कम अधिभार का लाभ चाहिए तो FPI खुद को कॉरपोरेट में बदले: CBDT प्रमुख

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सीबीडीटी के चेयरमैन पी सी मोदी ने बुधवार को कहा कि विदेशी निवेशक यदि निचले अधिभार का लाभ लेना चाहते हैं तो उनके पास खुद को कॉरपोरेट इकाई में बदलने का विकल्प है और वे उस स्थिति में अधिभार की हल्की दरों का लाभ के पात्र हो सकते हैं।

नयी दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को उनके कारोबार के वर्तमान ढ़ांचे के तहत बढ़े अधिभार की दर से किसी तरह की राहत देने से इनकार किया है। सीबीडीटी के चेयरमैन पी सी मोदी ने बुधवार को कहा कि विदेशी निवेशक यदि निचले अधिभार का लाभ लेना चाहते हैं तो उनके पास खुद को कॉरपोरेट इकाई में बदलने का विकल्प है और वे उस स्थिति में अधिभार की हल्की दरों का लाभ के पात्र हो सकते हैं। 

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मोदी ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दो करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वाले लोगों पर अधिभार लगाने की पीछे विचार यह है कि जिन लोगों में अधिक कर देने की क्षमता है उन्हें राष्ट्र निर्माण के लिए ऐसा करना चाहिए। सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि आधार दर में बदलाव नहीं किया गया है। अधिभार में बदलाव हुआ है। इससे एफपीआई और वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) प्रभावित हुए हैं। लेकिन एक बार फिर उनके पास कॉरपोरेट ढांचा अपनाने का विकल्प है। मुझे नहीं लगता कि उनके साथ कोई अलग बर्ताव हो रहा है।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट में अत्यधिक अमीर यानी धनाढ्यलोगों पर आयकर अधिभार बढ़ा दिया है। इससे करीब 40 प्रतिशत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) स्वत: तरीके से ऊंचे कर के दायरे में आ गए है। ये एफपीआई गैर कॉरपोरेट इकाई यानी ट्रस्ट या लोगों के एसोसिएशन के रूप में निवेश कर रहे हैं। आयकर कानून के तहत कराधान के उद्देश्य से यह एक व्यक्तिगत करदाता के रूप में वर्गीकृत है। 

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मोदी ने कहा कि अधिभार बढ़ाने का मकसद उन करदाताओं को लाभ देना है जो आयकर स्लैब के निचले स्तर पर हैं। उन्होंने कहा कि एक विकल्प कर दरों में बढ़ोतरी का था लेकिन इसे अनुकूल नहीं माना गया। विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों के पूंजीगत लाभ पर अधिभार कम है। ऐसे में एफपीआई कम अधिभार देना चाहते हैं तो खुद को कंपनी में बदल सकते हैं। करीब 60 प्रतिशत एफपीआई या एफआईआई कंपनी मार्ग चुनकर आए हैं और वे कम अधिभार चुका रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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