भारत, चीन नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों में ज्यादा निवेश कर रहे: केरी

न्यूयार्क। भारत, चीन और ब्राजील जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने विकसित विश्व के मुकाबले नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों में ज्यादा निवेश किया। यह बात अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने कही। केरी ने कहा इतिहास में पहली बार, कोयले, कच्चे तेल तथा गैस की कम कीमत के बावजूद विश्व में ज्यादातर राशि का निवेश जीवाश्म ईंधन संयंत्रों के बजाय नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के प्रोत्साहन पर खर्च हुआ है। केरी ने ब्लूमबर्ग न्यू एनर्जी फिनांस समिट में मंगलवार को यहां कहा, ‘‘पिछले दशक में वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा बाजार छह गुना से अधिक बढ़ा है। पिछले साल, नवीकरणीय ऊर्जा पर करीब 330 अरब डालर का निवेश हुआ जो अब तक का उच्चतम स्तर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक किस्म की क्रांति है। यह सिर्फ औद्योगीकृत देशों में नहीं हो रहा। दरअसल, चीन, भारत और ब्राजील जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने पिछले साल विकसित देशों के मुकाबले नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों में ज्यादा निवेश किया है।’’ अकेले चीन ने 100 अरब डालर से ज्यादा का निवेश किया है। केरी ने भारत की 2030 तक लगभग आधी बिजली गैर जीवाश्म आधारित स्रोतों से उत्पादित करने की योजना से अमेरिकी कंपनियों के लिए पेश आर्थिक अवसरों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत ने 2030 तक 40 प्रतिशत बिजली गैर-जीवाश्म आधारित स्रोतों से प्राप्त करने की योजना बनाई है। केरी ने कहा, ‘‘अमेरिकी कंपनियां भारत की परियोजनाओं के लिए बोली लगा रही है और स्पष्ट कहें तो बड़े तथा आकर्षक सौदे हासिल कर रही हैं।’’ उन्होंने कहा कि चीन ने भी एक लक्ष्य तय किया है जिसके लिए 800 से 1,000 गीगावाट अतिरिक्त गैर-जीवाश्म ऊर्जा उत्पादन की आवश्यकता होगी।
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