देश में Electricity consumption मार्च में 0.74 प्रतिशत घटकर 127.52 अरब यूनिट पर

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बिजली की खपत अगस्त, 2019 के 111.52 अरब यूनिट से दो प्रतिशत से अधिक घटकर 109.21 अरब यूनिट रह गई थी। इस दौरान कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण बिजली की खपत में कमी आई थी।

नयी दिल्ली। देश में बिजली की खपत मार्च, 2023 में 0.74 प्रतिशत घटकर 127.52 अरब यूनिट (बीयू) रह गई। यह 31 माह में पहली मौका है जबकि बिजली की खपत घटी है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। बिजली की खपत में कमी का प्रमुख कारण देश में पश्चिमी विक्षोभ से भारी बारिश और मार्च में तापमान कम रहना है। इससे पहले अगस्त, 2020 में बिजली की खपत में गिरावट आई थी। उस समय बिजली की खपत अगस्त, 2019 के 111.52 अरब यूनिट से दो प्रतिशत से अधिक घटकर 109.21 अरब यूनिट रह गई थी। इस दौरान कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण बिजली की खपत में कमी आई थी।

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विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि आर्थिक गतिविधियों में और सुधार के साथ-साथ तापमान चढ़ने से अप्रैल में बिजली की मांग और खपत बढ़ेगी। आंकड़ों के अनुसार, बिजली की खपत मार्च, 2022 में 128.47 अरब यूनिट (बीयू) थी। यह मार्च, 2021 में 120.63 अरब यूनिट थी। वहीं मार्च, 2020 में यह 98.95 अरब यूनिट रही थी। आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च, 2023 में अधिकतम बिजली की मांग यानी एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति बढ़कर 209.01 गीगावॉटहो गई। मार्च, 2022 में अधिकतम बिजली की मांग 199.43 गीगावॉट और मार्च, 2021 में 185.89 गीगावॉट थी। वहीं महामारी से पहले मार्च, 2020 में बिजली की अधिकतम मांग 170.16 गीगावॉट थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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