समर्थ कार्यक्रम के माध्यम से देश भर में 6 लाख से अधिक कारीगरों को समर्थन दे रही है फ्लिपकार्ट

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फ्लिपकार्ट ने एक बयान में कहा कि समर्थ कार्यक्रम छह लाख कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों की आजीविका को समर्थन प्रदान करता है, जो गैर-सरकारी संगठनों तथा सरकारी संस्थाओं के साथ साझेदारी के माध्यम से कारीगरों को सहायता प्रदान करता है।

नयी दिल्ली। वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली कंपनी फ्लिपकार्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह अपने समर्थ कार्यक्रम के माध्यम से देश भर में छह लाख से अधिक कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों को समर्थन प्रदान करती है तथा ऐसे अन्य विक्रेताओं को मंच प्रदान कर उनकी मदद कर रही है। समर्थ कार्यक्रम पिछले साल लांच किया गया था। इसके तहत कंपनी ने पांच गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ भागीदारी की थी, ताकि कारीगरों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए ऑनलाइन बाज़ार का उपयोग करने में मदद मिल सके। 

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फ्लिपकार्ट ने एक बयान में कहा कि समर्थ कार्यक्रम छह लाख कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों की आजीविका को समर्थन प्रदान करता है, जो गैर-सरकारी संगठनों तथा सरकारी संस्थाओं के साथ साझेदारी के माध्यम से कारीगरों को सहायता प्रदान करता है। फ्लिपकार्ट के वरिष्ठ निदेशक एवं मार्केटप्लेस के प्रमुख जगजीत हरोडे ने कहा, ‘‘हमने जो प्रगति की है, उससे हम बहुत उत्साहित हैं और हमारा उद्देश्य इस पहल को आगे ले जाना है।’’ पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि कोविड-19 के पहले के स्तर के मुकाबले, विभिन्न उत्पाद श्रेणियों में मांग का स्तर अधिक मजबूत है। केंद्रीय पशुपालन राज्य मंत्री, डेयरी, मत्स्य पालन और एमएसएमई, प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) का भारतीय अर्थव्यवस्था में जीवंत व गतिशील योगदान है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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