सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को और पूंजी उपलब्ध कराएं: मूडीज

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बाजार से धन नहीं जुटा सकते हैं, इसलिए सरकार को उनकी कर्ज शोधन क्षमता बढ़ाने के लिए निकट भविष्य में उन्हें और शेयर पूंजी उपलब्ध करानी चाहिए। मूडीज ने आज यह बात कही। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस की उपाध्यक्ष वित्तीय संस्थान समूह अल्का अन्बरासू ने कहा, ‘‘यदि सरकार अपनी पूंजी डालने की योजना का विस्तार नहीं करती है, तो यह बैंकों के वित्तीय साख पर प्रतिकूल दबाव बन सकता है।’’ उन्होंने कहा कि कई सरकारी बैंकों की कमजोर कर्ज शोधन क्षमता को देखते हुए हमारा मानना है कि सुधारात्मक उपायों के लिए बाहर से बड़ी पूंजी की जरूरत होगी। निकट भविष्य में बैंकों के पूंजी बाजार में उतरने की संभावना नहीं होने की वजह से हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार उन्हें पूंजीगत समर्थन उपलब्ध कराएगी।
डूबे कर्ज की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। दिसंबर के अंत तक उनकी गैर निष्पादित आस्तियां 3.7 लाख करोड़ रुपये थी। रिजर्व बैंक के निर्देश के बाद सरकारी बैंक संपत्ति की गुणवत्ता की समीक्षा कर रहे हैं और इससे उनका डूबा ऋण और प्रावधान बढ़ा है। रिजर्व बैंक ने सरकारी बैंकों से अपने बही खातों को मार्च, 2017 तक साफसुथरा बनाने को कहा है।
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