संकट में कुट्टनाड के किसान, यूडीएफ के प्रतिनिधिमंडल ने लिया फसल नुकसान का जायजा

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भयंकर गर्मी के मौसम में बारिश की वजह से फसल के नुकसान को देखते हुये एक किसान द्वारा कथित आत्महत्या किये जाने के एक दिन बाद, विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को किसानों से मिलने और फसल के नुकसान का जायजा लेने के लिए यहां ऊपरी कुट्टनाड क्षेत्र का दौरा किया।

अलप्पुझा। भयंकर गर्मी के मौसम में बारिश की वजह से फसल के नुकसान को देखते हुये एक किसान द्वारा कथित आत्महत्या किये जाने के एक दिन बाद, विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को किसानों से मिलने और फसल के नुकसान का जायजा लेने के लिए यहां ऊपरी कुट्टनाड क्षेत्र का दौरा किया। ऊपरी कुट्टनाड क्षेत्र मेंकोट्टायम के कुछ हिस्से के अलावा, पथनमथिट्टा और अलप्पुझा जिले शामिल हैं। इस क्षेत्र में हाल की भारी बारिश के कारण फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीसन और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के सुधाकरन ने किया।

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बाद में प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश की एलडीएफ सरकार पर बरसते हुये कहा कि वह किसानों के मुद्दों और उनकी समस्याओं की पूरी तरह अनदेखी कर रही है और विधानसभा में आश्वासन दिये जाने के बावजूद उनकी सुरक्षा के लिये कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सेमी हाई स्पीड रेल कोरिडोर परियोजना को लेकर आगे बढ़ रही है जिस पर 2.5 लाख करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं लेकिन असहाय किसानों को देने के लिये उनके पास पैसे नहीं हैं।

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सतीसन ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इन किसानों ने अत्यधिक ब्याज पर कर्ज लेकर और अपने गहने गिरवी रखकर खेती के लिए पैसा जुटाया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई फसल बीमा योजना में बहुत कम लोग ही पंजीकरण करा पाए हैं और जो लोग पहले ही इसमें शामिल हो चुके हैं, उन्हें इसकी बहुत कम राशि मिल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि घनी आबादी वाले इलाकों में भी बाढ़ आ गई और कुट्टनाड के लोग अपने घरों से भागने के लिये मजबूर हो गए हैं, लेकिन सत्तारूढ़ माकपा सरकार इन मुद्दों को हल्के में ले रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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