेलू रिफाइनिंग उद्योग की पूरी क्षमता का उपयोग नहीं हो पाता है। एसईए के अध्यक्ष अजय झुनझुनवाला और एशियन पाम ऑयल एलायंस (एपीओए) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी द्वारा हस्ताक्षरित पत्र के अनुसार, ‘‘भारत में 7.5 प्रतिशत का कम शुल्क अंतर का होना, इंडोनेशियाई और मलेशिया के खाद्यतेल प्रसंस्करण करने वाले उद्योग के लिए वरदान है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सीपीओ और रिफाइंड पामोलिन/पाम तेल के बीच शुल्क अंतर को मौजूदा 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर कम से कम 15 प्रतिशत करने की आवश्यकता है। सीपीओ शुल्क में किसी भी बदलाव के बिना आरबीडी पामोलिन शुल्क को मौजूदा 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जा सकता है।’’ उद्योग संगठन ने तर्क दिया है कि 15 प्रतिशत का शुल्क अंतर रिफाइंड पामोलिन आयात को कम करने में मदद करेगा और इसकी जगह कच्चे पाम तेल का आयात बढ़ेगा।

एसईए ने आश्वासन दिया, ‘‘इससे देश में कुल आयात प्रभावित नहीं होगा और इसका खाद्य तेल मुद्रास्फीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके विपरीत, यह हमारे देश में क्षमता उपयोग और रोजगार सृजन की स्थिति में सुधार करने में मदद करेगा।’’ एसोसिएशन ने आग्रह किया कि मंत्री इस मुद्दे को देखें और घरेलू पाम तेल प्रसंस्करण उद्योग को बर्बाद होने से बचाने के लिए कदम उठाएं। भारत इंडोनेशिया और मलेशिया से बड़ी मात्रा में पाम तेल का आयात करता है।देश में पामोलिन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारतीय रिफाइनर द्वारा सीपीओ का आयात किया जाता है। सीपीओ का आयात रोजगार पैदा करने के अलावा देश के भीतर मूल्य संवर्धन में मदद करता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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