वोडाफोन की आइडिया के साथ विलय पर बातचीत

[email protected] । Jan 30 2017 5:28PM

वैश्विक दूरसंचार कंपनी वोडाफोन ने आज कहा है कि वह अपने भारतीय कारोबार का आदित्य बिड़ला समूह की आइडिया सेल्युलर के साथ विलय करने पर बातचीत कर रही है।

वैश्विक दूरसंचार कंपनी वोडाफोन ने आज कहा है कि वह अपने भारतीय कारोबार का आदित्य बिड़ला समूह की आइडिया सेल्युलर के साथ विलय करने पर बातचीत कर रही है। यदि यह सौदा हो जाता है तो विलय के बाद बनी कंपनी मोबाइल दूर संचार क्षेत्र में एयरटेल को पीछे छोड़ते हुए देश की सबसे बड़ी इकाई होगी। वोडाफोन ने एक बयान में कहा, ‘‘वोडाफोन यह पुष्टि करती है कि वह आदित्य बिड़ला समूह के साथ विलय के बारे में बातचीत कर रही है। वोडाफोन इंडिया और आइडिया के बीच पूरी तरह शेयरों पर आधारित विलय की बीच विलय की बात है। (इसमें वोडोफोन की इंडस टावर्स की 42 प्रतिशत हिस्सेदारी को अलग रखा गया है।)’’

बयान के मुताबिक जो भी विलय होगा उसमें वोडाफोन को आइडिया में नए शेयर जारी किए जाएंगे और इससे इससे वोडाफोन इंडिया का विघटन होगा। सीएलएसए की एक रपट के अनुसार वोडाफोन-आइडिया को मिलाकर बनने वाली नयी कंपनी के पास 2018-19 तक मोबाइल बाजार की 43 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी ओर यह पहले नंबर पर होगी। दूसरे नंबर में भारती एयरटेल के पास 33 प्रतिशत और रिलायंस जियो की 13 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी वोडाफोन ने इस संभावित समझौते के बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया है। उसका कहना है कि ‘‘अभी यह न तो यह पक्का है कि सौदे पर सहमति बन ही जाएगी और न ही इसकी शर्तों और समय के बारे में कुछ तय है।’’ अभी देश में एयरटेल 26.34 करोड़ ग्राहकों के साथ देश में सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता है वहीं वोडाफोन इंडिया 20.028 करोड़ ग्राहकों के साथ दूसरी और आइडिया सेल्यूलर 18.77 करोड़ ग्राहकों के साथ तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है।

सीएलएसए ने कहा था कि उसके विश्लेषण में इन दोनों कंपनियों के संभावित विलय की जानकारी सामने आई थी और इस तरह के विलय से इस उद्योग की सूरत ही बदल जाएगी। बंबई शेयर बाजार को भेजी गयी एक सूचना में आइडिया सेल्युलर ने कहा कि वह अपने शेयरधारकों के निवेश का मूल्य संवर्धन करने के लिए लगातार नए अवसरों का आकलन करता रहता है। ''इसी प्रयास के तहत कंपनी ने वोडाफोन से प्रारंभिक बातचीत में लगी है।’’ इसके अनुसार यह बातचीत ‘बराबरी के अधिकार’ के आधार पर है।

आइडिया ने कहा कि अभी बातचीत शुरूआती दौर में हैं। इसलिए इस बारे में ज्यादा जानकारी साझा नहीं की जा सकती है। इसी बीच वोडाफोन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि संभावित विलय के बारे में यह बातचीत का मुख्य उद्येश्य भारती बाजार में अपने निवेश को पूरी तरह बनाए रखना और एक नयी बड़ी कंपनी के रूप में निवेश का मूल्य-संवर्धन करना है। सीएलएसए ने कहा है उसके विश्लेषण के अुनसार वोडाफोन इंडिया के लिए आइडिया सेल्यूलर के साथ विलय सबसे अच्छा सौदा रहेगा। इससे कंपनी को आईपीओ लाए बगैर पिछवाड़ से स्थानीय शेयर बाजार में सूचीबद्धता प्राप्त हो जाएगी।

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